Motivational : मुलायम, हृदय भेदी शस्त्र -अनोखे हथियार

Motivational
मुलायम, हृदय भेदी शस्त्र -अनोखे हथियार

Motivational : एक शक्तिशाली राजा थे- विनय सिंह। वह अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझते थे, न ही किसी की योग्यता की कद्र करते थे। इसलिए उनके ही राज्य के अनेक लोग उनसे अप्रसन्न थे और अकसर हमला बोल देते थे। विनय सिंह इस बात से बेहद परेशान थे। एक दिन वह अपने राजगुरु को इस बारे में बताते हुए बोले, ‘गुरुजी, शत्रु हम पर कभी भी धावा बोल देते हैं। हमें इसका पता नहीं लग पाता। हैरानी तो इस बात की है कि हम पर हमला करने वाले हमारे ही राज्य के लोग हैं। हम उन पर कैसे वार करें?’ राजगुरु बोले, ‘पुत्र, तुम उन पर बिना देखे वार करो।’ Motivational

राजा कुछ ही समय में प्रजा के प्रिय बन गए

विनय सिंह हैरानी से राजगुरु से बोले, ‘भला बिना देखे कैसे वार करूं? ऐसा तो कोई हथियार नहीं होता जो शत्रु को देखे बिना उस पर चलाया जाता हो।’ राजगुरु बोले, ‘तुम उनको ऐसे शस्त्र से मारो जो लोहे या किसी सख्त धातु से बना न होकर मुलायम हो और सीधा हृदय को बेधने वाला हो।’ अब तो राजा और बेचैन हो गए। वह बोले, ‘गुरुजी, भला ऐसा कौन सा शस्त्र है और कहां मिलता है? मैंने तो ऐसे किसी शस्त्र के बारे में नहीं सुना।’ राजगुरु हंसकर बोले, ‘वह शस्त्र है-यथाशक्ति सारी प्रजा को जीविका उपलब्ध कराना। Motivational

जब प्रजा को रोजगार मिल जाता है तो उसकी अधिकतर समस्याएं हल हो जाती हैं। दूसरा शस्त्र है मीठा बोलना और मीठे बोल के अनुरूप ही काम करना। तीसरा शस्त्र है योग्य व्यक्तियों का सम्मान करना। ये तीनों शस्त्र लोहे या सख्त धातु के बने हुए नहीं हैं लेकिन लोगों के हृदय पर काफी प्रभाव डालते हैं। यदि इन शस्त्रों के माध्यम से तुम अपने विरोधियों को जीत लोगे तो वे तुम पर पीछे से प्रहार नहीं करेंगे और तुम्हारे वश में हो जाएंगे। राजा की आंखें खुल गईं। उन्होंने अपना व्यवहार बदला और कुछ ही समय में प्रजा के प्रिय बन गए। Motivational

यह भी पढ़ें:– Titan Submarine: 6 दिन बाद मिली टाइटन पनडुब्बी, मलबे में तब्दील, टुकड़ों में मानव अवशेष भी बरामद

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here