अध्यापक विद्यालयों में काली पट्टी बांधकर करेंगे विरोध

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। यदि प्रदेश सरकार का शिक्षा विभाग सही मायनों में बोर्ड परीक्षार्थियों का हितैषी है, तो फिर उसे शीतकालीन छुट्टियों में स्कूल प्राध्यापकों की विभिन्न प्रकार की विभागीय डाइट-ट्रेनिंग तथा गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी बिल्कुल नहीं लगानी चाहिए। जब संबंधित प्राध्यापक ट्रेनिंग या ड्यूटी पर जाते रहेंगे तो विद्यालय में बुलाए गए 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों को कौन पढ़ाएगा? क्या यह उनके कीमती समय की बबार्दी नहीं होगी? सरकार को चाहिए कि शीतकालीन अवकाश विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को पूर्ववत दिए जाएं तथा दसवीं व बारहवीं बोर्ड की कक्षाओं के विद्यार्थियों को शीतकालीन अवकाश के दौरान आॅनलाइन पढ़ाई करवाई जाए, जिससे एक ओर सरकार द्वारा दिए गए पांच लाख से ज्यादा टेबलेट का भी सदुपयोग हो पाएगा।

दूसरी ओर इन छुट्टियों में भी विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी रख पाएंगे। यदि सरकार ने बोर्ड कक्षाएं लगाने की आड़ में परिवार पहचान पत्र जैसे गैर शैक्षणिक कार्यों या विभिन्न प्रकार की विभागीय ट्रेनिंग में प्राध्यापकों को भेजा तो हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) इसका पुरजोर विरोध बहिष्कार करेगा। यह बात रविवार को हसला द्वारा आयोजित की गई प्रदेश स्तरीय आॅनलाइन बैठक में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंधु ने कही। बैठक में जिला कार्यकारिणी से जुड़े सभी पदाधिकारियों ने अपने विचार एवं सुझाव रखे।

बता दें कि 1 जनवरी से 15 जनवरी तक प्रदेश की शिक्षा विभाग में हर वर्ष की भांति शीतकालीन अवकाश घोषित किए गए हैं। किंतु 2 दिन पहले जारी किए गए शिक्षा विभाग के आदेशों के अनुसार दसवीं तथा बारहवीं की बोर्ड कक्षाओं को पढ़ाने वाले शिक्षकों को इस शीतकालीन अवकाश के दौरान 10 बजे से 2 बजे तक विद्यालयों में बोर्ड परीक्षार्थियों की कक्षाएं लेनी हैं। संगठन ने सरकार को आॅनलाइन कक्षाएं लगाने का सुझाव दिया था, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया है।

अवकाश शैक्षणिक कैलेंडर का अभि न्न हिस्सा: सिंधु

प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंधु ने बताया कि हरियाणा शिक्षा विभाग का सबसे बड़ा संगठन हसला विद्यार्थियों की पढ़ाई एवं कल्याण के लिए सदैव समर्पित रहा है तथा अतिरिक्त कक्षाएं छुट्टियों में कक्षाएं लेने में भी पीछे नहीं रहा है। संगठन को आशंका है कि प्रदेश सरकार तथा शिक्षा विभाग बोर्ड कक्षाओं को शीतकालीन अवकाश के दौरान लगाने की आड़ में स्कूल प्राध्यापकों को परिवार पहचान पत्र जैसे गैर शैक्षणिक कार्यों तथा डाइट की विभिन्न ट्रेनिंग में झोंकना चाहते हैं, जिसका शेड्यूल एक दो रोज में जारी कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन तथा शीतकालीन अवकाश प्रदेश व केंद्र सरकार के शैक्षणिक कैलेंडर का अभिन्न हिस्सा है, जिसमें आपातकालीन स्थिति में ही बदलाव किया जाना चाहिए,गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए नहीं। उन्होंने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि यदि सरकार ने बोर्ड कक्षाओं को शीतकालीन अवकाश में आॅनलाइन कक्षाएं लगाने तथा गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी न लगाने की मांग को नहीं मांगा तो संगठन गैर शैक्षणिक कार्यों का पूरी तरह बहिष्कार करेगा तथा हर रोज जिला मुख्यालयों पर 2: 30 से 5 बजे तक सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर, सरकार की दोगली, अतार्किक नीतियों को आम जन तक पहुंच जाएगा।

सरकार बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने पर उतारू

संगठन के महासचिव अमित मनहर ने बताया कि यदि 10वीं तथा 12वीं की बोर्ड कक्षाओं को पढ़ाने वाले अधिकांश प्राध्यापक शीतकालीन अवकाश के दौरान विभागीय ट्रेनिंग या गैर शैक्षणिक कार्यों पर रहेंगे तो फिर बोर्ड परीक्षार्थियों को स्कूल बुलवाकर उनकी समय बर्बादी करते हुए भविष्य से खिलवाड़ करने पर उतारू सरकार क्यों उतारू है। उन्होंने कहा कि यदि हरियाणा सरकार ईमानदारी से बच्चों की शिक्षा के प्रति सजग है तो केवल बोर्ड कक्षाओं ही क्यों, कक्षा 6 से 12 तक पूर्ण रूप से विद्यालय खोलें। हसला जिला प्रधानों ने मांग की कि यदि अध्यापक को शीतकालीन अवकाश में विद्यालय बुलाया ही जा रहा है तो उन्हें 15 दिन के पूरे अर्जित अवकाश दिए जाएं।

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