औद्योगिक प्लॉटों की बोली लगाकर पीछे हटने वाले उद्यमी होंगे ब्लैकलिस्ट

Entrepreneurs retreating by bidding for industrial plots will be blacklisted

बोली लगा कर प्लॉट नहीं लेने पर जब्त होगी ईएमडी

सच कहूँ/अनिल कक्कड़ चंडीगढ़। प्रदेश की खट्टर-चौटाला सरकार ने औद्योगिक प्लाटों की बोली लगाकर पीछे हटने वाले उद्यमियों को ब्लैकलिस्ट करने का फैसला किया है। रिपोर्टों के अनुसार एचएसआईआईडीसी के चेयरमैन और प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह फैसला हुआ है। इसके साथ ही अब बोलीदाताओं के लिए ईएमडी को तीन फीसदी और बढ़ाया गया है। जानकारी के अनुसार सरकार अब औद्योगिक प्लॉट की बोली लगाकर पीछे हटने वाले उद्यमियों को ब्लैक लिस्ट करेगी। साथ ही सफल बोलीदाता की तर्ज पर प्लॉट नहीं लेने पर जमा कराई गई पांच फीसदी संचित आय निधि (ईएमडी) को भी जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही ईएमडी को तीन फीसदी बढ़ाया गया है। इससे पहले ईएमडी प्लॉट के आरक्षित मूल्य की दो फीसद होती थी।

जमीन बुक करने के लिए मिलेंगे दस मिनट

इसके बोर्ड ने प्रत्येक आबंटी की इकाई के भीतर श्रमिकों के इन-सीटू आवास के लिए दस फीसद अतिरिक्त तल क्षेत्र अनुपात (एफएआर) की अनुमति के लिए नीति को भी मंजूरी दी। एच-1 (उच्चतम) बोली लगाने वाले को अब भूखंड दर्ज (बुक) करने के लिए दस मिनट का समय दिया जाएगा। अगर वो प्लॉट को निश्चित समय में बुक नहीं करता, तो सॉफ्टवेयर अगले एक मिनट में बिना किसी क्रम के प्लॉट आवंटित करेगा। बाद में एच-2 बोलीदाता की उच्चतम बोली से शुरू होगा। अगर फिर बोली नहीं होती है तो एच-2 बोलीदाता को उसकी पिछली एच-2 बोली में उसके भूखंड का चयन करने के लिए 30 मिनट का समय दिया जाएगा।

सफल बोली वालों को अब 72 घंटे में करना होगा 10 फीसदी भुगतान

इसके अलावा ये भी बताया गया है कि तीसरा दौर एच-3 बोलीदाता की उच्चतम बोली से शुरू होगा व सफल बोली लगाने वालों के लिए 10 प्रतिशत भुगतान के समय को 24 घंटे से बढ़ाकर 72 घंटे किया जाएगा। सभी असफल बोलीदाताओं को 24 घंटे के अंदर ही उनकी ईएमडी राशि वापस कर दी जाएगी। औद्योगिक आवास के लिए दस फीसद अतिरिक्त एफएआर की अनुमति से उन इकाइयों को फायदा होगा, जिन्होंने पहले से ही उपलब्ध एफएआर को समाप्त कर लिया है। आनुपातिक वृद्धि शुल्क के भुगतान और जोनिंग या बिल्डिंग योजनाओं को संशोधित करने के बाद सुविधा प्रदान की जाएगी। पांच एकड़ तक के भूखंडों के आबंटी स्व-प्रमाणीकरण के माध्यम से दस फीसदी अतिरिक्त एफएआर प्राप्त कर सकते हैं।

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