Cold Winter Coming: चंडीगढ़/हिसार सच कहूँ/संदीप सिंहमार। उत्तर भारत में इस बार सर्दी पिछले सालों की तुलना में ज्यादा सताएगी। भारतीय मौसम विभाग और विश्व मौसम संगठन की ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार इस बार ला-नीना के प्रभाव से देश में सामान्य से ज्यादा ठंड और बारिश होने की संभावना है। खासकर उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड में इस सर्दी बर्फबारी और ठंड की लहरें देखने को मिल सकती हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी का सीधा असर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य भारत में भी रहेगा। ज्ञात रहे कि इस बार मध्यप्रदेश में नवंबर के पहले सप्ताह में ही न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुँच चुका है। ला नीना की वजह से प्रशांत महासागर का सतही पानी सामान्य से ठंडा रहता है, जिससे वहां की हवाएं ठंडी होकर भारत आती हैं।
इस कारण ठंड सामान्य से बढ़ जाती है और साथ ही पश्चिमी विक्षोभ की वजह से उत्तर भारत में बारिश और बर्फबारी होती है, जो सर्दी को और तीव्र कर देती है। इसके अलावा ला नीना का असर लंबे समय तक राह सकता है। इसी वजह से मानसून की वर्षा भी बेहतर होती है, जिससे खरीफ फसलों को लाभ होता है, लेकिन साथ ही असम और बिहार जैसे क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका बढ़ जाती है। हालांकि इस बार का ला नीना अपेक्षाकृत कमजोर और अल्पकालिक रहने की संभावना है, फिर भी यह भारत में इस सर्दी को सामान्य से ठंडा और कुछ स्थानों पर अत्यधिक ठंडा बना सकता है।
13 तक शुष्क रहेगा मौसम | Cold Winter Coming
भारत मौसम विभाग ने बेशक पूर्वी राजस्थान में शीत लहर का अलर्ट जारी किया हो, लेकिन 13 नवंबर तक हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली व उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क बना रहेगा। इस दौरान रातें ठंडी तो दिन हल्के गर्म बने रहेंगे। भारत मौसम विभाग के बुलेटिन के मुताबिक न्यूनतम तापमान में मध्य नवंबर तक 2 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ सकती है।
कहाँ कितना न्यूनतम तापमान
सीकर 7.5
फरीदकोट 8.0
हिसार 8.2
भटिंडा 8.4
रोपड़ 8.4
महेंद्रगढ़ 8.6
सोनीपत 8.9
होशियारपुर 9.2
फिरोजपुर 9.8
सरसा 9.9
(डिग्री सेल्सियस, सोर्स आईएमडी।)















