आयी गर्मी की आहट, ठण्डे पानी के लिए मटके बनने शुरू

Earthen-utensils

स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है मटके का पानी

  • कई बीमारियों से राहत दिलाता है मटके का पानी

  • कुम्हारों ने शुरू किया मिटटी के मटके बनाने का कार्य

सादुलशहर (सच कहूं न्यूज/ कुलदीप गोयल)। गर्मियों में जब प्यास लगती है तो ठंडे पानी का ख्याल आता है। वैसे तो आजकल लगभग हर घर में फ्रिज है, जिसमें पानी आसानी से ठंडा हो जाता है लेकिन देसी फ्रिज कहे जाने वाले मटके के पानी की बात ही कुछ और है। मटके का पानी पीना सेहत के लिए कई मायनो में फ्रिज से बेहतर और फायदेमंद है। विशेषज्ञों के अनुसार मिट्टी में कई प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। पिछले कई दिनों से दिन में खिल रही धूप के कारण सुबह और शाम की ही सर्दी रह गई है।

बदलते मौसम गर्मी के आगमन को लेकर कुम्हारों द्बारा मिट्टी के मटके बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। पिछले दो दशक से मिट्टी के मटकों को बनाने का कार्य करने वाले कुम्हार का कहना है कि बेशक घरों में फ्रिज गए है लेकिन आज भी बहुत से लोग मटके के पानी को ही पीते है।

किसी भी मौसम में पिएं मटके का पानी

मटके का पानी कई अच्छे गुणों से भरपूर होता है। कई बार लोग मटके के पानी का प्रयोग सिर्फ गर्मियों में करते हैं, ऐसा कोई नियम नहीं है कि मटके का पानी सिर्फ गर्मियों में ही पीना है। अगर चाहें तो मटके का पानी सर्दियों में भी पी सकते हैं। साथ ही अगर मटका सही है तो उसका प्रयोग ताउम्र कर सकते हैं। आमतौर पर जब फ्रिज में पानी रखते हैं और उसका सेवन करते हैं तो इससे कभी-कभी जुकाम, गले में खराश, अस्थमा व खांसी की शिकायत होती है लेकिन वहीं मटके का पानी पीने से ऐसी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।

रख-रखाव हो सही

मटके में रखा पानी देर तक ठंडा रहे इसके लिए उसे ऐसी जगह पर रखा जाए जहां वह हिल-डुल न सके साथ ही इसे ढकने के लिए मिट्टी का ही ढक्कन प्रयोग करना चाहिए। मटके को हमेशा ऐसी जगह रखा जाना चाहिए जहां छांव हो और हवा भी आती रहे। मटके का पानी रोजाना बदलना चाहिए लेकिन अगर संभव न हो तो इसमें भरे पानी का एक हफ्ते से ज्यादा दिन तक प्रयोग नहीं करना चाहिए। एक हफ्ते बाद पानी को हर हाल में बदल लेना चाहिए।

कई तरह के मिटटी के उत्पाद हैं उपलब्ध

मार्केट में मटके के अलावा मिट्टी की सुराही, टंकी, जग, बोतल आदि भी मौजूद हैं। टंकी में टोंटी लगी होने के कारण पानी निकालने के लिए उसे बार-बार नहीं खोलना पड़ता। सुराही में मटके की अपेक्षा ज्यादा पानी ठंडा होता है वहीं बोतल को अपने साथ आॅफिस भी ले जा सकते हैं।

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