Haryana News: चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने प्रगति की और कदम बढ़ाते हुए राज्य के 10 जिलों में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप स्थापित करने का फैसला लिया हैं। इन जिलों में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप स्थापित करने के साथ ही यहां जमीनों के भाव बढ़ने का अनुमान हैं बता दे कि यह टाउनशिप खासतौर पर रणनीतिक स्थानों पर बनाई जाएंगी ताकि इंडस्ट्रीज को सीधे एक्सप्रेसवे के साथ जोड़ा जा सके। इस योजना के पूरा होने के बाद राज्य में रोजगार के अवसर के साथ ही एमएसएमई मेक इन इंडिया और लोकल टू ग्लोबल इनिशिएटिव्स को भी फायदा होगा।
IPL 2025: मुम्बई इंडियंस के अलावा ये टीम जीत सकती है फाइनल आईपीएल 2025? जानें पॉइंट्स टेबल
10 जिलों को इस योजना में किया जाएगा शामिल | Haryana News
बता दे कि हरियाणा सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना में हरियाणा के 10 जिलों को शामिल किया गया हैं ये जिलें भौगोलिक और इकोनॉमिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। ये दस जिलें सिरसा, कैथल, भिवानी, नारनौल, जींद, अंबाला, गुरुग्राम, फरीदाबाद (ग्रेटर फरीदाबाद जेवर एयरपोर्ट के पास), हिसार(हिसार एयरपोर्ट के समीप) हैं।
राजमार्ग पर औद्योगिक क्लस्ट उत्पादों को किया जाएगा प्रमोट
बता दे कि दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के किनारों पर औद्योगिक क्लस्टर में आॅटोमोबाइल टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग जैसे भारी सेक्टरों को प्रमोट किया जा सकेगा। इन उत्पादों और सेवा का फायदा गुरुग्राम कैथल और जींद जैसे जिलों को मिलेगा। इसके साथ ही नारनौल-अंबाला हाईवे को छोटे उद्योगों के लिए आइडियल माना गया हैं। इस हाईवे पर लोकल मैन्युफैक्चरिंग पैकेजिंग वर्कशॉप्स और ट्रांस पोर्ट आधारित सेवाओं को पहल मिलेगी। इसके अलावा डबवाली-पानीपत हाईवे पर इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोकेमिकल सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सिरसा व भिवानी जिले एक दूसरे जिले आपस में मिलेगे।
इस योजना के तहत गुरुग्राम और फरीदाबाद पर किया गया स्पेशल फोकस
बता दे कि इस योजना के तहत गुरुग्राम और फरीदाबाद पर स्पेशल फोकस किया गया हैं इसका कारण यह हैं कि यहां पहले से ही बड़ी इंडस्ट्रीज कंपनियां और आटोमोबाइल मैन्युफै क्चरिंग कंपनी मैजूद हैं। ये दोनों शहर ना सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे उत्तर भारत के बिजनेस कॉरिडोर का हिस्सा हैं।