हरियाणा के गांवों में बदलने लगा किसानों का रिहायशी अंदाज

सरसा (सच कहूँ/ सुनील वर्मा)। पंजाब के युवा मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की इसी अंदाज में बनी हवेली से भी प्रेरित और आकर्षित हुए है तथा युवाओं में इस हवेली का जूनून सिर चढ़कर बोल रहा है। रईसआना अंदाज में बनी ऎसी हवेलियां हरियाणा के सिरसा जिला के गांव-गांव में भी नजर आने लगी है। एक समय था जब राजा और महाराजा बड़ी शान शौकत के साथ बड़ी-बड़ी हवेलियों में रहते थे। इस तरह की पुरानी हवेलियां राजस्थान में आज भी देखने में मिल जाती है। अब हवेलियां में जीवन यापन करना हरियाणा में भी किसान तबके का ट्रेंड बनता जा रहा है।

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राजघराने अंदाज में बनने वाली इन हवेलियों के प्रति खासकर युवाओं में ज्यादा जुनून बना हुआ है। हरियाणा और युवा वर्ग के किसान तबके का कहना है कि आज शहरों की तर्ज पर गांव में भी रहन-सहन का रुतबा बदला है। किसान इससे पहले एक सामान्य घर में ही खुश रहते थे। मगर किसानों के बच्चे पढ़ने-लिखने बड़े शहरों और विदेशों में जाने के बाद से तो वे भी महंगी रइसजादे अंदाज में बनी हवेलियों को निहारने में पीछे नहीं हटे और इन्हें अपने जहन में बिठाते हुए इसी नए अंदाज की हवेलियां गांव में खड़ी करनी आरंभ कर दी है। नवसृजित हवेलियों का आकर्षण हर राहगीर को अपनी और बर्बस खींच रहा है।

लकडावाली गांव के गुरजोत सिंह गिल, सन्नी गिल और फग्गू गांव के हरपाल सिंह पटवारी ने बताया कि शाही अंदाज में बनने वाली हवेली देखने में बशर्ते आकर्षक और महंगी लग रही हो, मगर इस अंदाज में बन रही हवेलियां अन्य बन रही कोठियों के खर्चे के कमोबेश बराबर ही तैयार हो जाती है। उन्होंने बताया कि इन हवेलियों का निर्माण परिवार को अपनी आवश्यकता के अनुसार ही करना चाहिए क्योंकि ज्यादा कमरे और अन्य निर्माण बगैर देखरेख के खराब हो जाते हैं वही धन का अपव्यय भी होता है।

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