HCS Exam: चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने सिविल सेवा परीक्षा (HCS) की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए मुख्य लिखित परीक्षा के ढांचे में संशोधन किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में इसी माह हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इन नए नियमों को मंजूरी दी गई, जिसके बाद मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी।
मुख्य लिखित परीक्षा का नया प्रारूप | HCS Exam
बदले हुए नियमों के अनुसार अब मुख्य लिखित परीक्षा में पहले की तरह चार नहीं, बल्कि कुल छह प्रश्नपत्र होंगे। यह परीक्षा 600 अंकों की होगी।
- अंग्रेजी : 100 अंक (अंग्रेजी निबंध सहित)
- हिंदी : 100 अंक (हिंदी निबंध सहित)
- सामान्य अध्ययन – I : 100 अंक
- सामान्य अध्ययन – II : 100 अंक
- सामान्य अध्ययन – III : 100 अंक
- सामान्य अध्ययन – IV : 100 अंक
सभी प्रश्नपत्र पारंपरिक (निबंधात्मक) प्रकार के होंगे। प्रश्नपत्र अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में तैयार किए जाएंगे।
पर्सनालिटी टेस्ट
मुख्य लिखित परीक्षा के बाद पर्सनालिटी टेस्ट/मौखिक परीक्षा आयोजित की जाएगी, जो अब 75 अंकों की होगी। इस प्रकार चयन प्रक्रिया का कुल मूल्यांकन 675 अंकों पर आधारित होगा।
उम्मीदवारों की संख्या से जुड़े प्रावधान
- मुख्य लिखित परीक्षा के लिए बुलाए जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या विज्ञापित रिक्तियों की 12 गुना होगी (समान अंक वालों को शामिल करते हुए)।
- पर्सनालिटी टेस्ट के लिए उम्मीदवारों की संख्या विज्ञापित रिक्तियों की 3 गुना होगी।
भूतपूर्व सैनिकों के लिए विशेष नियम
भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए यह स्पष्ट किया गया है कि उन्हें मुख्य लिखित परीक्षा के सभी प्रश्नपत्रों में बैठना अनिवार्य होगा।
न्यूनतम अंक (कट-ऑफ) की शर्तें
- पर्सनालिटी टेस्ट के लिए बुलाए जाने हेतु उम्मीदवार को सभी लिखित प्रश्नपत्रों के कुल योग में कम से कम 45% अंक प्राप्त करने होंगे।
- साथ ही हिंदी और अंग्रेजी दोनों में न्यूनतम 33% अंक अनिवार्य होंगे।
- यदि बेंचमार्क दिव्यांगता वाले उम्मीदवार पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं होते हैं, तो हरियाणा राज्य लोक सेवा आयोग इस सीमा को घटाकर 35% तक कर सकता है।
अंतिम चयन प्रक्रिया
अंतिम चयन, उम्मीदवार द्वारा भरे गए सेवा अधिमान (Service Preference) को ध्यान में रखते हुए, मुख्य लिखित परीक्षा और पर्सनालिटी टेस्ट (कुल 675 अंक) में प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार की गई वरिष्ठता सूची से किया जाएगा। हरियाणा सरकार का यह निर्णय सिविल सेवा परीक्षा को अधिक व्यापक, संतुलित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सामान्य अध्ययन के चार अलग-अलग पेपरों से अभ्यर्थियों के ज्ञान, विश्लेषण क्षमता और प्रशासनिक समझ का बेहतर मूल्यांकन संभव होगा।















