आसमान में मौत का साया बन घूम रही ‘चाईना डोर’

सच कहूँ/राज सिंगला
लहरागागा। देश भले ही जितनी मर्जी तरक्की कर ले लेकिन कुछ असामाजिक तत्व चन्द पैसों के लालच में जिन्दगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। देश में रहते कई व्यापारियों को सिर्फ अपने परिवार व अपने रोजगार से ही मतलब है। उनके लिए चाहे समाज में कुछ भी हो जाए, उनको कोई फर्क नहीं पड़ता। प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी देने के बावजूद भी लोग प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर व्यापार कर रहे हैं। आज के समय में ऐसा सब कुछ चल रहा है। हम बात कर रहे हैं, देश में दुकानों पर बिक रही चाईना डोर की… चाईना डोर की बिक्री दुकानों पर धड़ाधड़ हो रही है। प्रशासन द्वारा बार-बार अपील करने के बाद भी दुकानदार चाईना डोर बेचने से बाज नहीं आ रहे।

एसडीएम सूबा सिंह ने भी अपील की कि चाईना डोर सिर्फ इन्सानों के लिए ही खतरनाक नहीं बल्कि पक्षियों के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है। सूबा सिंह ने कहा कि इसकी चपेट में आकर पक्षियों की मौत तक हो जाती है। उन्होंने हर नागरिक से अपील की कि वह न तो खुद इसका इस्तेमाल करें व न ही अपने किसी परिवार के सदस्य को करने दें। अगर फिर भी कोई व्यक्ति चाईना डोर को बेचता या खरीदता पाया जाता है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई बच्चा चाईना डोर से पतंग उड़ाते पाया जाता है तो उसके माता-पिता के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा। डोर को रोकने के लिए प्रशासन ने सिविल डैस में स्पैशल टीमें बनाई हैं जो लगातार चैकिंग कर रही हैं।

चाईना डोर का विरोध करते हल्का विधायक एडवोकेट वरिन्द्र गोयल के बेटे व अग्रवाल सभा के जिला प्रधान गौरव गोयल व वाईस प्रधान दीपू गर्ग समाज सेवक ने कहा कि इस महीनों में युवाओं को पतंगबाजी का जुनून सिर चढ़ कर बोल रहा है। बाजारों में लाखों रूपये के पतंगों व चाईना डोर की बिक्री हो रही है। पतंगबाजी के मुकाबले की आड़ में युवा चाईना का डोर का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन चाईना डोर का इस्तेमाल करते समय युवा यह भूल जाते हैं कि यह डोर किसी की जान ले सकती है।

गोयल व गर्ग ने कहा कि अक्सर हम देख रहे हैं कि हमारे चारों तरफ चाईना डोर ने जो माहौल बनाया हुआ है। उससे मानवीय जिंदगियों व पक्षियों के लिए जान का खतरा पैदा हो गया है। अगर बात चाईना डोर की की जाए तो यह इतनी खतरनाक है कि अगर किसी का शरीर का कोई अंग भी इसकी चपेट में आ जाए तो यह उसे बुरी तरह जख्मी कर देती है। चाईना डोर मानवीय जीवन व पशु-पक्षियों के लिए काल का रूप धारण करती जा रही है। गोयल व गर्ग ने बताया कि भले ही हर साल की तरह इस बार भी सरकार ने आदेश जारी कर राज्य भर में चाईना डोर की बिक्री व सप्लाई पर मुकम्मल पाबन्दी लगाते कहा था कि राज्य में पतंगबाजी के लिए चाईना डोर का इस्तेमाल न किया जाए क्योंकि चाईना डोर का इस्तेमाल करना कानूनी जुर्म है।

सरकार का भी मानना है कि ऐसी डोरों के इस्तेमाल से भारी नुक्सान होता है। बेशक जिला प्रशासन द्वारा चाईना डोर की खरीद-बेच को रोकने के लिए समय-समय पर छापेमारी की जा रही है लेकिन लोग सरेआम कानून की धज्जियां उड़ाकर नोट कमाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रेमियों व कई वैल्फेयर सोसायटियों के साथ जुड़कर लोगों द्वारा स्कूलों-कॉलेजों में चाईना डोर के नुक्सान प्रति विद्यार्थियों को प्रेरित करना अच्छा संकेत है। इसलिए हमारा नैतिक फर्ज बनता है कि हम भी इस मुहिम में बढ़ चढ़कर योगदान दें व चाईना डोर का बायकाट करें।

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