नागरिकों से सजग-सतर्क रहने की अपील
हनुमानगढ़। घग्घर नदी में पानी की बढ़ती आवक ने हनुमानगढ़ जिले में खतरे की घंटी बजा दी है। जिला प्रशासन ने अनुमान जताया है कि अगले कुछ दिनों में नदी और जीडीसी (घग्घर डिस्ट्रीब्यूटरी चैनल) के किनारे बसे संवेदनशील इलाकों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। प्रशासन ने उपखंड क्षेत्र हनुमानगढ़, टिब्बी, पीलीबंगा और रावतसर के आम नागरिकों से सजग और सतर्क रहने की अपील की है। Ghaggar News Update
प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। तटबंधों और संवेदनशील स्थानों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव ने कहा है कि बाढ़ की आशंका को देखते हुए नागरिकों को चाहिए कि वे अपने परिवार के बीमार और वृद्ध सदस्यों, छोटे बच्चों तथा पशुधन को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी पहले से कर लें। साथ ही, नकदी, आभूषण और जरूरी सामान को भी सुरक्षित स्थानों पर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
तटबंधों और संवेदनशील स्थानों का लगातार किया जा रहा निरीक्षण
प्रशासन ने लोगों को कुछ जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है, ताकि जन-धन की हानि से बचा जा सके। नदी-नालों और जलभराव वाले क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से न जाएं। तेज बहाव में वाहन न उतारें। आपात स्थिति में टॉर्च, रेनकोट और छाते का इस्तेमाल करें। पानी निकासी वाले मार्गों से होकर न गुजरें, पानी उतरने के बाद ही रास्ते का उपयोग करें। घर में खाद्य सामग्री, आवश्यक दवाइयां और नकदी पहले से ही सुरक्षित रखें। बारिश और तेज बहाव के दौरान बिजली के तार टूटने और पेड़ों के गिरने की संभावना रहती है, सतर्क रहें। बिजली के खंभों के नीचे वाहन खड़ा न करें और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूरी बनाए रखें।
तेज बहाव के दौरान पेड़ों और कच्ची दीवारों के पास खड़े न हों। पशुओं को खुले में रखें, खूंटे से न बांधें और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं। बड़े होर्डिंग्स, विद्युत खंभों और ट्रांसफॉर्मरों से दूर रहें। मोबाइल, टॉर्च, इन्वर्टर जैसे उपकरणों को पूरी तरह चार्ज रखें। नाली बहाव क्षेत्रों और गहरे गड्ढों से दूर रहें। चरवाहों को भी पशुओं को नाली क्षेत्र के आसपास चराने से बचना चाहिए। निचले इलाकों में रहने वाले नागरिक सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी रखें।
भ्रामक सूचनाओं से बचने की अपील | Ghaggar News Update
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रामक सूचनाओं से बचने की अपील की है। प्रशासन ने बताया कि बाढ़ की स्थिति में सबसे ज्यादा खतरा निचले क्षेत्रों को होता है। ऐसे इलाकों में पानी भरने की संभावना अधिक रहती है। इस कारण वहां के लोगों को पहले से ही वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी। प्रशासन ने कहा कि किसी भी संदिग्ध सूचना की पुष्टि प्रशासनिक तंत्र से ही करें।
जरूरत पड़ने पर इन नम्बरों पर करें सम्पर्क
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी आपात स्थिति, विशेषकर तटबंधों के कटाव जैसी गंभीर घटनाओं की सूचना तुरंत नियंत्रण कक्ष में दें। इसके लिए 24 घंटे सक्रिय हेल्पलाइन नम्बर जारी किए गए हैं। जरूरत पड़ने पर जिला स्तर नियंत्रण कक्ष नम्बर 01552-260299, 82094-06037, पुलिस नियंत्रण कक्ष नम्बर 01552-261105 व घग्घर बाढ़ नियंत्रण कक्ष (ड्रेनेज खंड, हनुमानगढ़) नम्बर 01552-260079 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
नाली बेड में बढ़ने लगी पानी की आवक | Ghaggar News Update
घग्घर नदी पर बने गुल्लाचिक्का, खनौरी, चांदपुर व ओटू हैड से प्रवाहित किए जा रहे पानी की मात्रा में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। नाली बेड में भी शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन पानी में करीब दो सौ क्यूसेक की बढ़ोतरी हुई। शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार गुल्लाचिक्का हैड में 49494 क्यूसेक, खनौरी हैड में 13625 क्यूसेक, चांदपुर हैड में 14800 क्यूसेक, ओटू हैड में 21500 क्यूसेक, घग्घर साइफन में 17710 क्यूसेक, नाली बेड में 5494 क्यूसेक, आरडी 42 जीडीसी में 12166 क्यूसेक, आरडी 133 जीडीसी में 6350 क्यूसेक, एसओजी ब्रांच में 900 क्यूसेक व आरडी 158 जीडीसी में 6300 क्यूसेक पानी चलाया जा रहा है।
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