सीएम मान द्वारा तस्करी रोकने के लिए ड्रोनों की रजिस्ट्रेशन शुरु करने की ‘वकालत’

Bhagwant Mann

प्रदेश में ओओएटी क्लीनिकों की संख्या बढ़ाकर 528 की, जेलों में भी बने 16 ओओएटी क्लीनिक

  • नशों के खतरे से निपटने के लिए मौजूदा कानूनों में और सख्त हिदायतें जोड़ने की वकालत की
  • अब तक लगभग एक हजार किलो हैरोइन जब्त और 22 हजार नशा तस्कर गिरफ्तार

चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को नशे के खिलाफ जंग में राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी देते हुए इस समस्या से निपटने के लिए मौजूदा कानूनों में सख्त प्रावधान जोड़ने की वकालत की। केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में ‘ड्रग ट्रैफिकिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर वर्चुअल तरीके से हिस्सा लेते हुए सीएम मान ने उन्हें बताया कि पंजाब पहला राज्य है, जिसने ड्रग तस्करी के खिलाफ कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने, ड्रग को पकड़ने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स और एसटीएफ पुलिस स्टेशन का गठन किया है। Bhagwant Mann

मुख्यमंत्री ने (Bhagwant Mann) कहा कि राज्य सरकार ने नशीली दवाओं के खतरे से निपटने के लिए तीन-आयामी रणनीति अपनाई है जिसमें कानून प्रवर्तन, नशा मुक्ति और नशीली दवाओं की रोकथाम (ईडीपी) शामिल है। उन्होंने कहा कि ईडीपी में नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ कानून प्रवर्तन, नशीली दवाओं के दुरुपयोग के पीड़ितों की नशामुक्ति और कमजोर वर्गों, छात्रों, युवाओं और आम जनता की सुरक्षा के माध्यम से रोकथाम शामिल है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में एक विशेष एंटी-नारकोटिक सेल का गठन किया गया है और एनडीपीएस अधिनियम के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए प्रत्येक जिले में विशेष नामित अदालतें स्थापित की गई हैं। दवाओं के परीक्षण के लिए एसएएस नगर में एक फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला और लुधियाना, बठिंडा और अमृतसर में तीन क्षेत्रीय एफएसएल स्थापित की गई हैं। मान ने कहा कि राज्य सरकार ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को 2000 वर्ग गज का एक प्लॉट आवंटित किया है और क्षेत्रीय कार्यालय, जोनल आवासीय केंद्र और समर्पित नारको फोरेंसिक साइंस प्रयोगशाला के निर्माण के लिए अमृतसर में 2.5 एकड़ जमीन की मंजूरी जारी की गई है।

 

मुख्यमंत्री ने (Bhagwant Mann) कहा कि पंजाब में मादक पदार्थों की तस्करी सीमा पार पाकिस्तान, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर से हो रही है। उन्होंने मांग की कि ड्रोन का पंजीकरण अनिवार्य किया जाना चाहिए क्योंकि यह गंभीर चिंता का विषय है कि ड्रोन का उपयोग अब हथियारों/हेरोइन/विस्फोटकों की सीमा पार डिलीवरी के लिए किया जा रहा है। भगवंत मान ने कहा कि पुलिस ड्रोन के जरिए नशे की सप्लाई रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार है और 2019 से अब तक 491 ड्रोन देखे गए हैं और 51 ड्रोन बरामद किए गए हैं।

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नशीली दवाओं के खतरे पर और अधिक प्रभावी नियंत्रण के लिए सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री ने वकालत की कि पाकिस्तान के साथ लगती पंजाब की पूरी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एंटी ड्रोन तकनीक/जैमर लगाए जाएं ताकि दवाओं और हथियारों की तस्करी को रोका जा सके। इसी तरह, उन्होंने कहा कि पंजाब में अधिमानत: अमृतसर में एक अत्याधुनिक क्षेत्रीय ड्रोन फोरेंसिक लैब स्थापित की जा सकती है ताकि ड्रोन की उत्पत्ति, गंतव्य और मार्ग मानचित्र का पता लगाया जा सके। भगवंत मान ने कस्टम डेटाबेस तक पहुंच की भी मांग की ताकि अन्य देशों से आने वाले संदिग्ध कंटेनरों की ड्रग तस्करी के दृष्टिकोण से जांच की जा सके। भगवंत मान ने कहा कि जमीनी स्तर पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग के पीड़ितों को नशा मुक्ति सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य में आउट पेशेंट ओपियोइड असिस्टेड ट्रीटमेंट (ओओएटी) क्लीनिकों की संख्या बढ़ाकर 528 कर दी गई है, जिनमें जेलों में 16 क्लीनिक भी शामिल हैं।

सीएम मान (Bhagwant Mann) ने कहा कि 16 मई, 2023 तक ड्रोन आधारित डिलीवरी से 56 हैंड ग्रेनेड, 126 पिस्तौल/रिवॉल्वर, 11 एके-47 और अन्य राइफलें, 9.5 किलोग्राम आरडीएक्स के साथ कुल लगभग 1000 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई है। उन्होंने कहा कि सत्ता संभालने के बाद उनकी सरकार ने नशीली दवाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और एक अप्रैल, 2022 से 13 जुलाई, 2023 तक एनडीपीएस अधिनियम के तहत 16554 मामले दर्ज किए गए हैं और 22,349 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। भगवंत मान ने कहा कि ड्रग मनी के 66 प्रस्तावों में 26.72 करोड़ की संपत्ति सक्षम प्राधिकारी द्वारा जब्त कर ली गई है।

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