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बरसाती मौसम में जान पर भारी न पड़ जाए ये लापरवाही
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प्रशासन से लगाई कड़ी कार्रवाई की गुहार
तोशाम (सच कहूँ/वीरेन्द्र)। लैट्रिनों के गड्ढे से निकाले गए मल मूत्र वेस्ट को सेफ्टी टैंक मालिक सड़क के किनारे खाली करवाकर स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगा रहे हैं। वहीं बरसाती मौसम में पानी भरने की स्थिति में ये गंदगी घरों तक पहुंच सकती है। मल मूत्र को खुले में डालने के कारण आसपास के क्षेत्र में बदबू फैल जाती है और राहगीरों का वहां से गुजरना कठिन हो जाता है। ये काम पिछले काफी समय से किया जा रहा है। परंतु प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासन द्वारा सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। संजय कुमार, वीरेंद्र सिंह, सतपाल सिंह आदि ने बताया कि लैट्रिन के वेस्ट को शहर से निकलते ही सड़क के पास डाल दिया जाता है, जिसके कारण वहां से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने प्रशासन से सेफ्टी टैंक मालिकों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। भारत स्वास्थ्य मिशन के जिला कोआॅर्डिनेटर सतीश कुमार ने बताया कि मल मूत्र वेस्ट को इस तरह खुले में नहीं डाला जा सकता। मल मूत्र वेस्ट को खुले में डालना कानूनी अपराध है और इसके लिए जुर्माने का भी प्रावधान है। इस समस्या को लेकर जिला प्रदूषण बोर्ड में शिकायत की जा सकती है। इसके निस्तारण के लिए मल मूत्र वेस्ट को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में डाला जा सकता है। इसके लिए सरकार ने फीस निर्धारित की हुई है। इसके अलावा सेफ्टी टैंक और ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। इसके बाद ही सेफ्टी टैंक मालिक सफाई का कार्य शुरू कर सकता है।
क्या है निस्तारण की व्यवस्था
सेफ्टी टैंक में जमा मल मूत्र को निस्तारण के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में डालने की व्यवस्था है, जिसके लिए सरकार द्वारा कुछ फीस भी निर्धारित की गई है। सेफ्टी टैंक मालिक नियमों की अवहेलना करके मल मूत्र वेस्ट को शहर के बाहर सड़क किनारे डलवा देते हैं।
क्या कहते हैं नागरिक अस्पताल के इंचार्ज
डॉ. पुनीत ग्रोवर ने बताया कि खुले में इस तरह मल मूत्र वेस्ट को डालना कई बीमारियों को जन्म देता है, इससे डायरिया, कोलेरा, हेपटाइटिस आदि बीमारियां फैल सकती हैं। सेफ्टी टैंक के मल मूत्र वेस्ट को खुले में नहीं डालना चाहिए।
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