Winter Vacation Haryana, Punjab, UP, Rajasthan 2025: नई दिल्ली/हिसार सच कहूँ/संदीप सिंहमार। उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड, कोहरे और गिरते तापमान को देखते हुए कई राज्यों की सरकारों ने स्कूलों के लिए शीतकालीन अवकाश की घोषणा कर दी है। हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और जम्मू‑कश्मीर ने अपने‑अपने अकादमिक कैलेंडर और स्थानीय मौसम के अनुसार अलग‑अलग तारीखों पर छुट्टियां तय की हैं। सरकारी, निजी एवं सहायता प्राप्त अधिकांश स्कूल इन आदेशों के दायरे में आएंगे। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक दिसंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर जनवरी के मध्य तक घना कोहरा, ठंडी हवाएं और पारा सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। इसी संभावित ठंड लहर से बच्चों को बचाने के लिए सरकारें पहले से ही सत्र में बदलाव कर रही हैं।
हरियाणा: नए साल के साथ शुरू होगा अवकाश | Winter Vacation 2025
हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में 1 जनवरी 2026 से 15 जनवरी 2026 तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया है। इस अवधि में नर्सरी से लेकर 12वीं तक सभी कक्षाओं की नियमित पढ़ाई बंद रहेगी। शिक्षा विभाग ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे छुट्टियों से पहले आवश्यक यूनिट टेस्ट और प्रैक्टिकल कार्य निपटा लें, ताकि पाठ्यक्रम पर असर कम से कम पड़े। शिक्षकों के लिए भी अधिकांश दिनों में अवकाश रहेगा, हालांकि प्रशासनिक कार्यों और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए कुछ स्कूलों में स्टाफ को रोस्टर के आधार पर बुलाया जा सकता है। विभाग ने यह भी साफ किया है कि तय तारीखों में ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का निर्णय स्कूल प्रबंधन स्थानीय स्तर पर ले सकते हैं।
दिल्ली: हरियाणा की तर्ज पर 15 दिन की ठंडी छुट्टी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी शीतलहर और धुंध का असर देखते हुए शिक्षा निदेशालय ने 1 जनवरी 2026 से 15 जनवरी 2026 तक स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है। यह आदेश सरकारी, एडेड और अधिकांश निजी स्कूलों पर लागू होगा। दिल्ली में हर साल ठंड और प्रदूषण के दोहरे असर को देखते हुए सर्दियों में स्कूलों के समय में बदलाव और छुट्टियों की अवधि पर विशेष ध्यान दिया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सुबह‑सुबह की ठिठुरन बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल सकती है, इसलिए छुट्टियां या लेट स्टार्ट ही व्यावहारिक समाधान हैं।
पंजाब: 22 दिसंबर से 10 जनवरी तक अवकाश
पंजाब सरकार ने इस बार अपेक्षाकृत लंबी शीतकालीन छुट्टी का ऐलान किया है। प्रदेश के स्कूल 22 दिसंबर 2025 से 10 जनवरी 2026 तक बंद रहेंगे। इससे विद्यार्थियों को क्रिसमस, नया साल और लोहड़ी से जुड़ी छुट्टियां एक साथ मिल जाएंगी। शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए हैं कि छुट्टियों से पहले अर्धवार्षिक परीक्षाओं और आंतरिक मूल्यांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। विभाग यह भी देख रहा है कि बोर्ड कक्षाओं के पाठ्यक्रम में कोई कमी न रह जाए, इसलिए कई स्कूल छुट्टी के बाद विशेष रिवीजन क्लास और टेस्ट सीरीज़ चलाने की तैयारी कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश: दिसंबर के तीसरे सप्ताह से 11 दिन की ठंडी छुट्टी
उत्तर प्रदेश में सर्दी का प्रकोप आमतौर पर क्रिसमस के आसपास तेज हो जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 20 दिसंबर 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक स्कूलों में शीतकालीन अवकाश घोषित किया है। प्रदेश के कई जिलों में पहले से ही सुबह के समय कोहरा और शीत लहर देखी जा रही है। स्थानीय प्रशासन को अधिकार दिया गया है कि अगर तापमान और गिरता है तो वे स्कूलों का समय बदल सकते हैं या छुट्टियों को कुछ दिनों के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव भेज सकते हैं। फिलहाल निर्धारित कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी से कक्षाएं सामान्य रूप से शुरू कराई जाएंगी।
राजस्थान: 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक बंद रहेंगे स्कूल
थार के रेगिस्तानी क्षेत्रों में भी दिसंबर‑जनवरी में रात का तापमान तेजी से गिरने लगा है। इसे देखते हुए राजस्थान सरकार ने 25 दिसंबर 2025 से 5 जनवरी 2026 तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया है। जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और अजमेर समेत अधिकांश संभागों के स्कूलों में यह आदेश लागू होगा। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस अवधि के दौरान किसी प्रकार की अनिवार्य शैक्षणिक गतिविधि नहीं कराई जाएगी। हालांकि, बोर्ड परीक्षाओं से जुड़ी प्रशासनिक तैयारियों के लिए स्कूल मुख्यालय खुले रह सकते हैं।
उत्तराखंड: मैदान और पहाड़ों के लिए अलग‑अलग शेड्यूल
भूगोल और ऊंचाई को देखते हुए उत्तराखंड में शीतकालीन अवकाश का कैलेंडर दो चरणों में बांटा गया है। मैदानी क्षेत्रों के कई स्कूलों में 1 से 13 जनवरी 2026 तक छुट्टी रहेगी,जबकि पहाड़ी जिलों में ठंड के लंबे और कड़े मौसम को देखते हुए 26 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक छुट्टियां प्रस्तावित हैं। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी, फिसलन और परिवहन की दिक्कतों के कारण स्कूलों का सुचारु संचालन मुश्किल होता है। ऐसे में लंबा अवकाश बच्चों के सुरक्षित घर पर रहने की दृष्टि से आवश्यक माना जा रहा है। विभाग ने ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म और वर्कशीट के माध्यम से पढ़ाई जारी रखने का सुझाव दिया है।
जम्मू‑कश्मीर: दिसंबर के पहले पखवाड़े में आंशिक अवकाश
जम्मू‑कश्मीर प्रशासन ने 8 से 14 दिसंबर 2025 तक शीतकालीन अवकाश का प्रथम चरण (आंशिक चरण) की घोषणा जा चुकी है। सर्दी के मौसम में यहां छुट्टियां आगे बढ़ाई जाएगी। घाटी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान शून्य से नीचे चला जाने के कारण बच्चों के लिए स्कूल पहुंचना कठिन हो जाता है। आगे के चरणों में, मौसम की स्थिति के आधार पर जनवरी में भी अतिरिक्त अवकाश की संभावना जताई जा रही है। प्रशासन ने स्कूलों को सलाह दी है कि वे छुट्टियों से पूर्व पाठ्यक्रम का मुख्य भाग पूरा कर लें और शीतकालीन अवकाश के दौरान छात्रों के लिए होम असाइनमेंट तैयार करें।
छुट्टियां किन स्कूलों पर लागू, क्या रहेगा विशेष
इन राज्यों द्वारा जारी आदेश मुख्य रूप से तीन तरह के विद्यालयों पर लागू होते हैं। सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल। मान्यता प्राप्त निजी स्कूल। कई जगह केंद्रीय/राष्ट्रीय बोर्ड से संबद्ध विद्यालय, जहां राज्य सरकार के निर्देशों का पालन किया जाता है। हालांकि, कुछ निजी या आवासीय स्कूल अपने आंतरिक कैलेंडर के अनुसार छुट्टियों की तिथियों में मामूली बदलाव कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में अभिभावकों को संबंधित स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट, नोटिस बोर्ड या मैसेज समूहों पर जारी सूचना को अंतिम मानना होगा।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह: ठंड से बचाव के साथ पढ़ाई पर भी ध्यान
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हर्ष भयाना का कहना है कि अत्यधिक ठंड में सुबह‑सुबह निकलने से बच्चों में सर्दी‑जुकाम, निमोनिया और फ्लू जैसे संक्रमण बढ़ जाते हैं। विशेष रूप से छोटे बच्चों, अस्थमा या एलर्जी से पीड़ित विद्यार्थियों के लिए यह मौसम जोखिम भरा होता है। इसलिए शीतकालीन अवकाश उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही, शिक्षा विशेषज्ञ यह भी सुझाव दे रहे हैं कि अभिभावक छुट्टियों को केवल मनोरंजन तक सीमित न रखें, बल्कि बच्चों को हल्की‑फुल्की पढ़ाई, पुस्तक‑पठन, क्रिएटिव गतिविधियों और खेलकूद के लिए प्रेरित करें। इससे वे नए सत्र में बिना किसी अंतराल के पढ़ाई पकड़ सकेंगे।
अभिभावकों के लिए उपयोगी सुझाव
बच्चों को मौसम के अनुकूल ऊनी कपड़े, टोपी, मफलर और दस्ताने पहनाकर ही बाहर भेजें। कोहरे और फिसलन वाले दिनों में अनावश्यक यात्रा से बचें, खासकर सुबह और देर शाम के समय। छुट्टियों के दौरान बच्चों के स्क्रीन टाइम पर नियंत्रण रखें और उन्हें इनडोर व आउटडोर दोनों तरह के खेलों में शामिल करें। बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक हल्का‑फुल्का टाइम‑टेबल बनाकर नियमित अध्ययन की आदत बनवाएं।
ठंड से सुरक्षा और शिक्षा के बीच संतुलन की कोशिश
उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों द्वारा घोषित शीतकालीन अवकाश यह दिखाता है कि सरकारें मौसम की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही हैं। अलग‑अलग राज्यों में तारीखें भले ही भिन्न हों, लेकिन उद्देश्य एक ही है। कड़ाके की ठंड में छात्रों के स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए शिक्षा की निरंतरता बनाए रखना। अभिभावकों और स्कूल प्रबंधनों की साझा जिम्मेदारी है कि वे इन छुट्टियों को सुरक्षित, उपयोगी और बच्चों के सर्वांगीण विकास के अनुकूल बनाने की दिशा में मिल‑जुलकर प्रयास करें।
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