Bangladesh: शेख हसीना के बेटे ने पीएम मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा-यूनुस मेरी मां को छू भी नहीं सकते

Sajib Wazed Statement: नई दिल्ली। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (आईसीटी) द्वारा सुनाई गई मौत की सजा को लेकर उनके पुत्र एवं अवामी लीग के प्रमुख सदस्य सजीब वाजेद ने आईएएनएस से विशेष वार्ता की। बातचीत के दौरान उन्होंने वर्तमान यूनुस सरकार पर तीखा प्रहार किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार भी व्यक्त किया। Bangladesh News

सजीब वाजेद के अनुसार, आईसीटी का यह निर्णय पूर्णतः अवैध और न्यायिक व्यवस्था का उपहास है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में स्थापित मौजूदा शासन न तो संवैधानिक है, न लोकतांत्रिक और न ही कानूनी वैधता रखता है। उनके अनुसार, ट्रिब्यूनल के 17 न्यायाधीशों को हटाकर एक ऐसे न्यायाधीश को नियुक्त किया गया है जिसे न तो इस प्रकार के मामलों का अनुभव है और न ही वह निष्पक्ष दृष्टिकोण रखता है।

”कानून व्यवस्था बहाल होते ही पूरा मामला स्वतः निरस्त हो जाएगा।”

जब सजीब से पूछा गया कि क्या यह सजा सुनाए जाने के बाद प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस, शेख हसीना को किसी प्रकार का नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेंगे, तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि “वे ऐसा करने में सक्षम ही नहीं हैं। न तो वे उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं और न ही सजा लागू करवा सकते हैं। कानून व्यवस्था बहाल होते ही पूरा मामला स्वतः निरस्त हो जाएगा।”

सजीब वाजेद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष रूप से धन्यवाद करते हुए कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी तथा भारत सरकार का अत्यंत आभारी हूँ। उन्होंने मेरी माता की सुरक्षा सुनिश्चित की है। वह पूर्ण सुरक्षा में हैं और इसके लिए मैं भारत के लोगों का सदैव ऋणी रहूंगा।” प्रत्यर्पण के प्रश्न पर सजीब ने बताया कि प्रत्यर्पण के लिए दोनों देशों के बीच संधि तथा विधिक प्रक्रियाओं का पालन अनिवार्य है। चूँकि बांग्लादेश में वर्तमान सरकार वैध नहीं है और न ही कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया, इसलिए “मेरी माता का प्रत्यर्पण संभव ही नहीं है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शेख हसीना को दोषी ठहराने का उद्देश्य आगामी चुनावों से उन्हें और उनकी पार्टी को दूर रखना है। सजीब के अनुसार, “यह पूरा कदम राजनीतिक मंशा से प्रेरित है। यूनुस सरकार ने कानून में परिवर्तन कर यह सुनिश्चित किया कि किसी आरोपित व्यक्ति को चुनाव लड़ने की अनुमति न मिले, इसी कारण मेरी माता को जल्दबाज़ी में सजा सुनाई गई। अवामी लीग को चुनाव से प्रतिबंधित करना लोकतंत्र का खुला हनन है।” Bangladesh News