सरसा। MSG Bhandara: पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार दिवस पर पूज्य गुरु जी ने 160वां नया मानवता भलाई का कार्य शुरु किया, जिसके तहत थैलेसिमिया पीड़ित मरीजों का शाह सतनाम जी सुपर स्पैशलिटी अस्पताल सरसा में मुफ्त इलाज करवाया जाएगा और खूनदान किया जाएगा। साध-संगत ने दोनों हाथ खड़े कर इस मानवता भलाई के कार्य में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने का प्रण लिया।
जानें, 160 मानवता भलाई कार्यों की लिस्ट
भंडारे पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, खुशियोें का छाया आलम
डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार दिवस का एमएसजी भंडारा बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। इस शुभ अवसर पर भारी तादाद में साध-संगत ने शिरकत की। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार दिवस और श्री गुरु नानक देव जी महाराज के प्रकाश पर्व की साध-संगत को बधाई दी। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी ने गुरुमंत्र की अनमोल दात बख्शकर भारी तादाद में लोगों से नशे और बुराइयां छुड़वाई। इस मौके मानवता भलाई के कार्यांे के तहत पावन भंडारे पर 732 जरूरतमंदों को कंबल, 732 बच्चों को कपड़े व 7 जरूरतमंदों को ‘आशियाना मुहिम’ के तहत बनाकर दिए गए घरों की चाबियां सौंपी गर्इं।
वहीं साध-संगत की सुविधा के लिए जिम्मेवार सेवादारों द्वारा सभी तरह के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। साध-संगत के बैठने के लिए मुख्य पंडाल सहित 10 पंडाल तैयार किए गए थे, जोकि पावन एमएसजी भंडारा शुरू होने से कुछ समय बाद ही साध-संगत से खचाखच भर गए व साध-संगत ने सड़कों के अलावा ट्रैफिक ग्राउंड्स में भी खड़े होकर पावन एमएसजी भंडारा श्रवण किया। इस अवसर पर दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं को ट्रैफिक पंडाल से मुख्य पंडाल तक लाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए। इस शुभ अवसर पर सर्द हवाओं के बीच डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु नाच-गाकर खुशी मनाते रहे। क्या बच्चे, क्या युवा, क्या बुजुर्ग सभी ने अपने-अपने तरीके से खुशी मनाई। पावन अवतार दिवस की खुशी में शाह सतनाम, शाह मस्तान जी धाम व मानवता भलाई केन्द्र, डेरा सच्चा सौदा व शाह मस्तान, शाह सतनाम जी धाम व मानवता भलाई केन्द्र, डेरा सच्चा सौदा को बहुत ही मनमोहक लड़ियों, रंगोली आदि से सजाया गया। मुख्य पंडाल से लेकर ट्रैफिक पंडालों व अन्य पंडालों तक देश-विदेशों से साध-संगत नाचती-गाती, खुशी मनाती हुई पहुंची।















