Union Budget 2024 Live: बड़ी सौगात, किसान, युवा और महिलाओं पर फोकस, वित्त मंत्री ने रचा इतिहास, देखिए लाइव प्रसारण

Union Budget 2024 Live
Union Budget 2024 Live: बड़ी सौगात, किसान, युवा और महिलाओं पर फोकस, वित्त मंत्री ने रचा इतिहास, देखिए लाइव प्रसारण

Union Budget 2024 Live: नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूूज)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को संसद में चालू वित्त वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश कर नया रिकार्ड बनाया। वह लगातार सातवीं बार आम बजट पेश करने वाली देश की पहली वित्त मंत्री बन गई है। गौरतलब हैं किश्रीमती सीतारमण अब तक छह बार बजट पेश कर चुकी है जिसमें एक अंतरिम बजट भी शामिल है। मुरारी देसाई ने लगातार छह बार बजट पेश किये थे और सबसे अधिक बजट पेश करने का रिकार्ड अब तक उनके नाम है। देसाई ने भी एक अंतिरम बजट पेश किया था। इस वर्ष आम चुनाव के कारण श्रीमती सीतारमण ने एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था। केन्द्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लगातार तीसरी बार सत्ता में आने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीमती सीतारमण पर भरोसा जताते हुये उन्हें लगातार दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री की जिम्मेदारी दी है।

श्रीमती सीतारमण लंबे बजट भाषण के लिए भी जानी जाती है। उनका केंद्रीय बजट 2020-21 का भाषण भारतीय इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण है यह 2 घंटे 40 मिनट तक चला था। इससे दौरान उन्होंने केंद्रीय बजट 20़19-20 पेश करने के 2 घंटे 17 मिनट के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। कल (23 जुलाई को) वित्तमंत्री लोकसभा में केंद्रीय बजट पेंश करेंगी। इस बार बजट पेश करने के बाद वित्तमंत्री का नाम एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा। वह लगातार सात बार बजट पेश करने वाली देश की पहली वित्तमंत्री बन जाएंगी। Union Budget 2024 Live

  • चार वर्ष की अवधि में बीस लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा: सीतारमण
  • विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सर्जन के लिए चार वर्ष की नयी योजना
  • कृषि उपज और किसानों को बाजार, डिजीटल बाजार से जोड़ने पर विशेष जोर: सीतारमण
  • तिलहन में आत्मनिर्भरता के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा
  • अगले दो वर्ष में किसानों के लिए नये विकास केंद्र : सीतारमण
  • कृषि उत्पादकता , जलवायु परिवर्तन क्षेत्र के लिए अनुसंधान और विकास कार्यों पर विशेष बल बजट में सभी वर्गों के लाभ के लिए नौ प्राथमिकताएं
  • वैश्विक अर्थव्यवस्था के मजबूत होने के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था भी विकास की ओर: सीतारमण

कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये

 वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों के 1.52 लाख करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में पेश केंद्रीय बजट में कहा कि कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने और अनुकूलता के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए 32 कृषि और बागवानी में फसलों की 109 उच्च पैदावार और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएगीँ। देशभर में एक करोड किसानों को प्रमाणीकरण और ब्रांडिंग से प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहन दिया जाएगा। कृषि संबंधी योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए 10 हजार जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किये जाएगें। वित्त मंत्री ने कहा कि महिलाओं और बालिका विकास एवं कल्याण के लिए तीन लाख करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है।

रोजगार सृजन के लिए दो लाख करोड़ का आवंटन

वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में रोजगार सृजन, कौशल विकास और अन्य अवसरों के लिए दो लाख करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में पेश केंद्रीय बजट में कहा कि अगले पांच वर्ष के लिए प्रधानमंत्री पैकेज में दो लाख करोड़ रुपए के आवंटन से रोजगार, कौशल विकास और अन्य अवसरों के लिए पांच योजनायें शुरु होंगी। इनसे 4.1 करोड़ युवाओं को लाभ मिलेगा।

इनमें तीन योजनाओं को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के माध्यम से लागू किया जाएगा। ईपीएफओ में पहली पंजीकृत कर्मचारियों को एक माह के वेतन का 15 हजार रुपए तक की तीन किस्तों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण दिया जाएगा। विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार पाने के पहले चार वर्षों में उनके ईपीएफओ योगदान के अनुसार कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को प्रत्यक्ष प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो वर्ष तक उनके प्रतिमाह तीन हजार रुपए तक के ईपीएफओ योगदान की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

प्राकृतिक खेती को बढ़ाया जायेगा: सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा कि देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ाया जाएगा और दो साल में एक करोड़ किसानों को इसमें शामिल कर उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके साथ ही खेती को बढावा देने के लिए 10 हजार बायो इनपुट सेंटर बनाए जाएंगे।

श्रीमती सीतारमण नेे कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ‘शाईनिंग’ है और इसे निरंतर बनाए रखने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किये गये हैं इसलिए कृषि तथा इससे संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि गरीब, महिला और अन्नदाता को बजट में विशेष अहमियत दी गई है, महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बेरोजगारी तथा स्किलिंग पर विशेष जोर दिया गया है। शिक्षा के लिए 1.84 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है ताकि शिक्षा के विकास तथा रोजगार के अवसरों को तेजी से बढाया जा सके।

वित्त मंत्री ने कहा, खरीफ फसलों के लिए देश के 400 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाएगा जिसमें छह करोड़ किसानों की खेती और उनकी जानकारी ‘किसान और खेती रजिस्ट्रेशन’ में शामिल की जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती पर जोर दिया गया है और इसके लिए गांव में बायो रिसोर्स सेंटर के माध्यम से मदद उपलब्ध कराई जाएगी ताकि बड़े स्तर पर उत्पादकता का काम होने के साथ ही आपूर्ति चेन को मजबूत किया जाएगा। सरकार राज्यों के साथ मिलकर कृषि तथा अन्य क्षेत्रों में डिजिटल प्रक्रिया को अभियान के रूप में लिया जाएगा। सिल्क को बढाने तथा इसके निर्यात को बढावा दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए उत्पादकता, रिसर्च और विकास की सतत प्रक्रिया के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराने तथा कृषि रोजगार को बढाने को महत्व दिया जाएगा। बड़े स्तर पर बेराजगारी को खत्म करने के लिए रोजगार के अवसर जुटाए जाएंगे।

बच्चों के लिए नई पेंशन योजना ‘वात्सल्य’ की घोषणा

सरकार ने बच्चों के लिए नई पेंशन योजना (एनपीएस) वात्सल्य की घोषणा की है जिसमें माता-पिता और अभिभावक को अंशदान करना होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में पेश ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ में बच्चों के लिए एक नई पेंशन योजना ‘वात्सल्य’की घोषणा की। इस पेंशन योजना में माता-पिता और अभिभावक अंशदान करेंगे। वयस्कता की आयु होने पर, इस योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा। श्रीमती सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपने काम में पर्याप्त प्रगति की है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र की राष्ट्रीय परिषद के कर्मचारियों ने रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया है।

उन्होंने कहा कि एक ऐसा समाधान निकाला जाएगा जिससे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकल सके और साथ ही आम जनता के हितों की सुरक्षा के लिए राजकोषीय दूरदर्शिता भी बनाई रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों को सरकारी योजनाओं के तहत कोई फायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें देशभर के संस्थानों में दाखिले के लिए ऋण दिया जाएगा। ऋण का तीन प्रतिशत तक पैसा सरकार देगी। इसके लिए ई-वाउचर्स लाए जाएंगे, जो हर साल एक लाख विद्यार्थियों को मिलेंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि जारी वित्‍त वर्ष में कौशल भारत योजना के तहत 1.4 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि 2014 से 2024 तक सात नए भारतीय प्रद्यौगिकी संस्थान (आईआईटी) और सात नए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईए) खोले गए हैं। उन्होंने बताया कि देश में तीन हजार नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) खोले गए हैं। वहीं 16 भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी और 390 विश्वविद्यालय खुले हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 10 साल में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 28 प्रतिशत उपस्थिति पंजी बढ़ी हैं।]

कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये के आवंटन

वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों के 1.52 लाख करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में पेश केंद्रीय बजट में कहा कि कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने और अनुकूलता के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए 32 कृषि और बागवानी में फसलों की 109 उच्च पैदावार और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी। देशभर में एक करोड किसानों को प्रमाणीकरण और ब्रांडिंग से प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

कृषि संबंधी योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए 10 हजार जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किये जाएंगे। डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का उपयोग करते हुए 400 जिलों में खरीफ फसलों का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि छह करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्यौरों को किसान और जमीन की रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा। श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि पांच राज्‍यों में जन समर्थ आ‍धारित किसान क्रे‍डिट कार्ड जारी किए जाएंगे।दलहनों और तिलहनों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार इन फसलों के उत्‍पादन, भंडारण और विपणनन को मजबूत बनाएगी। उन्होंने बताया कि सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों में‘आत्‍मनिर्भरता’हासिल करने के लिए एक कार्यनीति बनाई जा रही है।

वित्त मंत्री ने बताया कि प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक सब्जी उत्पादन केन्‍द्रों की स्‍थापना की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि सरकार उपज के संग्रहण, भंडारण और विपणन सहित सब्जी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए किसान-उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देगी। झींगा ब्रूड-स्टॉक्स न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्‍होंने कहा कि झींगा पालन, उनके प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

वेतनभाेगियों को मानक छूट की राहत, विदेशी कंपनियों पर कर में कमी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2024-25 के लिए मंगलवार को प्रस्तुत पूर्ण बजट में वेतनभागी आयकर दाताओं को राहत देते हुए मानक कटौती को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये करने की घोषणा की तथा नयी व्यक्तिगत कर व्यवस्था में कुछ बदलाव करने का प्रस्ताव किया। उन्होंने विदेशी कंपिनयों पर कार्पोरेट कर को 40 प्रतिशत से कम कर 35 प्रतिशत करने की भी घोषणा की है। बजट में गैर सूचीबद्ध कंपनियों / स्टार्टअप आदि द्वारा शेयरों के आवंटन से जुटाए जाने वाले धन पर एंजल कर को समाप्त करने का बड़ा प्रस्ताव भी किया गया है। यह कर शेयर के अनुमानित बाजार मूल्य से ऊपर की प्राप्त राशि पर लगया जाता हैं। विदेशी कंपनियों पर कारपोरेट कर दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।

इसी तरह व्यक्तिगत आयकर दरों के संबंध में, नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वालों के लिए दो घोषणाएं है। पहला, वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक छूट को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार, पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का प्रस्ताव है। इससे नई कर व्यवस्था में लगभग चार करोड़ वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा। सामाजिक सुरक्षा लाभ में सुधार हेतु, नयी पेंशन योजना (एनपीएस) में नियोजनकर्ता द्वारा किए जा रहे योगदान को कर्मचारी के वेतन के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार, निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और उपक्रमों में नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों की आय से वेतन के 14 प्रतिशत तक व्यय की कटौती का प्रावधान करने का प्रस्ताव है।

श्रीमती सीतारमणन ने प्रत्यक्ष कर संबंधी प्रस्तावों के शुरू में कहा, “ आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की जाएगी। धर्मार्थ संस्थाओं के लिए कर में छूट की दो व्यवस्थाओं को मिलाकर एक करने का प्रस्ताव है। इसी तरह अनेक भुगतानों पर पांच प्रतिशत टीडीएस (कर पर कटौती) की दर को घटा कर दो प्रतिशत टीडीएस दर किया जा रहा है।” बजट में ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस दर को 1 प्रतिशत से कम करके 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। साथ ही, टीसीएस की राशि को वेतन पर कटौती किए जाने वाले टीडीएस की गणना में लाभ दिए जाने का प्रस्ताव है।

उन्होंने कहा कि आगे कोई कर निर्धारण, निर्धारण वर्ष के समाप्त होने के तीन वर्षों के बाद केवल तभी फिर से खोला जा सकेगा जब निर्धारण वर्ष के समाप्त होने से लेकर अधिकतम पांच वर्षों की अवधि तक कर से छूट प्राप्त आय 50 रुपये लाख या उससे अधिक हो। इसी तरह सर्च (छापे) संबंधी मामलों में भी, दस वर्षों की मौजूदा समय सीमा के स्थान पर छापे के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा करने का प्रस्ताव है। सरकार का कहना है कि इससे कर-अनिश्चितताओं और विवादों में कमी आएगी। बजट में परिसंपत्तियों पर कैपीटल गेन के छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव है। अपील में लंबित कतिपय आयकर विवादों के समाधान के लिए, “विवाद से विश्वास योजना”, 2024 का प्रस्ताव किया गया है। कर प्राधिकरणों , उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष करों, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपीलों को दायर करने के लिए मौद्रिक सीमाओं को क्रमशः 60 लाख, दो करोड़ और पांच करोड़ तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।

भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और इनोवेशन को समर्थन देने के लिए, निवेशकों के सभी वर्गों के लिए “एंजेल टैक्स” को समाप्त करने का प्रस्ताव है। देश में घरेलू क्रूज का संचालन करने वाली विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए एक सरल कर व्यवस्था का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने व्यक्तिगत आय कर की नई कर व्यवस्था में कर दर संरचना को निम्नानुसार संशोधित करने का प्रस्ताव हैः शून्य से 3 लाख रुपए तक शून्य, तीन से सात लाख रुपए तक को पांच प्रतिशत कर, सात से 10 लाख रुपए तक 10 प्रतिशत, 10 से 12 लाख रुपए तक 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख रुपए तक 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपए से अधिक पर 30 प्रतिशत कर का प्रावधान किया गया है।

इन संशोधनों के परिणामस्वरूप, नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी को आयकर में 17,500 तक कर लाभ होगा। उन्होंने बताया कि दो तिहाई व्यक्तिगत आय करदाता अब नयी कर व्यवस्था को अपना रहे हैं।

रेलवे के सकल राजस्व परिव्यय में 19,900 करोड़ की वृद्धि

वर्ष 2024-25 के आम बजट में भारतीय रेलवे के लिए सकल राजस्व व्यय दो लाख 78 हजार 500 करोड़ रुपए होने का अनुमान व्यक्त किया गया है जिसमें दो लाख 65 हजार 200 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय शामिल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश आम बजट में ये प्रस्ताव किये हैं। अनुदान मांगों के दस्तावेज के अनुसार चालू वित्त वर्ष के लिए रेलवे का शुद्ध राजस्व व्यय 2,78,500 करोड़ रुपये रखा गया है, जबकि वर्ष 2023-24 के पुनरीक्षित अनुमान यह दो लाख 58 हजार 600 करोड़ रुपये था। इस प्रकार से सकल राजस्व व्यय 19 हजार 900 करोड़ रुपए अधिक है।

बजट अनुमान 2024-25 में रणनीतिक लाइनों के संचालन पर घाटे की प्रतिपूर्ति 2648 करोड़ रुपये रखी गई है, जबकि पुनरीक्षित अनुमान 2023-24 में यह राशि 2491.84 करोड़ रुपये थी। राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए बाजार की ऋण सेवा के लिए बजट 2024-25 में 745 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।

बजट प्रस्तावों में पूंजीगत व्यय के प्रावधान परिसंपत्तियों, अधिग्रहण, निर्माण और प्रतिस्थापन के लिए हैं जिन्हें सकल बजटीय सहायता (रेलवे सुरक्षा निधि और राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष सहित) और रेलवे के आंतरिक संसाधनों के रूप में सामान्य राजस्व से प्राप्त धनराशि से पूरा किये जाने का प्रस्ताव है। इसमें निर्भया फंड से भी प्रावधान शामिल है।

आम बजट 2024-25 में पूंजीगत व्यय के लिए प्रदान किए गए दो लाख 65 हजार 200 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय में सामान्य राजस्व से दो लाख 52 हजार करोड़ रुपए, निर्भया कोष से दो सौ करोड़ रुपए, आंतरिक संसाधन से तीन हजार करोड़ और अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से दस हजार करोड़ रुपए शामिल हैं। वर्ष 2024-25 में पूंजीगत व्यय दो लाख 40 हजार करोड़ रुपए था।

बजट अनुमान 2024-25 में यात्री, माल, अन्य कोचिंग, विविध अन्य मदों और रेलवे भर्ती बोर्डों आदि से राजस्व सहित रेलवे की कुल प्राप्तियां दो लाख 78 हजार 500 करोड़ रुपये रखी गई हैं, जबकि पुनरीक्षित अनुमान 2023-24 में यह दो लाख 58 हजार 600 करोड़ रुपये थी।

जट रूपया आया गया

 वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में एक रुपये में आय और व्यय का ब्यौरा इस प्रकार है —- रूपया आया:-उधारी और अन्य देयताएं से 27 पैसे, आयकर से 19 पैसे, जीएसटी एवं अन्य कर से 18 पैसे, निगम कर से 17 पैसे , कर भिन्न प्राप्तियां नौ पैसे, सीमा शुल्क से चार पैसे और ऋण भिन्न पूंजीगत प्राप्तियां से एक पैसा।रूपया गया:- करों एवं शुल्कों में राज्य का हिस्सा में 21 पैसे ,ब्याज भुगतान में 19 पैसे, केन्द्रीय क्षेत्र योजना (रक्षा और सब्सिडी पर पूंजीगत परिव्यय को छोड़कर) 16 पैसे, अन्य व्यय नौ पैसे, वित्त आयोग और अन्य अंतरण पर नौ पैसे , रक्षा पर आठ पैसे, सब्सिडी पर छह पैसे और पेंशन पर चार पैसे ।

नयी निजी आयकर व्यवस्था से बचेंगे 17500 रुपए

नयी निजी आयकर व्यवस्था से बचेंगे 17500 रुपए

केंद्रीय बजट 2024-25 में नयी व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है जिसमें करदाताओं को 17500 रुपए का लाभ होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में पेश केंद्रीय बजट में कहा कि नयी कर व्यवस्था से सरकार को 7000 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा और चार करोड़ वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा।

केंद्रीय बजट के अनुसार व्यक्तिगत आय पर मानक कटौती 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दी गयी है। इससे निजी करदाता को 17500 रुपए का लाभ होगा। इसके अलावा परिवार पेंशन में कटौती की सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी गयी है।

नयी कर व्यवस्था इस प्रकार होगी—-

आय………………………………………………..कर

0 से तीन लाख रुपए……………………………..00

तीन लाख से सात लाख रुपए……………………05 प्रतिशत

सात लाख से 10 लाख रुपए…………………….10 प्रतिशत

10 लाख से 12 लाख रुपए……………………….15 प्रतिशत

12 लाख से 15 लाख रुपए………………………..20 प्रतिशत

15 लाख से अधिक…………………………………30 प्रतिशत

आइये सुनते है लाइव बजट…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here