Old Age Pension: अनु सैनी। उत्तर प्रदेश सरकार लगातार गरीब बुजुर्गों की आर्थिक मदद के लिए प्रयासरत है। वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 61 लाख वृद्धजनों को पेंशन उपलब्ध कराई गई है। सरकार का लक्ष्य अब इसे बढ़ाकर 67.50 लाख लाभार्थियों तक पहुंचाना है। खास बात यह है कि पेंशन की राशि सीधे बुजुर्गों के बैंक खातों में भेजी जा रही है, जिससे किसी प्रकार की देरी या बिचौलिये की भूमिका समाप्त हो गई है। पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में ही योगी सरकार ने 56 लाख गरीब बुजुर्गों के खाते में 1000 रुपये प्रतिमाह की राशि भेजी थी। यह लगातार बढ़ते हुए आंकड़े योजना की सफलता को दर्शाते हैं।
SNA प्रणाली से पेंशन वितरण में पारदर्शिता
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी जानकारी के अनुसार, वृद्धावस्था पेंशन योजना में सिंगल नोडल एकाउंट (SNA) प्रणाली लागू की गई है। यह प्रणाली पेंशन को सीधे आधार लिंक बैंक खातों में भेजती है। पेंशन प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और जवाबदेह हो गई है।
इससे ऑडिट और ट्रैकिंग आसान हो गई है और हर पैसे का हिसाब रखा जा सकता है। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर अंकुश लगा है। डिजिटल पद्धति के कारण अब पेंशन लाभार्थियों तक बिना किसी देरी के पहुंच रही है, जिससे बुजुर्गों को समय पर राहत मिल रही है।
2017 से अब तक हुआ बड़ा विस्तार
जब 2017 में इस योजना का विस्तार शुरू हुआ था, तब 37.47 लाख बुजुर्ग ही पेंशन प्राप्त कर रहे थे। सरकार की सक्रिय नीतियों और बेहतर प्रबंधन से यह संख्या लगातार बढ़ी और अब 67.50 लाख बुजुर्गों तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।
सरकार ने विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर पर पात्र बुजुर्गों की पहचान की। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि तय लक्ष्य से अधिक पात्र लाभार्थी मिलते हैं, तो उन्हें भी योजना में शामिल किया जाए। यही कारण है कि यह योजना वास्तव में गरीब बुजुर्गों के लिए जीवन का सहारा साबित हो रही है।
वर्षवार पेंशन वितरण और खर्च
योजना पर होने वाला व्यय और लाभार्थियों की संख्या यह दर्शाती है कि सरकार ने इसे किस प्राथमिकता के साथ लागू किया है।
2018-19 : 40,71,580 लाभार्थी | ₹1,87,913.10 लाख खर्च
2019-20 : 47,99,480 लाभार्थी | ₹2,69,774.45 लाख खर्च
2020-21 : 51,24,155 लाभार्थी | ₹3,69,449.13 लाख खर्च
2021-22 : 51,92,779 लाभार्थी | ₹4,27,790.56 लाख खर्च
2022-23 : 54,97,237 लाभार्थी | ₹6,08,374.50 लाख खर्च
2023-24 : 55,68,590 लाभार्थी | ₹6,46,434.06 लाख खर्च
2024-25 : 55,99,997 लाभार्थी (अब तक)
इन आंकड़ों से साफ है कि हर वर्ष लाभार्थियों की संख्या और बजट दोनों में लगातार वृद्धि हुई है।
गरीब बुजुर्गों के लिए आर्थिक सहारा
वृद्धावस्था पेंशन योजना उन बुजुर्गों के लिए बड़ी राहत है, जिनके पास नियमित आय का कोई साधन नहीं है। 1000 रुपये प्रतिमाह भले ही बड़ी रकम न लगे, लेकिन यह उनके दैनिक खर्च, दवाइयों और जीवन-यापन में सहायक बन रही है। ग्रामीण और शहरी स्तर पर समाज कल्याण विभाग इस योजना को लगातार प्राथमिकता दे रहा है। सरकार का कहना है कि यह पेंशन गरीबी रेखा से नीचे जीवन जी रहे वृद्धजनों के लिए संजीवनी की तरह है।
आसान हो गई आवेदन प्रक्रिया
पेंशन योजना में आवेदन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है।
आधिकारिक वेबसाइट: https://sspy-up.gov.in
ग्रामीण क्षेत्र : आवेदन की पुष्टि खंड विकास अधिकारी (BDO) करते हैं।
शहरी क्षेत्र : आवेदन की पुष्टि उप जिलाधिकारी (SDM) करते हैं।
वार्षिक आय सीमा :-
ग्रामीण क्षेत्र: ₹46,080
शहरी क्षेत्र: ₹56,460
ऑनलाइन आवेदन से प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनी है। पात्र बुजुर्ग अब घर बैठे आवेदन कर सकते हैं और उन्हें समय पर पेंशन मिल रही है।
उत्तर प्रदेश की वृद्धावस्था पेंशन योजना आज गरीब बुजुर्गों के लिए आर्थिक सहारा और आत्मसम्मान का आधार बन चुकी है। योगी सरकार की पारदर्शी नीति, SNA जैसी डिजिटल व्यवस्था और निरंतर लक्ष्य वृद्धि ने इसे और मजबूत बनाया है।
लगातार बढ़ते लाभार्थियों की संख्या यह साबित करती है कि यह योजना बुजुर्गों के जीवन स्तर में सुधार लाने में अहम भूमिका निभा रही है और आने वाले समय में और भी अधिक जरूरतमंद बुजुर्ग इससे लाभान्वित होंगे।