
Israeli Air Force attacks on Iran: तेल अवीव। इज़रायल और ईरान के बीच जारी टकराव अब और तेज़ हो गया है। इज़रायली वायुसेना (IAF) के लगभग 20 लड़ाकू विमानों ने केरमंशाह, हमीदान और तेहरान सहित कई इलाकों में एक साथ हवाई हमले किए हैं। इज़रायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने पुष्टि की है कि इन हमलों में 30 से अधिक सैन्य ठिकानों और उपकरणों को निशाना बनाया गया। Israeli Air Force attack
IDF के अनुसार, इन हमलों का उद्देश्य ईरान की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना और इज़रायली नागरिकों की सुरक्षा के लिए हवाई नियंत्रण स्थापित करना था। जिन लक्ष्यों को निशाना बनाया गया उनमें मिसाइल भंडारण केंद्र, प्रक्षेपण स्थल, रडार प्रणाली, उपग्रह संचार केंद्र और तेहरान के पास स्थित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली शामिल है।
अमेरिका ने भी की ईरानी परमाणु ठिकानों पर कार्रवाई
इस बीच, 13 जून से जारी इस संघर्ष में अब अमेरिका भी खुलकर सामने आ गया है। भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4:30 बजे अमेरिका ने ईरान की तीन प्रमुख परमाणु स्थलों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर अचानक हवाई हमले किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस कार्रवाई के बाद कहा कि यदि ईरान इस संघर्ष को समाप्त करने पर सहमत नहीं होता, तो उस पर और भी घातक हमले किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “अब ईरान को पीछे हटना ही होगा।”
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की शांति की अपील | Israeli Air Force attack
इस बढ़ते संघर्ष को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में गहरी चिंता जताई। उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने और शांति के मार्ग पर लौटने का आग्रह किया। गुटेरेस ने कहा, “हम शांति के प्रयास को छोड़ नहीं सकते, और न ही हमें छोड़ना चाहिए। आगे किसी भी प्रकार की उकसावे की कार्रवाई से बचना होगा और कूटनीति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।” उन्होंने जोर देकर कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर पारदर्शी और सतत वार्ता ही दीर्घकालिक समाधान का रास्ता है।