विधायक घनश्याम दास सर्राफ ने किया गीता जयंती महोत्सव में लगी स्टालों का अवलोकन

भिवानी (सच कहूँ/रविन्द्र रियाज)। भिवानी के स्थानीय किरोड़ीमल पार्क में आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव की थीम पर आधारित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दूसरे दिन भिवानी के विधायक एवं पूर्व मंत्री घनश्याम दास सर्राफ व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. वीपी यादव बतौर मुख्य अतिथि यज्ञमान के रूप में शामिल हुए। भिवानी के विधायक एवं पूर्व मंत्री घनश्याम दास सर्राफ ने कहा कि हजारो साल पहले हरियाणा राज्य के कुरूक्षेत्र के मैदान में भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था, जो आज भी पूरे विश्व में प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का प्रयास है कि गीता के उपदेशों को घर-घर में ही नही पूरे विश्व में इसका प्रचार-प्रसार किया जाए।

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गीता मजहब का भेद मिटाकर मिल कर रहने का संदेश देती है और गीता से हमें किसी भी प्रकार के लोभ से दूर रहने की प्रेरणा मिलती है। विधायक घनश्याम दास सर्राफ ने शनिवार को सबसे पहले गीता हवन में पूणार्हूती दी और श्रीमदभगवत गीता के समक्ष दीप पज्जवलित किया और गीता आरती की। उन्होंने महोत्सव में सरकार की विभिन्न जनहितकारी योजनाओं को लगाई गई प्रदर्शनी में स्टाल का अवलोकन भी किया। उन्होंने एक मुधर याद के तौर पर कलाकार बच्चों व प्रदर्शनी में भाग लेने वाले बच्चों के साथ फोटो भी करवाए। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए गीता के ज्ञान को जानना बहुत जरूरी है। गीता हमारा मार्गदर्शन करती है।

गीता से हमें यह संदेश मिलता है कि इंसान जैसे कर्म करता है, उसको उसी के अनुरूप फल मिलता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी इंसान के पास ज्ञान है तो उसके माध्यम से उसे दूसरों को शिक्षित करना चाहिए। इसी प्रकार यदि किसी के पास ताकत है तो किसी पर अत्याचार करने की बजाय कमजोर की रक्षा करनी चाहिए और यदि किसी के पास धन-दौलत है तो दीन-दुखियों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपना जीवन समाज की भलाई में लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गीता से कर्म करने की शिक्षा मिलती है।

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