
Health Tips: अनु सैनी बर्तनों का चयन सिर्फ दिखावे के लिए नहीं, बल्कि हमारी सेहत से भी गहराई से जुड़ा होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि किस धातु के बर्तन में खाना पकाया या खाया जा रहा है, इसका सीधा असर शरीर पर पड़ता है। मिट्टी, तांबा, पीतल और कांसे के बर्तन न केवल भोजन के स्वाद को बढ़ाते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी होते हैं।
मुरादाबाद – पीतल नगरी की पहचान | Health Tips
उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद शहर अपनी पीतल कला के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। यहां तांबा, कांसा और पीतल के आकर्षक बर्तन बनाए जाते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि इन धातुओं से बने बर्तन शरीर को आवश्यक मिनरल्स प्रदान करते हैं और भोजन में पोषक तत्वों की कमी नहीं होने देते। हालांकि, खट्टे या अम्लीय खाद्य पदार्थ (जैसे नींबू या टमाटर) इन बर्तनों में नहीं पकाने चाहिए, क्योंकि ये धातुओं के साथ प्रतिक्रिया कर हानिकारक हो सकते हैं।
तांबा, पीतल और कांसा – शरीर के लिए अमृत समान
मुरादाबाद के कारोबारी मोहम्मद फरमान के अनुसार, स्टील, एल्यूमिनियम और प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग शरीर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है। इन बर्तनों से निकलने वाले रसायन दिल की बीमारी, ब्लड प्रेशर और खून की अशुद्धि जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। वहीं, तांबे, पीतल और कांसे के बर्तनों में खाना खाने से शरीर को प्राकृतिक मिनरल्स मिलते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
मिट्टी के बर्तनों के फायदे
एक्सपर्ट डॉ. रवि आर्या का कहना है कि मिट्टी के बर्तन सबसे प्राकृतिक और सेहतमंद विकल्प हैं। इनमें पकाया गया खाना न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि पोषक तत्व भी पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं। मिट्टी की प्राकृतिक ठंडक भोजन के तापमान को नियंत्रित रखती है और पाचन को बेहतर बनाती है।
सोना, चांदी और लोहा भी हैं लाभकारी
प्राचीन आयुर्वेद में सोने, चांदी, कांसे और लोहे के बर्तनों का उल्लेख भी मिलता है।
चांदी के बर्तन पाचन को दुरुस्त रखते हैं और रोगों से बचाते हैं।
कांसे के बर्तन शरीर के दोषों को संतुलित करते हैं।
लोहे के बर्तन से बने भोजन में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है।
सोने के बर्तन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
आज जब बाजार में आधुनिक डिज़ाइन वाले स्टील और प्लास्टिक के बर्तन छा गए हैं, तब भी मिट्टी, तांबा, कांसा और पीतल जैसे पारंपरिक बर्तन स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वोत्तम हैं। यदि आप भी अपनी दिनचर्या में धीरे-धीरे इन धातु या मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल बढ़ाएं, तो यह आपकी सेहत के लिए एक स्वाभाविक और दीर्घकालिक निवेश साबित होगा।