गर्मी व उमस का असर: सब्जियों का उत्पादन घटने से बढ़ी महंगाई
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120 रुपये किलो धनिया व 170 रुपये किलो बिक रही मशरूम
भटिंडा/संगरूर (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब में भीषण गर्मी व उमस के बीच सब्जियां झुलसने लगी हैं और इसके भाव आसमान छू रहे हैं। इसका कारण हालात यह हैं कि हरी सब्जियां आम लोगों की पहुंच से दूर हो गई हैं। महज 20 दिनों में ही सब्जियों के दामों में दोगुना से भी अधिक का इजाफा हो चुका है। हालात यह है कि सब्जियों के साथ फ्री में मिलने वाली हरी धनिया भी अब 120 रुपये प्रति किलो बिकने लगा है। हरी मटर के भाव ने सेंचुरी मार ली है तो मशरूम 170 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। सब्जी व्यापारियों का कहना है कि सब्जियों की नई फसल के आने तक यानि करीब एक माह लोगों को यह महंगाई झेलनी पड़ेगी। जून माह में गर्मी के सीजन की सब्जियों के दाम स्थिर चल रहे थे। जून माह के अंत व जुलाई के शुरूआत से लेकर रोजाना सब्जियों के दामों में इजाफा हो रहा है।
सब्जी विक्रेता और आढ़तियों का कहना है कि ऐसा उपज व आपूर्ति में कमी व मांग बरकरार रहने के चलते हुआ है। तेज धूप, गर्म हवा के थपेड़ों से चल रही लू तथा उमस का असर सब्जियों के उत्पादन पर पड़ गया है। यही कारण है कि एशिया की नामी मंडियों में शुमार मकसूदां स्थित थोक सब्जी मंडी में इन दिनों माल की आमद भी कम हो गई है। गली मोहल्लों में जाकर सब्जी बेचने वाले महंगाई की आग में घी डालने का काम कर रहे हैं।
पेट्रोल:डीजल का भी असर
प्रदेश के अधिकतर जिलों में जून माह में अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। इसका असर सब्जियों की उपज पर देखा जा रहा है। मंडी में मांग के अनुसार माल नहीं पहुंच रहा। मंडियों में गाड़ियां कम पहुंच रही हैं। सब्जी की पैदावार बुरी तरह से प्रभावित हुई है। पहाड़ी क्षेत्रों से सब्जियां मंगवाने पर पेट्रोल:डीजल के अधिक दामों के कारण अतिरिक्त खर्च पड़ रहा है।
मानसून का भी दिखेगा असर:
गर्मी के बाद मानसून के कारण उमस बढ़ जाती है। सब्जी की पैदावार घट जाती है। अगस्त माह मानसून में गुजर जाएगा। इस बीच दामों में बहुत गिरावट नहीं होगी। पहले गर्मी व फिर मानसून के चलते लोगों को एक माह तक महंगाई की मार झेलनी होगी।
न हुई बरसात तो हालात होंगे खराब
सब्जी काश्तकारों का कहना है कि अब तक बरसात हो जानी चाहिए थी, लेकिन संगरूर इलाके में बरसात अभी तक नहीं हुई है। पानी की जरूरत को वह पूरा कर सकते हैं, लेकिन बरसात का पानी सब्जियों के लिए काफी गुणकारी होता है। अगर बरसात अगले दिनों में न हुई तो सब्जियां गर्मी की भेंट चढ़ जाएंगी।
मंडियों में सब्जियों के भाव
सब्जी पहले अब
मटर 50 80-100
गोभी 30 60-80
टिंडा 30 50-60
भिंडी 25 40
शिमला मिर्च 40 60
खीरा 20 35
घिया 15-20 25-30
मूली 20 40
मशरुम 50-60 170
रामतोरी 30 40
टमाटर 20 30
प्याज 20 25 से 30
आलू 14 20
हरी मिर्च 30-35 50-60
यह सभी भाव प्रति किलो के हिसाब से हैं।
तरबूज मिल रहा 20 रुपये किलो
तरबूज खाने के शौकीनों पर भी महंगाई की मार पड़ गई है। चंद दिनों पूर्व सात से दस रुपये प्रति किलो बिक रहे तरबूज के दाम इन दिनों में 20 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं। आने वाले दिनों में दामों में और भी इजाफे के कयास लगाए जा रहे हैं। व्यापारियों की मानें तो आगामी दिनों में दामों में बढ़ोतरी होगी। जिसके तहत तरबूज के दाम 25 रुपये प्रति किलो तक भी पहुंच सकते हैं।
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