सऊदी अरब, पाकिस्तान की थाली में सजता है सरसा का चावल

Cultivation of Basmati Rice

सरसा (सच कहूँ/ सुनील वर्मा)। हरियाणा के सरसा जिला में मुख्यतः धान, कपास, गेहूं फसलों का उत्पादन होता है। उत्तरी भारत की एकमात्र कपास मंडी भी सिरसा में ही है। यहां को चावल सउदी अरब और पाकिस्तान की थालियों की शोभा बढ़ाता है। जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी सरदार चरणजीत सिंह के अनुसार सिरसा जिला में अब तक 38 लाख 15 हजार 799 क्विंटल चावल की कुल खरीद की जा चुकी है। इस जिले का रानियां क्षेत्र धान उत्पादन का सिरमौर है। यहां बड़ी-बड़ी जोत के किसान हैं, जो धान के फसल की पैदावार करते हैं।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से चावल खरीद के लिए 01 अक्टूबर से 15 नवंबर तक का समय निर्धारित किया गया था। निर्धारित समय बीत जाने के बावजूद आज भी सिरसा की मंडियां धान की आवक से अटी पड़ी है। इस बार धान का उत्पादन भी अच्छा हुआ है। सरकारी स्तर पर परमल चावल की खरीद की जाती है, जिसके भाव अबकी बार 2040 से 2060 रुपए प्रति क्विंटल तक रहे। अब तक इस चावल की सिरसा में 17 लाख 17 हजार 431 क्विंटल खरीद की जा चुकी है। बासमती डुप्लीकेट वैरायटी की खरीद निजी एजेंसियों द्वारा की जाती है। बासमती 1509 वैरायटी का भाव अबकी बार 3400 रुपये से 3750 रुपए तक रहा। निजी एजेंसियों ने तीन लाख 42 हजार 237 क्विंटल चावल खरीदा है। इसी तरह बासमती डुप्लीकेट का भाव 3740 रुपये से लेकर 4258 रुपये तक रहा। निजी एजेंसियों ने 17 लाख 56 हजार 131 क्विंटल चावल खरीदा है।

सरसा अनाज मंडी में चावल बेचने आए अलीका गांव के किसान ज्ञान सिंह ने बताया किसान का चावल पैदा करने में जितना खर्च आता है उसके मुकाबले भाव कम है सरकार को चाहिए कि चावल के भाव में और बढ़ोतरी करें, ताकि कर्ज के बोझ तले दबा किसान उभर सके। आढती महावीर शर्मा का कहना है कि फ़सली सीजन में मंडी अनाज से लद जाती है । अनाज की सफाई के लिए लगी मशीनों से उठने वाला धुआं अनाज मंडी में रह रहे आढतियों के परिवारों के बच्चों और बुजुर्गों को बहुत परेशान करता है । सरकार को चाहिए क्यों कोई ऐसी व्यवस्था करें जिससे मंडी में उड़ने वाली धूल पर काबू पाया जा सके।

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