Snakes News: अनु सैनी। आपने फिल्मों या लोककथाओं में उड़ते हुए सांपों के बारे में जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सिर्फ कल्पना नहीं है बल्कि हकीकत भी है? जी हां, उड़ने वाले सांप (Flying Snakes) वास्तव में मौजूद होते हैं। ये सांप पेड़ से पेड़ तक हवा में छलांग लगाकर ग्लाइड करते हैं और यह नज़ारा इतना हैरान कर देने वाला होता है कि जो भी इसे पहली बार देखता है, उसकी आंखें खुली रह जाती हैं।
कैसे उड़ते हैं उड़ने वाले सांप? Snakes News
इन सांपों की उड़ान का रहस्य उनके शरीर की बनावट में छिपा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक उड़ने वाले सांप Chrysopelea नामक जीनस से संबंधित हैं। ये सांप मुख्य रूप से दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के घने जंगलों में पाए जाते हैं — खासकर भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर में। इनका शरीर बेहद लचीला और हल्का होता है, जिससे यह आसानी से ऊंचे पेड़ों पर चढ़ जाते हैं। जब ये छलांग लगाते हैं, तो अपने शरीर को चपटा कर लेते हैं, जिससे यह हवा में पैराशूट की तरह तैरता है। अपने शरीर को “S” आकार में मोड़कर ये हवा में संतुलन बनाए रखते हैं और इसी वजह से ये दूर तक ग्लाइड (Glide) कर पाते हैं। इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक भाषा में “Undulation” कहा जाता है। यानी, ये वास्तव में उड़ते नहीं हैं बल्कि हवा की दिशा और गति का इस्तेमाल करके लंबी छलांग लगाते हैं।
क्यों करते हैं ये उड़ान भरने जैसी छलांग?
उड़ना इन सांपों की जीवनशैली का हिस्सा है। यह न सिर्फ शिकार पकड़ने में मदद करता है बल्कि शिकारी जानवरों से खुद को बचाने का भी तरीका है। जब कोई बड़ा पक्षी या जानवर इन पर हमला करता है, तो ये तेजी से पेड़ की शाखा से छलांग लगाकर हवा में ग्लाइड करते हुए दूसरे पेड़ पर पहुंच जाते हैं।
कई बार ये अपने शिकार — जैसे कि छोटे पक्षी, छिपकली, मेंढक और चमगादड़ — को पकड़ने के लिए भी उड़ान भरते हैं। यह उनकी प्राकृतिक सुरक्षा और शिकार दोनों की रणनीति का हिस्सा है।
उड़ने वाले सांपों की प्रमुख प्रजातियां
वैज्ञानिकों ने अब तक उड़ने वाले सांपों की पांच प्रमुख प्रजातियों की पहचान की है, जिनमें से तीन सबसे प्रसिद्ध हैं —
1. गोल्डन ट्री स्नेक (Golden Tree Snake):-
भारत और श्रीलंका के जंगलों में पाया जाने वाला यह सांप चमकीले सुनहरे और हरे रंग का होता है। इसकी लंबाई लगभग 1 मीटर तक होती है और यह पेड़ों पर तेजी से चढ़ने की क्षमता के लिए जाना जाता है।
2. पैराडाइज ट्री स्नेक (Paradise Tree Snake):-
यह प्रजाति मलेशिया, सिंगापुर और फिलीपींस में पाई जाती है। इसके शरीर पर काले, पीले और हरे रंग के सुंदर पैटर्न होते हैं, जो इसे बेहद आकर्षक बनाते हैं।
3. ट्विन-बार्ड ट्री स्नेक (Twin-Barred Tree Snake):-
यह अपेक्षाकृत छोटा उड़ने वाला सांप है, जो मलेशिया और सुमात्रा के वर्षावनों में पाया जाता है। इसका शरीर हल्का और फुर्तीला होता है, जिससे यह आसानी से पेड़ से पेड़ पर छलांग लगा लेता है।
क्या ये इंसानों के लिए खतरनाक होते हैं?
कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि अगर ये सांप उड़ सकते हैं, तो क्या यह इंसानों पर हमला कर सकते हैं?
वैज्ञानिकों के अनुसार, ये सांप हल्के जहरीले होते हैं लेकिन इंसानों के लिए खतरनाक नहीं हैं। ये केवल छोटे जीव-जंतुओं जैसे कीड़े-मकोड़े, पक्षी, छिपकली और चमगादड़ का शिकार करते हैं। अगर इन्हें छेड़ा जाए या डराया जाए, तो ये आत्मरक्षा में काट सकते हैं, लेकिन इनके ज़हर का असर बहुत मामूली होता है। इसलिए इन्हें इंसानों के लिए “नॉन-थ्रेटनिंग स्पीशीज़” (Non-Threatening Species) माना जाता है।
कितनी ऊंचाई से और कितनी दूर तक उड़ते हैं?
सिंगापुर के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययनों में पाया गया है कि उड़ने वाले सांप लगभग 30 फीट (करीब 9 मीटर) की ऊंचाई से छलांग लगाकर 60 फीट (करीब 18 मीटर) तक हवा में ग्लाइड कर सकते हैं। इस दौरान उनका शरीर हवा में ऐसे फैलता है जैसे कोई पतंग या पैराशूट, जिससे वे धीमी गति से नीचे आते हैं और आसानी से दूसरे पेड़ की डाल तक पहुंच जाते हैं।
प्रकृति का अनोखा कमाल
उड़ने वाले सांप प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक हैं। इनके शरीर की बनावट, उड़ान की तकनीक और जीवित रहने का तरीका विज्ञान के लिए भी रहस्य से कम नहीं। वैज्ञानिक इन पर लगातार शोध कर रहे हैं ताकि यह समझा जा सके कि बिना पंखों के ये कैसे इतनी सटीकता से हवा में ग्लाइड कर पाते हैं।
इन उड़ने वाले सांपों को देखकर एक बात जरूर समझ आती है प्रकृति के पास ऐसे रहस्य भरे अजूबे हैं, जिन्हें जानना अपने आप में एक रोमांचक अनुभव है। धरती पर जीवन की विविधता और अनोखापन का यह एक शानदार उदाहरण है कि बिना पंखों के भी कोई जीव हवा में उड़ान भर सकता है!















