कैराना में यमुना के पानी का ‘तांडव’, सहपत में तटबंध टूटा

Yamuna River
Yamuna River कैराना में यमुना के पानी का 'तांडव', सहपत में तटबंध टूटा
  • टूटे तटबंध की मरम्मत में जुटा प्रशासन व ड्रेनेज विभाग, ग्रामीणों में दहशत का माहौल
  • यमुना के पानी में समाई तटवर्ती क्षेत्र की हजारों बीघा फसलें

Kairana: बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद कैराना में यमुना नदी (Yamuna River) अपने रौद्र रूप में पहुंच गई है। यमुना में एकाएक आए पानी के दबाव से सहपत गांव के निकट से गुजर रहा तटबंध कई फुट तक तिनके की तरह बह गया। तटबंध टूटने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। सूचना पर प्रशासन व ड्रेनेज विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा पॉकलेन मशीन से टूटे हुए तटबंध की मरम्मत का कार्य शुरू कराया। यमुना में आए उफान के चलते तटवर्ती क्षेत्र की हजारों बीघा फसलें पानी में समा गई है। वही, यमुना के पानी में निरन्तर हो रही वृद्धि से खादर क्षेत्र के दर्जन भर गांवों के ग्रामीणों की धड़कने बढ़ी हुई है। फिलहाल यमुना कैराना में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। Yamuna River

पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में भारी वर्षा के चलते हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में निरंतर पानी छोड़ा जा रहा है। सोमवार सुबह छह बजे 2,94,587 क्यूसेक तथा सुबह आठ बजे 2,79,898 क्यूसेक पानी यमुना में डिस्चार्ज किया गया। सोमवार शाम के समय ही यमुना ब्रिज पर जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार करते हुए खतरे के निशान के करीब पहुंच गया था। बैराज से छोड़े गए पानी के कैराना पहुंचते ही यमुना नदी उफान पर आ गई, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में पानी का दबाव बढ़ने लगा। मंगलवार को पानी के दबाव के चलते गांव सहपत के निकट से गुजर रहा यमुना तटबंध टूट गया। तटबंध टूटने की सूचना पर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया।

कुछ देर में ही सैंकड़ों ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हो गए। तटबंध टूटने की सूचना प्रशासन को दी गई, जिस पर तहसीलदार गौरव सांगवान मौके पर पहुंचे तथा उच्चाधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया। इसके बाद मौके पर पॉकलेन मशीन बुलवाकर टूटे हुए तटबंध की मरम्मत का कार्य शुरू कराया गया। बाद में एसडीएम निकिता शर्मा व ड्रेनेज विभाग के अधिशासी अभियंता सुधांशु मनोहर ने मौके पर पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी हासिल की। शाम तक प्रशासन टूटे हुए तटबंध की मरम्मत के कार्य में जुटा हुआ था।

Yamuna River
Yamuna River

डीएम रवींद्र सिंह ने लिया टूटे तटबंध का जायजा | Yamuna River

गांव सहपत में तटबंध टूटने की सूचना मिलने पर डीएम रवींद्र सिंह भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने टूटे तटबंध का निरीक्षण करने के बाद मरम्मत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। डीएम ने ड्रेनेज विभाग के अधिकारियों को प्रशासन के साथ में समन्वय स्थापित करके जिले की सीमा के अंतर्गत पड़ने वाले तटबंध की निरन्तर निगरानी करने को कहा। उन्होंने बाढ़ चौकियों को चौकन्ना करने तथा निरन्तर पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए।

तटबंध में कई जगहों पर हुआ पानी का रिसाव | Yamuna River

यमुना के जलस्तर में वृद्धि होने से प्रशासन के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। कांवड़ यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने में जुटे प्रशासन के लिए यमुना का बढ़ा हुआ जलस्तर सिरदर्द बन गया है।मंगलवार को पानी के दबाव के चलते कई जगहों पर यमुना तटबंध में रिसाव की सूचना प्रशासन को मिली। आनन-फानन में अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा तटबंध को दुरुस्त कराने में जुटे रहे। सहपत के अलावा खादर क्षेत्र के गांव इस्सापुर खुरगान, नंगलाराई, मामौर व हैदरपुर में भी कई जगहों पर तटबंध में रिसाव हुआ, जिसे प्रशासन ने स्थानीय लोगो की सहायता से ठीक कराया। गांव नंगलाराई में तटबंध में रिसाव होने पर राशन डीलर नफीस अहमद ने प्रशंसनीय भूमिका अदा की। उन्होंने मौके पर जेसीबी मशीन बुलवाकर तटबंध को दुरुस्त कराया।

यमुना के पानी आगोश में समा गई हजारों बीघा फसलें

यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के साथ ही रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। इससे यमुना नदी का दायरा काफी बढ़ गया है, जिस कारण किनारे पर खड़ी फसलों को यमुना के पानी ने अपने आगोश में ले लिया है। मवी हैदरपुर, रामड़ा, नंगलाराई, मामौर, मोहम्मदपुर राई, खुरगान, मंडावर, पठेड़ आदि गांवों में हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। इनमें धान व ईंख के अलावा सब्जी की फसलें शामिल है, जिनमें भारी नुकसान की आशंका है।

तटवर्ती बाशिंदों की धड़कनों में हो रहा इजाफा | Yamuna River

यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की आशंका बन गई है, जिसके चलते तटवर्ती इलाकों के बाशिंदों की धड़कनें बढ़ी हुई है। हालांकि प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट नजर आ रहा है। तहसील क्षेत्र में सभी चार बाढ़ नियंत्रण चौकियों यमुना ब्रिज, रामड़ा, नंगलाराई व मोहम्मदपुर राई को विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा प्रशासन तटवर्ती गांवों में एनाउंस्मेंट भी करा चुका है, जिसमें ग्रामीणों के साथ-साथ किसानों से यमुना नदी की ओर न जाने की अपील की जा रही है। यमुना की बढ़ती जलधारा ने पठेड़, बसेड़ा, मंडावर, इस्सापुर खुरगान, मोहम्मदपुर राई, रामड़ा, नंगलाराई, हैदरपुर, मवी, मामौर व सहपत के ग्रामीणों की पेशानी पर बल ला दिए है।

पानी के दबाव से तटबंध में बढ़ रहा कटाव का खतरा

यमुना नदी में उफान के चलते पानी तटबंध तक पहुंच चुका है। सहपत के निकट तटबंध का टूटना प्रशासन व ड्रेनेज विभाग के लिए खतरे की घण्टी है। वही, बारिश और यमुना के पानी से तटबंध में अनेकों जगहों पर कटाव हो गया है, जिससे अन्य जगहों पर भी तटबंध टूटने का खतरा बढ़ गया है।

खोखले साबित हुए ड्रेनेज विभाग दावे | Yamuna River

मानसून से पहले बाढ़ प्रबंधन और जर्जर तटबंध की मरम्मत कराने का जिम्मा ड्रेनेज विभाग को दिया जाता है। इसके लिए बाकायदा सरकार की ओर से बजट भी जारी किया जाता है। मगर कैराना में ड्रेनेज विभाग की लापरवाही सबके सामने हैं। इसी का नतीजा है कि मंगलवार को यमुना नदी में उफान आते ही सहपत में तटबंध तिनके की तरह बह गया। यही नही, तटबंध मार्ग पर जगह-जगह कटाव शुरू हो गया है। बारिश के कारण भी कटाव जारी है।

विगत माह में भी बारिश से कटाव हुआ था, लेकिन इसके बावजूद भी ड्रेनेज विभाग की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया। बल्कि तटबंध पूरी तरह मजबूत होने के दावे किए गए। यदि समय रहते तटबंध की मरम्मत कराई गई होती, तो शायद सहपत में तटबंध न टूटता। तटबंध में गड्ढे भी बने हुए हैं, जहां बारिश का पानी भरा हुआ है। एक ओर यमुना में उफान और दूसरी ओर जर्जर तटबंध में कटाव से तटवर्ती गांवों के बाशिंदे दहशत में आ गए हैं। लोगों को बाढ़ का खतरा सता रहा है।

दस वर्ष पूर्व भी तबाही मचा चुकी है यमुना

कैराना तहसील क्षेत्र में यमुना तटबंध के अंतर्गत दर्जनों गांव पड़ते हैं। वर्ष-2013 में यमुना नदी में हथिनीकुंड बैराज से करीब पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसमें गांव मवी में तटबंध टूट गया था। इसके अलावा मामौर, हैदरपुर, रामड़ा, नंगलाराई, मंडावर, पठेड़, मंसूरा समेत करीब दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया था। उस वक्त प्रभावित लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। यमुना में आए उफान से एक बार फिर खादर क्षेत्र के लोग बाढ़ की आशंका को लेकर दहशत में है। हालांकि प्रशासन के द्वारा किसी भी परिस्थिति से निपटने का दावा किया जा रहा है।

कैराना में खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना

कैराना में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मंगलवार को प्रातः आठ बजे यमुना ब्रिज पर यमुना का बहाव सूचकांक पर 231.800 मीटर दर्ज किया गया है, जबकि खतरे का निशान 231.500 मीटर पर निर्धारित है। यानी यमुना क्षेत्र में खतरे के निशान से करीब 300 सेमी ऊपर बह रही है। हथिनीकुंड बैराज से यमुना में छोड़े जाने वाले पानी में भी वृद्धि हुई है। मंगलवार को प्रातः नौ बजे 3,20,893 क्यूसेक तथा दोपहर दो बजे 2,56,926 क्यूसेक पानी यमुना में डिस्चार्ज किया गया। इस पानी से कैराना क्षेत्र में उफ़न रही यमुना के पानी में तेजी के साथ वृद्धि होने की संभावना है।

जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी

पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में निरन्तर हो रही वर्षा के चलते हथिनीकुंड बैराज पर पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है, जिससे यमुना नदी में भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। कैराना में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिसे लेकर प्रशासन भी बाढ़ की संभावनाओं से आशंकित है। यमुना की स्थिति को देखते हुए जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण शामली की ओर से जनहित के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें तटवर्ती इलाकों में निवास करने वाले लोगो को बाढ़ से पूर्व एवं बाढ़ के बाद बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में अवगत कराया गया है।

इन्होंने कहा:- ‘यमुना के पानी से गांव सहपत के निकट तटबंध टूट गया था, जिसे दुरुस्त कराया जा रहा है। इसके अलावा कुछ और जगहों से भी तटबंध में रिसाव की सूचना थी। यमुना के जलस्तर में हो रही निरंतर वृद्धि के चलते बाढ़ चौकियों को अलर्ट रहने को कहा गया है। फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।-निकिता शर्मा , एसडीएम कैराना।

बरसात के मौसम को देखते हुए बिजली विभाग ने जारी की एडवाईजरी