तिरुवनंतपुरम, (एजेंसी)। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शताब्दी के उपलक्ष्य में 100 रुपये का सिक्का और एक डाक टिकट जारी करने के फैसले की आलोचना की और इसे भारत के संविधान और स्वतंत्रता संग्राम का ‘घोर अपमान’ बताया। विजयन ने कहा कि यह राष्ट्रीय सम्मान एक ऐसे संगठन को वैधता प्रदान करेगा जिसकी स्वतंत्रता आंदोलन में कोई भूमिका नहीं थी और जिसने औपनिवेशिक रणनीति के अनुकूल एक विभाजनकारी विचारधारा को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि यह कदम केवल एक सिक्का या डाक टिकट जारी तक सीमित नहीं है, बल्कि इतिहास को फिर से लिखने और हमारे सच्चे स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति का अपमान करना है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई संविधान में निहित मूल्यों को कमजोर करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला राष्ट्र की सामूहिक स्मृति पर हमला है, और कहा कि आरएसएस जैसे संगठनों ने स्वतंत्रता संग्राम से दूर रहने का विकल्प चुना था। उन्होंने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय सम्मान देना अनगिनत देशभक्तों के बलिदान के साथ विश्वासघात है।
गौरतलब है कि विपक्ष दल इस बात को लेकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं कि केंद्र सरकार ने आरएसएस को उसकी विवादास्पद ऐतिहासिक भूमिका के बावजूद, मुख्यधारा के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रही है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि मुख्यमंत्री के कड़े शब्द बहुलवाद और समावेशिता में निहित आंदोलनों को दरकिनार करके भारत की स्वतंत्रता की कहानी को नया रूप देने की कोशिशों के खिलाफ एक व्यापक चेतावनी है।