पहली बार ऑटोलॉगस फैट ट्रांसप्लांट के जरिए चेहरे को किया ठीक

क्षेत्र में पहली बार अग्रोहा मेडिकल में हुई यह सर्जरी

  • समर्पित चिकित्सकों ने बाउजी के सपने को साकार किया डॉ आशुतोष

उकलाना/अग्रोहा (सच कहूँ/कुलदीप स्वतंत्र)। महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज, अग्रोहा चिकित्सा जगत में क्षेत्र और प्रदेश में हर दिन नए आयाम स्थापित कर रहा है। महाविद्यालय के सर्जरी एवं चर्म रोग विभाग ने क्षेत्र में पहली बार ऑटोलॉगस फैट ट्रांसप्लांट के जरिए चिकित्सा करने का कीर्तिमान अपने नाम किया है। चिकित्सकों की इस सफलता और प्रयास के लिए पूरे महाविद्यालय परिवार ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।

चर्म रोग विभाग से डॉ रितिका श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ वक्त पहले चेहरे पर गहरे गड्ढों से परेशान मरीज ने उनसे इलाज के लिए संपर्क किया था। जिसके बाद मरीज के कुछ परीक्षण करने के बाद और सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ स्वप्निल गर्ग से विचार कर उन्होंने मरीज के उन गड्ढों और दाग को खत्म करने के लिए ऑटोलॉगस फैट ट्रांसप्लांट करने का निश्चय किया। उन्होंने बताया कि डॉ स्वप्निल और डॉ राजेंद्र राठी ने सर्जरी के जरिए मरीज के शरीर से फैट निकालकर डॉ रितिका को दिया। जिसके बाद उसे प्रोसेस कर मरीज के उन गड्ढों को उस फैट से भरा गया। इलाज के बाद मरीज की त्वचा पहले से बेहतर हुई है और लंबे वक्त से परेशानी से गुजर रहे मरीज को काफी आराम मिला। डॉ रितिका ने बताया कि इस ईलाज के दौरान उन्हें डॉ स्वप्निल गर्ग का मार्गदर्शन रहा और डॉ राजेंद्र राठी और इंटर्न डॉ आयुष ने भी काफी सहायता की।

महाविद्यालय के चिकित्सकों की सफलता पर महाविद्यालय निदेशक डॉ अलका छाबड़ा ने कहा कि हमारे डॉक्टर्स न केवल प्रदेश बल्कि देश के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर्स से में से एक हैं और वे अपने मरीज के इलाज के लिए हर बेहतर विकल्प पर विचार करते हुए सबसे अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी हमारा महाविद्यालय इसी प्रकार चिकित्सकीय शिक्षा, इलाज, शोध और अन्य आयामों पर भी अपने आप को बेहतरीन साबित करने के लिए लगा रहेगा।
वही निदेशक प्रशासन डॉ आशुतोष शर्मा ने भी डॉक्टर्स को उनकी सफलता पर बधाई दी और कहा कि स्वर्गीय बाउजी ओम प्रकाश जिंदल के क्षेत्र के हर आम और खास व्यक्ति को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं देने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए न केवल महाविद्यालय परिवार बल्कि सभी चिकित्सक पूरे जी-जान से लगे हुए हैं। जिसके परिणाम स्वरूप महाविद्यालय हर दिन नई उपलब्धियां हासिल करते हुए प्रदेश में अपना नाम चमका रहा है। इसके लिए सभी डॉक्टर और महाविद्यालय परिवार बधाई और प्रशंसा के पात्र हैं।

महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज के जनसंपर्क अधिकारी अंकित राज शर्मा ने बताया कि महाविद्यालय के चिकित्सक पूर्ण समर्पण के साथ मरीजों को अच्छा विकल्प देकर उनके रोग दूर करते हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी जोड़ बदलने, त्वचा के कैंसर, न्यूरो सर्जरी जैसी जटिल चिकित्सा को हर तबके के लिए उपलब्ध कराने के लिए महाविद्यालय परिवार हमेशा से तत्पर रहा है और समर्पित डॉक्टर्स की निगरानी में महाविद्यालय नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

क्या होता है ऑटोलॉगस फैट ट्रांसप्लांट ?

कई बार देखने में आता है कि चोट लगने, अपूर्ण विकास या चिकन पॉक्स जैसी बीमारियों की वजह से चेहरे पर या शरीर के अन्य हिस्सों पर गड्ढे बन जाते हैं जो देखने में काफी बेकार लगते हैं। ऐसे में ऑटोलॉगस फैट ट्रांसप्लांट एक बेहतर विकल्प है। इस प्रक्रिया में मरीज के शरीर से सर्जरी के जरिए वसा निकाली जाती है और उसे एक विशेष प्रक्रिया से प्रोसेस करने के बाद आवश्यक अवयवों को मरीज के प्रभावित हिस्सों में स्थापित किया जाता है और उन गड्ढों को तकनीक के जरिए भरा जाता है इसके बाद कुछ वक्त में ही मरीज की त्वचा सामान्य हो जाती है और वह गड्ढे खत्म हो जाते हैं।

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