झज्जर सिंचाई विभाग ने नहीं कराई केसीबी ड्रेन की सफाई
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सफाई के नाम पर सिर्फ किनारों की खुरचन की
झज्जर (सच कहूँ/संजय भाटिया)। झज्जर जिले के छुड़ानी गांव में मातन लिंक और केसीबी ड्रेन टूटने से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। गांव के खेतों में पानी भरने से 500 एकड़ में उगाई गई धान की फसल बर्बाद हो गई। किसानों ने धान की फसल पर लाखों खर्च किया था। लेकिन सिंचाई विभाग की लापरवाही का वजह से यह ड्रेन टूट गई और खेतों में पानी भर गया। जानकारी मिलते ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया और कर्मचारियों को ड्रेन ठीक करने में लगाया।
किसान अनिल, महत्व और अजीत ने आरोप लगाया कि झज्जर सिंचाई विभाग ने समय पर केसीबी ड्रेन की सफाई नहीं करवाई बल्कि सफाई के नाम पर सिर्फ किनारों की खुरचन की गई। किसानों ने प्रदेश सरकार से इस बर्बादी का मुआवजा देने की मांग की है। किसानों ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी और सिंचाई विभाग ने भी किसानों की सुध नहीं ली। कुछ दिन पहले मातन लिंक ड्रेन की स्ट्रेनथिंग का भी करीब 2 करोड़ से ज्यादा का टेंडर लगाया गया था। लेकिन इसका काम भी मानसून से पहले पूरा नहीं हुआ।
किसानों ने कहा कि रोहतक सिंचाई विभाग ने अपने हिस्से में केसीबी ड्रेन की सफाई करवाई है, लेकिन झज्जर के सिंचाई विभाग के हिस्से में केसीबी की न तो सफाई और न ही छंटाई। इसी वजह से हर साल केसीबी ड्रेन टूटती है और उनकी बेशकीमती फसल बर्बाद हो जाती हैं। ग्रामीणों ने झज्जर सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही के लिए कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है। वहीं सिंचाई विभाग के एसडीओ जगदीप सिंह दलाल ने कहा कि उन्होंने फिलहाल ड्रेन की मरम्मत करवा दी हैै। जल्द मातन लिंक ड्रेन के ऊपर मिट्टी डाल दी जाएगी। अगली बरसात से पहल दोनों ड्रेन की मरम्मत करवा दी जाएगी, ताकि किसानों को फसलों का नुकसान ना हो।
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