एनजीटी ने पंजाब को ठोका 2 हजार करोड़ रूपये का जुर्माना

सॉलिड वैस्ट प्रॉजैक्ट 11 साल बाद भी हवा में, मेयर ने अधिकारियों को ठहराया जिम्मेवार

  • लोगों की सुविधा को लेकर लिए गए फैसलों प्रति गंभीर दिखाई नहीं दे रहे अधिकारी
  • अनेकों मीटिंगें हुई, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों

पटियाला। (सच कहूँ/खुशवीर सिंह तूर) नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पंजाब सरकार को कूड़े की सही ढंग से संभाल न करने पर 2000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के बाद राजनीति भी गरमा गई है। पटियाला में कूड़े की संभाल संबंधी लगने वाला सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट आज 11 साल बाद भी कहीं नजर नहीं आ रहा और यह सरकारी फाईलों में ही फंस कर रह गया है। इधर इस संबंधी पटियाला के मेयर ने अधिकारियों को आड़े हाथों लिया है और उनको उक्त जुर्माने की रकम पंजाब के खजाने की जगह इन अधिकारियों की जेब से निकलवाकर अदा करने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि साल 2011 दौरान पटियाला कॉप्रोरशन को सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट लगाने की जिम्मेवारी दी गई थी। सरकारी आदेशों पर निगम ने नजदीक के गांव दुद्धड़ की 20.33 एकड़ पंचायती जमीन 10 लाख रूपये प्रति साल के हिसाब से लीज पर एक्वायर की थी, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते सॉलिड वैस्ट मैनेजमैंट प्लांट का टैंडर नहीं लग पाया।

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उस समय लोकल बॉडी द्वारा अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे इस अहम प्रॉजैक्ट का टैंडर फेल हो गया। पटियाला के मेयर संजीव बिट्टू अनुसार इसके बाद नयी सरकार ने इस प्रॉजैक्ट को मोहाली में लगाने का प्रॉजैक्ट तैया किया। इस प्लांट संबंधी 3 अगस्त 2018 को पटियाला और गमाडा का सांझा टैंडर जारी किया गया था लेकिन इसका भी कोई असरदार नतीजा नहीं निकल सका। पहली बार अप्रैल 2011 दौरान सॉलिड वैस्ट मैनेजमैंट प्लांट का टैंडर तकनीकी कारणों के चलते पूरा नहीं हो सका और दूसरी बार सितंबर 2016 में जारी किया गया और इस बार भी यह टैंडर तकनीकी कारणों की भेंट चढ़ गया। सॉलिड वैस्ट रूल 2016 के तहत पटियाला नगर निगम ने घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रित करना यकीनी बनाना था। एकत्रित किए गए कूड़े में सूखा और गिल्ला अलग किया जाना होता है।

2016 में नोटीफिकेशन जारी होने के दो साल बाद भी सॉलिड वैस्ट मैनेजमैंट प्लांट न तो पटियाला और न ही मोहाली में स्थापित हो सका। यह समय पर नहीं लिए गए फैसलों का ही परिणाम है कि आज नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पंजाब पर 2 हजार करोड़ रुपये का मोटा जुर्माना लगाया है, जो पंजाब सरकार किसी न किसी रूप में पंजाब के तीन करोड़ से अधिक लोगों पर थोपेगी। मेयर अनुसार उन्होंने कूड़े के निपटारे, मुख्य डम्पिंग ग्राऊंड में रेमीडीएशन प्लांट स्थापित करने, घर-घर कूड़ा एकत्रित करने के साथ साथ सैमी अंडरग्राऊंड बिन, कम्पोस्ट पिट्ट, जन जागरूकता मुहिम और गिले और सूखे कूड़े को संभालने के लिए मटीरियल रिकवरी फैसिलिटी सैंटर स्थापिता करवाकर कूड़े की सही संभाल की कोशिश की, लेकिन बड़े प्रॉजैक्ट राज्य स्तरीय अधिकारियों की लापरवाहियों का शिकार होकर रह गए।

जिम्मेवार अधिकारियों की तनख्वाह, पैंशन या जायदाद से हो जुर्माने की वसूली : संजीव शर्मा

पटियाला के मेयर संजीव शर्मा बिट्टू ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अगर पंजाब सरकार अपने स्तर पर जुर्मान की अदायगी कर जिम्मेवार अधिकारियों को नजरअंदाज करती है तो यह पंजाब के लोगों के साथ बेइन्साफी होगी। उन्होंने कहा कि इस जुर्माने के लिए जिम्मेवार अधिकारियों की तनख्वाह, पैंशन या जायदाद से वसूली जानी चाहिए। मेयर ने कहा कि जिन बड़े प्रॉजैक्टों को राज्य, जिला या निगम स्तर के अधिकारी मुकंमल नहीं कर सके, असल में इस जुर्माने के लिए सीधे तौर पर वही जिम्मेवार हैं। संजीव बिट्टू ने पंजाब सरकार से मांग करते कहा कि अगर सीएम भगवंत मान मामले की जांच करवाते हैं तो जुर्माने की यह रकम जिम्मेवार अधिकारियोंं से वसूल कर एक नई मिसाल कायम की जा सकती है और फिर भविष्य में कोई भी अधिकारी इस मामले में लापरवाही नहीं दिखाएगा।

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