‘प्राईवेट जेट की उडारी’ नियमों की उल्लंघना भारी, न कोई टैंडर, न कोई कुटेशन

Private jets
  •  दिल्ली से चंडीगढ़ और दिल्ली से गुजरात के लिए दर्जनों बार लिए जा चुके हैं प्राईवेट जैट
  •  नियमों अनुसार एक से अधिक कम्पनियों से कुटेशन या फिर टैंडर लेना जरूरी

सच कहूँ/अश्वनी चावला
चंडीगढ़। प्राईवेट जैट की उडारी पंजाब के नियमों पर काफी ज्यादा भारी पड़ती नजर आ रही है। पिछले 7 महीनों दरमियान पंजाब सरकार ने दर्जनों बार प्राईवेट जैट किराये पर लिया है लेकिन प्राईवेट जैट को किराये पर लेने से पहले न ही प्राईवेट कम्पनियों से कुटेशन ली जा रही हैं और न ही कोई टैंडर मांगा गया है, जिस कारण लगातार पंजाब में नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए हवाई सफर किया जा रहा है। एक बार नहीं लगातार नियमों को तोड़ने के चलते आॅडिट रिपोर्ट में पंजाब सरकार के अधिकारियों की खिंचाई होना भी तय माना जा रहा है। हवाबाजी विभाग के अधिकारी भी इस संबंधी गलती मान रहे हैं लेकिन उनकी तरफ से कोेई तसलीबख्श जवाब नहीं दिया जा रहा। वहीं हैरानी इस बात की है कि यह नियम पंजाब के सीएम भगवंत मान के लिए तोड़े जा रहे हैं, क्योंकि उनकी तरफ से ही लगातार प्राईवेट जैट में सफर किया जा रहा है लेकिन इन नियमों की उल्लंघना के बारे में जानकारी सीएम मान को नहीं दी जा रही है।

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जानकारी के अनुसार पंजाब में आम आदमी पार्टी के आने के बाद सीएम मान पिछले 7 महीनों में लगातार दिल्ली दौरे पर रहते हैं। पहले सरकार में मुख्यमंत्रियों द्वारा सरकारी हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन मौजूदा सरकार में हैलीकॉप्टर की जगह पर प्राईवेट जैट ही दिल्ली आने और जाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। सीएम मान के लिए दिल्ली आने और जाने के लिए दर्जनों बार प्राईवेट जैट किराये पर लिया गया है तो वहीं पिछले कुछ महीनों में दिल्ली के अलावा सीएम मान गुजरात के दौरे पर भी रहे हैं। दिल्ली और गुजरात जाने के लिए पंजाब सरकार ने लगभग हर बार ही प्राईवेट जैट किराये पर लिया है। प्राईवेट जैट किराये पर लेने से पहले पंजाब सरकार के उड्डयन विभाग के अधिकारी किसी भी तरह की कुटेशन या फिर टैंडर नहीं ले रहे, जबकि नियमों अनुसार किसी भी तरह का सरकारी खर्च करने या फिर किराये पर लेने के लिए टैंडर जारी करना जरूरी है। अगर कम समय हो तो और टैंडर करना संभव न हो तो इस दौरान कम से कम कुटेशन लेना तो बहुत ही जरूरी है लेकिन यह भी एक या दो बार ही किया जा सकता है, इसके बाद भी अगर प्राईवेट जैट किराये पर लेना हो तो तब इसके लिए टैंडर करना जरूरी है। पंजाब सरकार के वित्त विभाग और विभागी आदेशों की पालना प्राईवेट जैट को किराये पर लेने मौके नहीं की जा रही है।

लाखों रूपयों में पड़ रहा एक सफर, करोड़ों रूपये हुए खर्च

पंजाब में किसी भी कम्पनी के पास प्राईवेट जैट नहीं है। इसलिए दिल्ली से ही ज्यादातर प्राईवेट जैट किराये पर लिया जा रहा है। इसलिए पहले दिल्ली से प्राईवेट जैट सफर करते हुए चंडीगढ़ आता है और सीएम भगवंत मान को लेकर दिल्ली जाता है। इसके बाद वापिसी मौके दिल्ली से चंडीगढ़ छोड़ने के बाद प्राईवेट जैट खाली दिल्ली जाता है लेकिन प्राईवेट जैट द्वारा पूरे सफर का ही खर्च लिया जा रहा है। प्राईवेट कंपनी द्वारा डेढ लाख रूपये से लेकर 3 लाख रूपये तक प्रति घंटा खर्च लिया जा रहा है। एक दिल्ली का सफर ही कई लाखों रूपयों में पड़ रहा है। पंजाब सरकार अब तक कई करोड़ रूपये प्राईवेट जैट को किराये पर लेने के लिए खर्च कर चुकी है।

नियमों की पालना करने संबंधी होगी जांच : सोनाली

उड्डयन विभाग की डायरैक्टर सोनाली गिरी ने कहा कि वह जांच करेंगे कि विभाग द्वारा प्राईवेट जैट को किराये पर लेने के लिए नियमों औ प्रक्रिया की पालना की जा रही है या फिर नहीं।

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