राज्य कर्मी दर्जे के लिए जिला परिषद कार्यालय पर धरना

जिला परिषद सीईओ ने धरनार्थियों के बीच पहुंच सुनी बात, समस्या हल करने का दिया आश्वासन

हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। संविदा कर्मी या राज्य कर्मी का दर्जा देने सहित दस सूत्री मांगों का समाधान करवाने के लिए मनरेगा मेटों ने गुरुवार को अखिल भारतीय मनरेगा मेट महासंघ के बैनर तले जिला परिषद कार्यालय के समक्ष धरना दिया। धरनास्थल पर सभा का आयोजन हुआ। सभा को संबोधित करते हुए रघुवीर सिंह वर्मा ने कहा कि मनरेगा मेटों की ओर से अपनी समस्याओं से लगातार स्थानीय अधिकारियों, प्रदेश एवं केन्द्र सरकार को अवगत करवाया जा रहा है। लेकिन उनकी समस्या की तरफ से किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसके खिलाफ मनरेगा मेटों ने जिला परिषद कार्यालय के समक्ष धरना लगाया है। मनरेगा मेटों की मांगों में उन्हें संविदा कर्मी या सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मुख्य मांग शामिल है। वर्मा ने बताया कि 2004 से मनरेगा योजना शुरू हुई थी। करीब 17-18 सालों से इस योजना को कामयाब करने का सबसे बड़ा योगदान भी मनरेगा मेटों का है। लेकिन सरकार उन्हीं की अनदेखी कर रही है।

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इसके अलावा मनरेगा में की गई आॅनलाइन हाजरी की व्यवस्था में मनरेगा मेटों के सामने सर्वर डाउन होने की दिक्कत आ रही है। इस कारण कई बार श्रमिकों की आॅनलाइन हाजरी नहीं लगने के कारण उनका भुगतान रूक जाता है। इसलिए आॅनलाइन के साथ आॅफलाइन हाजरी का भी विकल्प हो ताकि दूर-दराज से कार्यस्थल पर आने वाले मजदूर को उसकी मजदूरी का भुगतान हो सके। वर्मा ने बताया कि मनरेगा मेटों का भुगतान लम्बे समय से बकाया चल रहा है। समय पर भुगतान नहीं हो रहा। इसके अलावा अनुभव प्रमाण-पत्र, ड्रैस कोड, परिचय-पत्र, किट उपलब्ध करवाने सहित अन्य मांगें मनरेगा मेटों की ओर से की जा रही हैं। वर्मा ने बताया कि पूर्व में भी मनरेगा मेटों की ओर से इन मांगों को लेकर जिला परिषद कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया गया था।

तब अधिकारियों से कुछ मांगों पर सहमति बनी थी। हनुमानगढ़, पीलीबंगा पंचायत समिति के मनरेगा मेटों को तो भुगतान हो चुका है लेकिन कुछ पंचायतों में अभी भी मेटों का भुगतान बकाया है। इसके अलावा आॅफलाइन हाजरी को लेकर समझौता हुआ था कि आॅफलाइन स्क्रीनशॉट खींचकर भेजा जाए। यह व्यवस्था अब तक चल रही थी जो इसी पखवाड़े से बंद कर दी गई है। जगजीत सिंह जग्गी ने कहा कि हाजरी के लिए दिया गया एप समय पर न चलने के कारण श्रमिकों व मेटों को तंग किया जाता है। हाजरी न लगने पर श्रमिकों व मेटों में लड़ाई-झगड़े की नौबत आ जाती है।

हाजरी न लगने के कारण श्रमिकों को वापस घर पर भेजना पड़ता है। उधर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक असीजा ने धरनार्थियों के बीच उनकी मांगें जानी। मेटों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सीईओ को सौंपी। मीडिया से बात करते हुए सीईओ अशोक असीजा ने बताया कि सीजन में जिले में करीब 70-80 हजार मजदूर मनरेगा में कार्य करते हैं। नि:संदेह फील्ड में कई तरह की समस्याएं आती हैं। क्योंकि जिले में 268 पंचायतें हैं। समस्या का समाधान किया जाएगा। इस दौरान मनरेगा मेटों ने 15 दिसंबर को जिला कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।

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