सच कहूँ स्पैशल : गर्मी की तपिश नहीं सहेंगे प्रदेश के 11 हजार सरकारी स्कूलों के बच्चे

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अब पूरे राजस्थान के सरकारी स्कूलों में उजियारा करेगी ‘उजास’

  • नागौर के कलैक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी ने शुरू की थी मुहिम ‘उजास’

  • 900 सरकारी स्कूलों में जनसहभागिता से पहुंचा चुके बिजली

अनिल कक्कड़/लखजीत चंडीगढ़/श्रीगंगानगर। कौन कहता है आसमां में छेद नहीं होता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो…ये पंक्तियां हर उस शख़्स पर लागू होती हैं जो हौंसला रखता है कुछ कर गुजरने का। ऐसा ही हौंसला राजस्थान के नागौर जिले के मौजूदा जिलाधिकारी डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने दिखाया, जब उन्होंने नागौर में चार्ज संभाला। जिले के 900 से ज्यादा स्कूलों में बिजली नहीं होने की रिपोर्ट मिलने पर डॉ. सोनी ने ठाना की गरीब बच्चों को अब बिजली के बिना गर्मी की तपिश में नहीं पढ़ना पड़ेगा, वे उन स्कूलों में बिजली पहुंचाएंगे। और उनकी हिम्मत और जन भागीदारी से आज करीबन 900 स्कूलों में बिजली पहुंचा दी गई है।

‘उजास’ मुहिम के तहत पहुंचाई गई बिजली से अब बच्चे गर्मी में पंखे की हवा के नीचे आराम से पढ़ाई कर सकेंगे। ‘उजास’ मुहिम की सफलता से प्रभावित प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने अब राज्य के सभी 11 हजार बिजली रहित सरकारी स्कूलों में बिजली पहुंचाने का ऐलान कर दिया है। इस बाबत 2 मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार समस्त जिलों में विद्युतविहीन राजकीय विद्यालयों में नागौर जिले में चलाए जा रहे ‘अभियान उजास’ की तर्ज पर राज्य के विद्युतविहीन विद्यालयों में भामाशाहों, ग्रामपंचायतों और यथा उपलब्ध विद्यालय कोष का उपयोग करते हुए विद्युत कनैक्शन करवाए जाने हैं। अत: जिले के विद्युतविहीन विद्यालयों का चयन कर इनमें विद्युतीकरण करवाया जाना सुनिश्चित किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं।

सच कहूँ ने प्रमुखता से उठाया था मामला

बता दें कि 21 फरवरी 2021 को सच कहूँ ने डॉ. सोनी की इस उपलब्धि को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद इस रिपोर्ट की मीडिया, सरकार और आम जन के बीच काफी चर्चा हुई। वहीं 2 मार्च को इस मुहिम को पूरे प्रदेश में लागू करने के आदेशों के बाद अब राजस्थान प्रदेश के हर सरकारी स्कूल में बिजली पहुंचेगी।

बहुत खुश हूँ, पूरे देश में कोई स्कूल बिजली के बिना न रहे : डॉ सोनी

वहीं ‘उजास’ मुहिम को मूर्त रूप देकर सरकार और जन सहभागिता की अनोखी मिसाल पेश करने वाले नागौर के जिलाधिकारी डॉ. सोनी ने सरकार द्वारा नागौर मॉडल को अपना कर पूरे प्रदेश में ‘उजास’ मुहिम लागू करने पर खुशी जताई। सच कहूँ से बातचीत में डॉ. सोनी ने कहा कि उन्होंने प्रशासकीय सेवा इसी मकसद से ज्वाईन की थी, कि ज्यादा से ज्यादा जनसेवा हो सके। उन्होंने कहा कि वे खुश हैं कि अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को गर्मी में तपिश का सामना नहीं करना पड़ेगा, वे अपनी पढ़ाई पंखे की हवा के नीचे आराम से कर सकेंगे। वहीं उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर एवं अन्य बिजली से चलने वाले पढ़ाई से संबंधित उपकरण भी मुहैया करवाए जाएंगे। डॉ. सोनी ने कहा कि उनकी इच्छा है कि पूरे देश में एक भी ऐसा सरकारी स्कूल न हो जहां बिजली न हो।

क्या है ‘उजास’ मुहिम

राजस्थान के नागौर जिले में ऐसे करीब 900 सरकारी स्कूल हैं, जहां कोविड के दौरान बिजली पहुंची है। इसमें दर्जनों विद्यालय ऐसे हैं, जहाँ के लोगों के लिए स्कूल में बिजली पहुँचना किसी सपने जैसा था। यह संभव हो पाया नागौर के जिलाधिकारी डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी की एक खास योजना, ‘उजास’ की वजह से। जुलाई 2020 में बनाई गई इस योजना में भागीदारी के लिए डॉ. जितेंद्र सोनी ने बड़े स्तर पर जिले के आम लोगों को इस योजना में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया। लोगों की मदद से सरकारी स्कूलों में बिजली पहुंच पाई है। इस अभियान में 80 फीसदी जन सहयोग और 20 फीसदी सरकारी पैसा लगा है। इस अभियान की विशेष बात ये है कि यह अभियान ऐसे समय शुरू किया गया जब कोविड की वजह से स्कूल बंद थे। इसके बावजूद नागौर के सरकारी विद्यालयों में एक ऐसा काम पूरा हुआ, जो पूरे देश के लिए मिसाल है।

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