एक दिन पूर्व हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पौने दो लाख क्यूसेक पानी से चेतावनी बिंदु के नजदीक पहुंचा यमुना का जलस्तर
- तटवर्ती क्षेत्र के बाशिंदों की धड़कने बढ़ी, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
कैराना (सच कहूँ न्यूज़)। Kairana News: हथिनीकुंड बैराज से एक दिन पूर्व छोड़े गए पौने दो लाख क्यूसेक पानी से कैराना में यमुना का जलस्तर चेतावनी बिंदु के नजदीक पहुंच गया। खादर क्षेत्र में खड़ी किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। यमुना के रौद्र रूप को देखकर तटवर्ती क्षेत्र के बाशिंदों की धड़कने तेज होने लगी है। वहीं, यमुना के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। Kairana News
पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते हथिनीकुंड बैराज पर पानी का दबाव बढ़ गया है, जिसे कम करने के लिए विगत रविवार को 1.79 लाख क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड के दर से यमुना नदी में एक साथ छोड़ा गया था। बताया जा रहा है कि पानी के दबाव के मद्देनजर बैराज के सभी द्वार खोल दिये गए है। बैराज से छोड़े गए पानी के कैराना पहुंचते ही सोमवार को यमुना उफान पर आ गई। शाम चार बजे तक यमुना का जलस्तर चेतावनी बिंदु के निकट पहुंच गया। शाम साढ़े पांच बजे यमुना कैराना में 230.800 मीटर पर बह रही थी, जबकि चेतावनी बिंदु 231:00 मीटर पर निर्धारित है।
सोमवार प्रातः आठ बजे भी बैराज से 53,878 क्यूसेक पानी यमुना में डिस्चार्ज किया गया। वहीं, यमुना का जलस्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र में खड़ी किसानों की सैंकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। यमुना के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर तहसील क्षेत्र की सभी बाढ़ चौकियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए है। साथ ही, ड्रेनेज विभाग को तटबंधों पर निरंतर गश्त करने एवं यमुना के बढ़ते जलस्तर पर नजर बनाए रखने को कहा गया है। यमुना के बहाव में वृद्धि होने के कारण तटवर्ती क्षेत्र में वास करने वाले नागरिकों की धड़कने भी बढ़ने लगी है। Kairana News
उन्हें बाढ़ का खतरा सताने लगा है। उधर, ड्रेनेज विभाग के अधिशासी अभियंता सुधांशु सिंह ने बताया कि विगत रविवार को हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी से क्षेत्र में यमुना के जलस्तर में वृद्धि हुई है। हालांकि अभी स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। यमुना से क्षेत्र में किसी भी प्रकार से बाढ़ का कोई खतरा नही है। धीरे-धीरे नदी में पानी का बहाव भी कम होने लगा है। क्षेत्र में यमुना का चेतावनी बिंदु 231.000 व खतरे का निशान 231.500 मीटर पर निर्धारित है।
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