बूंदी। बूंदी जिले के गामछ गाँव निवासी रामकरण ने अपनी दुकान से विभिन्न प्रकार के गुटके एवं जर्दे के पाउच निकाल कर आग के हवाले कर दिया। रामकरण ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों के समझाने पर मुझे समझ आई कि नशा नहीं बेचना चाहिये। इससे बड़ी संख्या में घर बर्बाद हो रहे हैं। उसने मौके पर ही अपनी दुकान से सारे पाउच निकाले और आग के हवाले कर दिया। उसने कहा कि भगवान मुझे हिम्मत देना कि मैं दोबारा अपनी दुकान पर नशे की सामग्री नहीं बेचूं और नशा नहीं करने के लिए सभी को प्रेरित कर सकूं।
पूज्य गुरु जी समाज के गणमान्यजन लोगों व सरकार से नशों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने का आह्वान लगातार कर रहे हैं। इसका असर समाज में दिखने भी लगा है। रोजाना लाखों लोग नशा व बुराइयां छोड़कर इंसानियत के मार्ग पर अग्रसर हो रहे हैं। इसी क्रम में लक्ष्मणगढ़, राजस्थान निवासी पप्पू चौहान ने DEPTH मुहिम के तहत नशा छोड़ा और कहा कि मैं आज नशा त्याग रहा हूं और नारा लगाता हूं ‘धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा’। आपको बता दें कि पूज्य गुरु जी बरनावा आश्रम में 40 दिन की रूहानी यात्रा पर आए थे और इस दौरान सत्संग कर हर रोज लाखों लोगों का नशा छूड़वाकर राम-नाम से जोड़ा।
नशा आदमी के फेफड़ों को खत्म कर रहा है: WHO
डब्लूएचओ के अनुसार, सिगरेट पीने की वजह से हर वर्ष 8 करोड़ टन कार्बन डाई आॅक्साइड पर्यावरण में मिल रही है, जिससे वायुमंडल जहरीला होता जा रहा है। इससे पता चलता है कि स्मोकिंग न केवल इन्सानों के फेफड़ों को खत्म कर रही है बल्कि पर्यावरण को भी तबाह कर रही है। ऐसे में अगर आप भी बीड़ी-सिगरेट, तम्बाकू की लत में फंसे हुए है तो जल्द ये छोड़ दे।
तम्बाकू एक धीमा जहर
तम्बाकू एक प्रकार के निकोटियाना प्रजाति के पेड़ के पत्तों को सुखा कर नशा करने की वस्तु बनाई जाती है। दरअसल तम्बाकू एक मीठा जहर है, तंबाकू निकोटिया टैबेकम पौधे से प्राप्त किया जाता है। यह एक धीमा जहर की तरह धीरे -धीरे आदमी की जान ले लेता है। सरकार को भी शायद यह पता नहीं कि तम्बाकू से वह जितना राजस्व प्राप्त करती है, उससे ज्यादा तम्बाकू से उत्पन्न रोगों के इलाज पर खर्च किया जाता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि तम्बाकू के सेवन से जीवन शक्ति का ह्रास भी होता है। व्यक्ति को पता चल भी जाता है कि तम्बाकू का सेवन करना हानिकारक है किंतु बाद में लाख छुड़ाने पर भी यह लत नहीं छूटता है और धीरे-धीरे तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति का जीवन शक्ति भी कम होता जाता है और वह अपने आपको एक तरह से विनाश के हवाले कर देता है। तंबाकू खाने से मुंह के कैंसर की बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
तम्बाकू के दुष्प्रभाव
तम्बाकू को जब गुल, गुड़ाकु,पान मसाला या खैनी, के रूप में प्रयोग करते है तो इसके कारण मुंह मे अनेक रोग उत्पन्न हो सकते है। सफेद दाग, मुँह का नहीं खुल पाना, तथा कैंसर रोग भी हो सकता है। बीड़ी-सिगरेट के पीने से शरीर में व्यापक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण हृदय के धमनियों में रक्त प्रवाह कम हो सकता है। हृदय रोग जैसे मायोकोर्डियल इनफेक्शन तथा अनजाइना हो सकता है। रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ सकता है। साँस की बीमारी जैसे ब्रोंकाइटीस, दमा, तथा फेफड़ो का कैंसर हो सकता है। इसके अतिरिक्त इसका प्रभाव शरीर के स्नायुतंत्र में पड़ता है। इसकी और बहुत सी हानियाँ हैं।
संसार में नशों की बाढ़ आई हुई है। हमारे देश की बात कर लिजिए, बहुत जगहों पर, बहुत तरहों के नशे बर्बाद कर रहे है। नशे से देश की जवानी, देश का बचपन बर्बाद होता जा रहा है और यह नशा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। बहुत सारी जिंदगियां नशा बर्बाद कर चुका है और खत्म कर चुका है तथा बहुत जिंदगियों को खत्म करने की कगार की तरफ लेकर जा रहा है। पहले एक हल्के पीले और लाल रंग की बेल हुआ करती थी, जिसके शायद अलग-अलग नाम हो, जिसे अंबर बेल भी कहते थे। यह बेल जिस पेड़ पर गिर जाती थी, उसको बर्बाद कर देती थी। आज उसी तरह नशा हमारे समाज के ऊपर गिरा हुआ है, गिरफ्त में ले रखा है नशे ने और इससे हमारा समाज खोखला होता जा रहा है।
-पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।