Russia: अनु सैनी। रूस दुनिया का सबसे बड़ा देश है, जिसका क्षेत्रफल करीब 1.7 करोड़ वर्ग किलोमीटर है। इसके बावजूद यहां की कुल जनसंख्या केवल लगभग 14.6 करोड़ है। इसका मतलब है कि रूस का औसत जनसंख्या घनत्व करीब 8–9 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जो दुनिया के सबसे कम घनत्व वाले देशों में से एक है। सबसे हैरानी की बात यह है कि देश का लगभग 80% भूभाग बेहद कम आबादी वाला या लगभग खाली है।
कठोर जलवायु और कठिन भूगोल
रूस का उत्तरी और पूर्वी हिस्सा — जैसे साइबेरिया, साखा, चुकोटका और कामचटका — साल के अधिकतर समय बर्फ से ढका रहता है। यहां का मौसम इतना ठंडा है कि जमीन सालभर जमी रहती है (पर्माफ्रॉस्ट)। इन इलाकों में खेती करना, स्थायी घर बनाना और रोज़मर्रा की सुविधाएं उपलब्ध कराना बेहद मुश्किल है। यही वजह है कि लोग इन क्षेत्रों में बसने से बचते हैं।
पश्चिमी हिस्से में आबादी की भीड़
रूस की करीब 70% आबादी देश के पश्चिमी हिस्से में रहती है, जो कुल क्षेत्रफल का केवल 20% है। मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग और वोल्गा नदी के आसपास के इलाके न केवल मौसम के लिहाज से अपेक्षाकृत अनुकूल हैं, बल्कि यहां रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं भी ज्यादा हैं। दूसरी ओर, पूर्वी और उत्तरी इलाकों में इन सुविधाओं का भारी अभाव है।
आर्थिक और अवसंरचनात्मक चुनौतियां
दूरदराज़ क्षेत्रों में सड़क, रेल और हवाई संपर्क सीमित हैं। लंबी दूरी, कठिन रास्ते और मौसम की मार से परिवहन और आपूर्ति बेहद महंगी हो जाती है। ऐसे में कंपनियां और उद्योग भी इन इलाकों में निवेश करने से कतराते हैं, जिससे रोज़गार के अवसर बेहद कम हो जाते हैं।
शहरीकरण का असर
रूस में पिछले कुछ दशकों में तेज़ी से शहरीकरण हुआ है। छोटे कस्बों और गांवों के लोग बेहतर जीवन की तलाश में बड़े शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। इसके कारण कई गांव तो पूरी तरह खाली हो चुके हैं और कुछ क्षेत्रों की आबादी बेहद कम हो गई है। रूस के 80% भूभाग में आबादी न बसने का मुख्य कारण कठिन जलवायु, खराब अवसंरचना, सीमित आर्थिक अवसर और पश्चिमी हिस्से में सुविधाओं का अधिक केंद्रित होना है। जब तक इन इलाकों में रहने के लिए अनुकूल परिस्थितियां और बुनियादी ढांचा नहीं विकसित होगा, तब तक यह विशाल क्षेत्र लगभग खाली ही रहेगा।