यूक्रेन में घुसी रूसी सेना, रूस ने अमेरिकी चेतावनियों को किया दरकिनार

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नई दिल्ली (एजेंसी)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी इलाके ‘लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक’ और ‘डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक’ को स्वतंत्र और संप्रभु राज्यों के रूप में मान्यता दे दी है। यही नहीं पुतिन के आदेश पर रूसी सेना यूक्रेन के इस इलाके में घुस गई है जहां उसका सैन्य अड्डा बनाकर लंबे समय तक बने रहने का इरादा है। रूस के इस कदम पर अमेरिका और पश्चिमी देश भड़क उठे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी रूस के कदम की निंदा
की है। अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार डॉक्टर ब्रह्मद्वीप अलूने कहते हैं कि रूस के लिए यूक्रेन नेपाल की तरह से है। उन्होंने कहा कि जीरो सम गेम अंतरराष्ट्रीय राजनीति में होता है। इसमें एक की जीत होती है और दूसरे की हार होती है। यूक्रेन रूस के लिए एक धुरी राष्ट्र है। मानो अगर नेपाल भारत के खिलाफ हो जाए तो पूर्वोत्तर का इलाका संकट में आ जाएगा। इसी तरह से यूक्रेन रूस के लिए है। यूक्रेन के नाटो से जुड़ने से रूस की सुरक्षा व्यवस्था संकट में पड़ जाएगी। डॉक्टर अलूने कहा कि यूक्रेन के नाटो से जुड़ने की योजना की रूस भड़का हुआ है। उन्होंने कहा कि तनाव चरम पर है लेकिन अभी तीसरे विश्वयुद्ध की संभावना कम है।

जानें, रूस और यूक्रेन विवाद पर अब तक क्या हुआ

  •  ब्रिटिश प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने मंगलवार को कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की धज्जियां उड़ा दी हैं इसलिए ब्रिटेन रूस पर प्रतिबंध लगाने वाला है।
  • यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने मंगलवार को कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) यूक्रेन की संप्रभुता का समर्थन करता है और डोनेट्स्क व लुहान्स्क के स्वघोषित गणराज्यों को मान्यता देने के लिए रूस की निंदा करता है।
  • यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र (संरा) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (संरासुप) बैठक में यहां पूर्वी क्षेत्र में सैनिकों को तैनात करने वाले रूस के कदम पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि मामले को हल करने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।
  • अमेरिका ने कहा कि रूस का यह कदम यूक्रेन में घुसपैठ का एक बहाना है। हम और हमारे साथी इस बात को लेकर सहमत हैं कि अगर रूस और ज्यादा घुसपैठ करता है तो उसे जल्द और माकूल जवाब देना चाहिए। यह वो वक्त है, जब कोई किनारे पर खड़ा नहीं रह सकता है।
  •  यूूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर मंगलवार को एयर इंडिया की विशेष फ्लाइट यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए रवाना हुई।

अगर जंग हुई तो इसका असर आपकी जेब पर भी पड़ेगा

  • अगर संकट बढ़ता है तो कारोबार पर असर पड़ेगा। धातुओं और कच्चे तेल की कीमतें बढ़ेंगी तो भारत में भी महंगाई चरम पर पहुंचेगी वहीं इस विवाद के कारण कच्चा तेल 95 डालर पहुंच गया है। आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ना माना जा रहा है।
  •  अगर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते है तो गाड़ी चलाना, ट्रांसपोर्ट, सब्जी महंगी हो जाएगी।
  •  भारत यूक्रेन से न्यूक्लियर रियेक्टर और बॉयलर खरीदता है, इसके अलावा खाने का तेल भी हम यूक्रेन से मंगाते हैं। भारत यूक्रेन को दवाएं और इलेक्ट्रिकल मशीनरी का निर्यात करता है।
  •  यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण सबसे बड़ा खतरा नेचुरल गैस की सप्लाई चेन के डैमेज होने के आसार है।
  •  रूस-यूक्रेन में तनाव के चलते सोना-चांदी में शानदार तेजी देखने को मिल रहा है। सोना एक बार फिर 51 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी 65 हजार रुपए प्रति किलो के करीब पहुंची।

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