वाह! सरकारी विभाग, त्यौहार पर बिक गई मिठाइयां, अब आई सैंपल रिपोर्ट

Festival

– त्योहारी सीजन में लिए मिठाइयों के 343 सेंपल में से 77 सेंपल हुए फेल

  • सेंपल की रिपोर्ट इतनी देर से आने पर भी लोग उठा रहे सवाल

संजय कुमार मेहरा
गुरुग्राम। त्योहारों पर बेची जानी वाली मिठाइयों में मिलावटी से इंकार नहीं किया जा सकता। कहने को तो मिलावटी मिठाइयों पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य विभाग की ओर से सेंपल लेकर मिलावटी मिठाइयों को नष्ट कराया जाता है। त्योहार पर मिठाइयों के लिए गए सेंपल की अब रिपोर्ट आई है। खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन की ओर से कुल 343 सेंपल लिए गए थे, जिनमें से 77 के सेंपल फेल हुए हैं। यानी इनमें मिलावट थी। दुकानदारों ने तो मिलावटी मिठाइयां बेचकर लाखों की वारे-न्यारे कर लिए।

ये भी पढ़ें:-:आदमपुर में टूट नहीं पाया भजन लाल परिवार का सियासी तिलस्म

किसी भी बड़े त्योहार विशेषकर दीवाली पर मिठाइयों समेत अनेक खाद्य पदार्थों में मिलावट की अधिक संभावनाएं रहती ह। मिलावट खोरों पर शिकंजा कसने के लिए खाद्य संरक्षा विभाग को कार्रवाई करनी होती है। मिठाइयों की दुकानों में पहुंचकर सेंपल लेने होते हैं। होना तो यह चाहिए कि जिस मिठाई के सेंपल लिए जाते हैं, उसकी बिक्री रिपोर्ट आने तक नहीं की जानी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो पाता। विभाग तो सेंपल लेकर अपनी ओर से प्रक्रिया पूरी कर लेता है, लेकिन रिपोर्ट आने तक उस सेंपल वाली मिठाई की दुकानों पर धड़ल्ले से बिक्री होती रहती है। इस त्योहारी सीजन में भी ऐसा ही हुआ।

कुल 145 सेंपल में पायी गई गड़बड़ी

खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन की ओर से शहर में मिठाइयों के 343 सेंपल लिए गए। इसमें से 77 सेंपल फेल होने की रिपोर्ट सामने आई है। यानी इन मिठाइयों में मिलावट थी। मिलावट वाले सेंपल के अलावा 14 सेंपल ऐसे हैं, जिन पर पूरी जानकारी अंकित नहीं थी। 54 सेंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे। किसी न किसी रूप में 145 सेंपल में गड़बड़ी पाई गई। विभाग ने मिलावट खोर दुकानदारों को नोटिस जरूर दिए हैं। हो सकता है कि उन पर एफआईआर भी हो जाए। अदालत में केस चले, उन्हें सजा हो जाए, लेकिन वे मिलावटी मिठाइयां तो बिक चुकी हैं। लोगों की सेहत से खिलवाड़ तो हो चुका है।

खाद्य सुरक्षा विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा: अभय जैन

मानव आवाज संस्था के संयोजक अभय जैन एडवोकेट का कहना है कि सेंपल लेकर उनकी रिपोर्ट में देरी करना भी एक तरह से लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ है। किसी भी प्रोडक्ट की रिपोर्ट उसी दिन आनी चाहिए। तब तक उसकी बिक्री पर भी रोक लगनी चाहिए। खाद्य विभाग की यह कार्यप्रणाली सीधे तौर पर भ्रष्टाचार है। यह विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा है। छापेमारी सिर्फ दिखावे के लिए की जाती है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here