‘योग दिवस पर विशेष’
- शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थान के खिलाड़ियों की बदौलत टीम इंडिया योग में 5 बार एशियाई चैंपियनशिप और 8 बार विश्व योग चैंपियनशिप जीती | International Yoga Day
- पूज्य गुरुजी ने दिखाई योग की राह: अध्यात्मिकता के साथ साथ शिक्षा व खेलों में भी मिली उन्नति और निरोगी काया
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। Happy International Yoga Day: अध्यात्म व समाजसेवा का संदेश देने वाले डेरा सच्चा सौदा की योग के क्षेत्र में भी बेमिसाल उपलब्धियां हैं। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जहां मेडिटेशन की राह दिखाकर सात करोड़ से अधिक लोगों के जीवन में क्रांतिकारी परिर्वतन लेकर आए वहीं एमएसजी हाईटेक गुरुकुल (शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थान ) के विद्यार्थियों व खिलाड़ियों ने जब मेडिटेशन का महत्व जाना तो उन्होंने आध्यात्मिक उन्नति के साथ साथ शिक्षा व खेलों में वो उपलब्धियां हासिल की, जो अपने आप में बेमिसाल है।
‘इंटरनेशनल योगा डे’ पर अगर बात योगासनों की करें तो पूज्य गुरुजी ने यहां भी स्वर्णिम इतिहास लिख दिया। पूज्य गुरुजी के द्वारा बताए गए टिप्स को अपनाकर एमएसजी हाईटेक गुरुकुल के योगा खिलाड़ियों ने भारत के लिए टीम इंडिया के रूप में वर्ल्ड व एशियन गेम्स में मेडल्स का शतक जड़ दिया और अब भी सफर निरंतर जारी है। एमएसजी हाईटेक गुरुकुल के खिलाड़ियों की बदौलत ही टीम इंडिया ने योगा की 5 बार एशियाई चैंपियनशिप और 8 बार विश्व योग चैंपियनशिप जीती है। यहां विशेष बात यह है कि एमएसजी हाईटेक गुरुकुल के अधिकतर खिलाड़ी सामान्य परिवारों से हैं इनमें अधिकतर की पृष्ठभूमि ग्रामीण है। परंतु जब अंतर्राष्टÑीय पटल पर ये खिलाड़ी अपना प्रदर्शन करते हैं तो न केवल प्रतिभागी बल्कि निर्णायक मंडल भी हैरत में पड़ जाता है कि वाकई कमाल के खिलाड़ी है।
पूज्य गुरुजी के मार्गदर्शन में वर्ष 2001 से शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग का प्रदर्शन किया था, तत्पश्चात तो उनका सफर लगातार बढ़ता गया। इन खिलाड़ियों ने विश्व चैंपियनशिप में 61 पदक और एशियाई चैंपियनशिप में 46 पदक जीते हैं। खास बात यह है कि योगा की इन खिलाड़ियों में अधिकतर बेटियां हैं, जिन्होंने बेटों की भांति अपने माता-पिता और देश का नाम रोशन किया है। इन होनहार बेटियों में नीलम इन्सां, करमदीप इन्सां, कीर्ति इन्सां, स्वपनिल इन्सां इत्यादि शामिल हैं। जिन्होंने राष्टÑीय अंतर्राष्टÑीय योग स्पर्धाओं में मेडलों के ढेर लगाए हैं। International Yoga Day
पूज्य गुरुजी के वचनों को किया आत्मसात, ‘बुढ़ापे’ को पछाड़ ईलम चंद बने चैंपियन
यूपी के बागपत जिले के रहने वाले रिटायर्ड प्रिंसीपल ईलचमंद इन्सां वर्तमान में किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे योग व एथलेटिक्स में अनेक मास्टर्स चैंपियनशिप में मेडलों के ढेर लगा चुके हैं। 67 साल की उम्र में योग की यात्रा शुरू करने वाले ईलमचंद का कहना है कि यह सब पूज्य गुरुजी के पावन आशीर्वाद से ही संभव हुआ है। रिटायरमेंट के बाद शरीर में कई तरह के रोग हो गए थे। बीमार पड़े ईलमचंद को परिवारजन जब चारपाई पर लिटाकर पूज्य गुरुजी के पास लेकर आए तो पूज्य गुरुजी ने उसे योग करने के वचन किए।
उस दिन से ही इलमचंद ने नियमित योगाभ्यास शुरू किया। परिणाम यह हुआ कि बीमारियां छू मंतर हो गई। बुढ़ापा हवा हो गया। अब तो प्रतियोगिताओं में 35-40 साल तक की उम्र के युवा भी हैरत में पड़ जाते हैं कि ये चीज क्या है। अब तक ईलमचंद ने राष्टÑीय-अंतर्राष्टÑीय प्रतियोगिताओं में 530 से अधिक मेडल हासिल किए हैं। ईलमचंद की उपलब्धियों के चलते इन्हें उपराष्टÑपति ने भी सम्मानित किया है। International Yoga Day
पूज्य गुरुजी स्वयं देते हैं योग संबंधित टिप्स, फॉलो करते हैं करोड़ों लोग
पूज्य गुरुजी अपने आॅफिशियल सोशल मीडिया चेनल्स के माध्यम से जहां आमजन को आध्यामिक ज्ञान व समाजसेवा का संदेश तो देते ही हैं साथ ही स्वस्थ रहने के लिए विभिन्न तरह के योगासनों के बारे में भी बताते रहते हैं। पूज्य गुरुजी स्वयं योगासन करते हैं और योग की बारीकियों के बारे में बताते हैं।
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां कहते हैं, योग बीमारियों को दूर भगाने का प्रभावी तरीका है। प्राणायाम के साथ योग का अभ्यास करने से एकाग्रता, आत्मविश्वास और विल पॉवर यानि इच्छा शक्ति बढ़ती है। आत्मबल सफलता की कुंजी है, जिससे बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
सम्मान पुरस्कार | International Yoga Day
29 अप्रैल, 2016 को अंतर्राष्ट्रीय योग महासंघ, भारतीय योग महासंघ, एशिया योग महासंघ तथा अंतर्राष्ट्रीय योग खेल महासंघ ने लाखों लोगों में योग अभ्यास को बढ़ावा देने में उनके अद्भुत योगदान के लिए पूज्य संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को ‘सम्मान पुरस्कार’ से सम्मानित किया।
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