हृदय रोगी ठंड से करें बचाव

heart attack sachkahoon

उत्तर भारत में ठण्ड का प्रकोप जारी है। हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर में अगले कुछ दिन और शीतलहर का अनुमान है। मौसम विभाग ने भी इस बारे चेतावनी जारी की है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार भारत में कड़ी ठंड की वजह ‘ला नीना’ का प्रभाव है। ‘अल नीनो’ और ‘ला नीना’ का असर दूनिया भर के मौसम पर पड़ता है। अल नीनो और ला नीना का संदर्भ प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में होने वाले बदलाव से है। अल नीनों की वजह से तापमान गर्म होता है और ला नीना की वजह से तापमान ठंडा होता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक उत्तरी भारत में ठंड की स्थिति फरवरी तक रहेगी। ठंड के इस मौसम में सब अपने घरों में सिकूड़ कर रह जाते हैं। ठंड का एक मात्र इलाज ही बचाव है। इसलिए सम्पन्न लोगों को चाहिए कि ठंड के इस मौसम में गर्म कपड़े, कम्बल इत्यादि से गरीबों व जरूरतमंदों की मदद की जाए। स्टेशनों व सार्वजनिक स्थानों की मदद की जाए। स्टेशनों व सार्वजनिक स्थानों पर ठंड से ठिठुरते बच्चे, बुजुर्गों को दी गई यह मदद उनके लिए जीवन रक्षक होगी।

हृदय रोगियों के लिए ठंड का मौसम बहुत घातक होता है। जब बाहर का तापमान कम होता है तो फिर शरीर के तापमान को सेट करने में बॉडी को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसके कारण बीएमआर (बेसल मेटाबालिक रेट) बढ़ जाता है। जो शरीर के मेटाबॉलिजम को मापता है। जिसके कारण हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। दूसरा सर्दियों में रक्त वाहिकाओं में संकुचन की समस्या भी बढ़ जाती है, जो हृदयघात का कारण बनती है। इसलिए हृदय के रोगियों को इस मौसम में अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। जिनको पहले से हार्टअटैक आ चुका है या डायबिटिज, हाई ब्लड प्रैशर या कोलेस्ट्रोल इत्यादि की समस्या से ग्रस्त है ऐसे मरीजों को इस मौसम में हार्ट अटैक के खतरे बढ़ जाते हैं। सही खान-पान व नियमित योग अभ्यास के द्वारा ही सर्द मौसम के इस प्रभाव से बचा जा सकता है।

-पवन कुमार

हार्ट अटैक पर पूज्य गुरु जी के स्पेशल वचन

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।