लालच का नतीजा

शेरसिंह एक कंपनी में काम करता था। आज वह उस कंपनी से रिटायर होने जा रहा था। उस कंपनी से रिटायर होने के उपलक्ष में कंपनी के आफिस में तैयारियां चल रही थीं। आफिस को खूब सुंदर से सजाया गया था। आफिस के कर्मचारी शेरसिंह को उपहार देने के लिए एक से बढ़कर एक चीजें ला रहे थे। कंपनी के मैनेजर मस्तराम हाथी शेरसिंह के प्रोविडेंट फंड का चेक तैयार कर रहा था। एक समारोह में शेरसिंह को भरे दिल से विदाई देते हुए मैनेजर मस्तराम हाथी ने चेक दे कर कहा, ‘इस पैसे को कहीं इन्वेस्ट कर दीजिएगा। यह आपके जीवन भर की कमाई है।

शेरसिंह चेक पा कर बहुत खुश हुआ। घर आ कर शेरसिंह ने अपनी पत्नी को चेक दिखाते हुए कहा, ‘आजकल सभी लोग अपनी बचत को शेयर बाजार में लगाकर रातोंरात मालामाल हो रहे हैं। मैं भी अपनी बचत के पैसों को शेयर बाजार में लगाऊंगा। ‘शेयर में पैसे लगाने से पहले किसी जानकार से सलाह जरूर ले लेना,झ् पत्नी समझाती हुई बोली, ‘ऐसा न हो कि हमारा पैसा डूब जाए। ‘मेरा एक दोस्त लंबू जिराफ मुझसे कुछ दिन पहले रिटायर हुआ था। उसने अपने सारे पैसे शेयर बाजार में लगा दिए थे। उसे बहुत मुनाफा हुआ, मैं जानता हूं। शेरसिंह ने कहा, ‘मैं कल ही उसके पास जाऊंगा और शेयर बाजार के बारे में पूछताछ करूंगा। अगले दिन शेरसिंह लंबू जिराफ के घर गया। ‘आओ आओ दोस्त, मेरी तरह अब तुम भी रिटायर हो गए।झ् लंबू जिराफ शेरसिंह को देखकर खुश होता हुआ बोला।

शेरसिंह ने सोफे पर बैठते हुए कहा, ‘हां, यार, रिटायर तो हो गया हूं किंतु अब मैं भी तुम्हारी तरह पैसा शेयर बाजार में लगाना चाहता हूं। मै इस बारे में तुम से सलाह लेने आया हूं। लंबू जिराफ कुछ सोचता हुआ बोला, ‘सलाह लेने आए हो तो मेरी सलाह यही है कि तुुम शेयर वेयर के चक्कर में मत पड़ो। मैंने एक ब्रोकर के चक्कर में अपनी सारी कमाई शेयर में लगा दी। मेरी मति मारी गई थी। मेरी गाढ़ी कमाई डूब गई। ‘तुम अपना पैसा बैंक में फिक्सड डिपोजिट कर दो। अच्छा ब्याज मिलेगा, उसने सलाह दी। ‘लगता है मुझे शेयर बाजार के बारे में यह कुछ बताना नहीं चाहता है’, शेरसिंह ने सोचा, ‘मुझे किसी ब्रोकर के पास जाना चाहिए’ यह सोचकर शेरसिंह वहां से उठ कर चल दिया। बाजार में शेयर ब्रोकर का एक जगह बोर्ड लगा हुआ था। बोर्ड देखकर वह आफिस के अंदर गया। आफिस में एक सियार बैठा हुआ था।

शेरसिंह ने उससे पैसे इन्वेस्ट करने की बात कही और शेयर बाजार के बारे में पूछा। ‘भाई शेयर, बाजार के बारे में क्या पूछते हो। सियार की आंखों में चमक आ गई, ‘अरे, इसमें पैसे लगाओगे तो कुछ ही दिनों में मालामाल हो जाओगे ‘कितना पैसा लगाना होगा?’ शेरसिंह ने उत्सुकता से पूछा। ‘जितना लगाओगे, उतना मुनाफा कमाओगे’। सियार ने उसे लालच देते हुए कहा। ‘मेरे पास 2 लाख रूपए हैं’ ‘सबके शेयर खरीद लो, ‘सियार ने उसे समझाते हुए कहा, ‘अभी बाजार में बहुत अच्छा शेयर आया हुआ है।’ यह कहकर उसने कुछ फार्म निकाले और उन्हें भरने लगा। फार्म भरने के बाद उसने शेरसिंह से कहा, ‘तुम कल पैसे लेकर आ जाना। तुम्हें शेयर मिल जाएंगे।

शेरसिंह ने जब यह बात अपनी बीवी को बताई तो वह तुनक कर बोली ‘तुम्हारा दिमाग तो नहीं फिर गया है। सारे पैसे शेयर में लगाओगे। अगर लगाना ही है तो 25-5० हजार रूपए लगाओ। ‘तुम समझती नहीं हो, ‘शेरसिंह ने कहा, ‘कम पैसे लगाने से कम मुनाफा होगा। इसलिए मैं पूरा पैसा लगाना चाहता हूं। तुम देखना कुछ ही दिनों में हमें लाखों का मुनाफा होगा। शेरसिंह ने शेयर खरीदने में सारे रूपए लगा दिए। अब वह रोज लाखों रूपए मुनाफा कमाने के सपने देखने लगा। शेरसिंह सियार के आफिस में रोज घंटों जा कर बैठता। एक दिन सियार इंटरनेट पर कुछ काम कर रहा था। तभी उसने शेरसिंह को बताया, ‘शेयरों का भाव बहुत गिर गया है। तुम्हें अधिक नुक्सान न हो इसलिए तुम अपना शेयर बेच दो।
शेरसिंह कुछ समझ नहीं पाया। उसने शेयर बेचने के लिए हां कह दी। 2 लाख रुपए के शेयर बेचकर उसे केवल 50 हजार रूपए ही मिले। शेरसिंह अपना सिर पकड़ कर बैठ गया। ‘शेयर बाजार में नफा नुक्सान तो होता ही रहता हैझ् सियार ने समझाया और अपने काम में लग गया। शेरसिंह अब कर भी क्या सकता था। अधिक मुनाफे के लालच में उसे अपनी गाढ़ी कमाई के पैसों से हाथ धोना पड़ा।
-(उर्वशी)

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