हिसार डिपो से नहीं चलने दी बसें, चक्का जाम

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रोडवेज कर्मियों ने नई परिवहन नीति का विरोध, अचानक पहिया थमने से यात्री परेशान

  • इस दौरान प्रदेश के अन्य जिलों से आने वाली बसों नहीं लगाई रोक

हिसार (संदीप सिंहमार)। नई परिवहन नीति के विरोध में विभिन्न रोडवेज यूनियनें व सरकार के बीच विवाद कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है। हर दिन हिसार बस स्टैण्ड पर रोडवेज कर्मी निजी बसों के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं। वीरवार को भी जैसे ही निजी परिवहन समिति की बसें बस स्टैण्ड में दिखाई दी तो रोडवेज कर्मियों ने हड़ताल कर हिसार डिपों की बसों का चक्का जाम कर दिया।

हालांकि इस दौरान प्रदेश के अन्य जिलों से आने वाली व जाने वाली बसों को नहीं रोका गया। कर्मचारी नेताओं ने पहले तो रोडवेज अधिकारियों से हाल ही में दिए गए रूटों पर निजी बसों को नहीं चलाने की गुजारिश की, मगर जब अधिकारियों की तरफ से कर्मचारी नेताओं को संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो रोडवेज कर्मियों ने हिसार डिपो से चलने वाली रोडवेज बसों का पहिया रोक दिया।

दूसरी तरफ आरटीए कार्यालय से भी अधिकारी बस डिपो पर पहुंचे और अवैध रूप से हिसार बस डिपो पर सवारियां ढोने वाली निजी बसों के खिलाफ कार्रवाई की। इस दौरान आरटीए अधिकारी ने चार बसों के चालान काटे और भविष्य में नियमों के अनुसार बसों का संचालन करने की नसीहत दी। सुबह से देर सांय तक हिसार डिपो की कोई भी बस अड्डे से बाहर नहीं निकली।

बसें खड़ी कर बैठे धरने पर कर्मचारी

इस दौरान सभी बसें रोडवेज वर्कशॉप में खड़ी कर बस स्टैण्ड के मुख्य गेट के साथ धरने पर बैठ गए। इसके चलते आमजन को अधिकांश रूटों पर आवागमन में अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। वहीं चक्का जाम की सूचना मिलते ही प्रशासनिक तौर पर किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया।

वहीं रोडवेज कर्मचारी संगठनों ने ऐलान किया कि यदि हिसार डिपो से बूथ नंबर 1 से तथाकथित नई नीति के अनुसार इस रूट पर चलने वाली निजी बसोंं को चलने से नहीं रोका गया तो आगामी दिनों में जो चक्का जाम केवल हिसार डिपो पर है, वह पूरे प्रदेश में होगा। उस वक्त आमजन को होने वाली परेशानी की जिम्मेवारी रोडवेज अधिकारी एवं सरकार की होगी।

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार ने जब उनसे नई परिवहन नीति को फिलहाल लागू नहीं करने की बात स्वीकारी है और नई नीति को रोडवेज कर्मचारी संगठनों के साथ मिल बैठकर सहमति बनने के बाद लागू करने का वायदा किया है तो रोडवेज अधिकारी निजी बस संचालकों को क्यों विभिन्न रूट पर चलाने की अनुमति दे रहे हैं।

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