BLOs Protests in Kolkata: कोलकाता। राजधानी कोलकाता में मंगलवार को ब्लॉक लेवल अधिकारियों (बीएलओ) ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के बाहर कार्यभार को लेकर जोरदार विरोध दर्ज कराया। बीएलओ का कहना है कि विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य में अत्यधिक दबाव डालकर उनसे लंबे समय तक काम कराया जा रहा है, जिससे उनका मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। शांतिपूर्ण तरीके से अपनी समस्याएँ रखने पहुँचे बीएलओ को पुलिस ने कुछ दूरी पर ही रोक लिया और उन्हें बसों में बैठाकर वहाँ से हटाया, जिसके चलते वातावरण तनावपूर्ण हो गया। West Bengal News
एक बीएलओ ने बताया कि वे बीएलओ अधिकार संरक्षण समिति के बैनर तले संगठित होकर अपनी मांगें रखने आए थे। उनका कहना है कि एसआईआर के दौरान प्रतिदिन 10–12 घंटे लगातार फील्ड में काम करना पड़ता है, जबकि उचित सुरक्षा, संसाधन और समय उपलब्ध नहीं कराया जा रहा। कई कर्मचारियों के बीमार पड़ने तथा कुछ के असमय निधन होने तक की घटनाएँ सामने आई हैं। बीएलओ का प्रश्न है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने वाले कर्मचारियों के साथ इतना भारी दबाव बनाना कहाँ तक उचित है?
भाजपा नेता साजल घोष ने इस आंदोलन को निराधार बताया
दूसरी ओर, भाजपा नेता साजल घोष ने इस आंदोलन को निराधार बताते हुए कहा कि प्रदर्शन में शामिल लोग वास्तविक बीएलओ नहीं हैं। उनके अनुसार, लगभग 84 हजार बीएलओ में से केवल कुछ लोग ही स्थल पर पहुंचे, जबकि अधिकांश कर्मचारी अपने कार्य में लगे हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि एसआईआर का लगभग 70 प्रतिशत कार्य पहले ही पूरा हो चुका है और पहला चरण दिसंबर के पहले सप्ताह से पहले ही समाप्त हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि विरोध करने वाले लोग राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं और उन्हें एसआईआर प्रक्रिया की जानकारी तक नहीं है।
फिलहाल प्रदर्शनकारी बीएलओ ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी समस्याओं पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखेंगे। वहीं प्रशासन स्थिति पर नजदीकी निगाह बनाए हुए है और हालात को शांतिपूर्ण बनाए रखने के प्रयास जारी हैं। West Bengal News















