Causes of Protein in Urine: नई दिल्ली। शरीर की वृद्धि, मांसपेशियों की मजबूती और मस्तिष्क के सही विकास के लिए प्रोटीन अत्यंत आवश्यक माना जाता है। आमतौर पर लोग दाल, पनीर, दही, सोयाबीन तथा मांसाहारी भोजन के माध्यम से प्रोटीन प्राप्त करते हैं। किंतु कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है जब शरीर में मौजूद प्रोटीन मूत्र के माध्यम से बाहर निकलने लगता है। इस अवस्था को प्रोटीन्यूरिया कहा जाता है और आयुर्वेद तथा आधुनिक चिकित्सा—दोनों में इसे गंभीर संकेत माना गया है। Proteinuria Symptoms
किडनी का मुख्य कार्य रक्त को छानकर शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना है, लेकिन जब किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, तो वह अनावश्यक रूप से प्रोटीन को भी मूत्र के साथ बाहर निकालने लगती है। इससे किडनी पर दबाव बढ़ने के साथ-साथ संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। आयुर्वेद में इसे विशेष रूप से वात और कफ दोषों का असंतुलन माना गया है, जो धीरे-धीरे मूत्र प्रणाली और शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित कर सकता है।
प्रोटीन्यूरिया के प्रमुख लक्षण | Proteinuria Symptoms
- अत्यधिक झागदार या गहरे रंग का मूत्र
- यूरिन मार्ग में जलन या संक्रमण
- आंखों, टखनों या पैरों में सूजन
- शरीर थका-थका महसूस होना
- किडनी क्षेत्र में भारीपन या दर्द
- संक्रमण बढ़ने पर बुखार की संभावना
- आयुर्वेदिक दृष्टि से राहत के उपाय
किडनी को स्वस्थ रखना और शरीर को नियमित रूप से डिटॉक्स करना प्रोटीन्यूरिया से बचाव का प्रमुख उपाय माना गया है। आयुर्वेद में निम्न औषधियों और नियमों का उल्लेख मिलता है—
पुनर्नवा चूर्ण या रस
पुनर्नवा किडनी की सूजन कम करने में सहायक मानी जाती है। इसका सेवन प्रातः खाली पेट करने से शरीर में जल-संतुलन ठीक रहता है और किडनी पर अनावश्यक भार नहीं पड़ता।
गोखरू चूर्ण
गोखरू मूत्र प्रणाली को मजबूत बनाता है। इसमें सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं, जो किडनी की कार्यक्षमता में सुधार लाते हैं।
त्रिफला चूर्ण
त्रिफला पाचन बेहतर करता है, जिससे शरीर में टॉक्सिन कम बनते हैं और किडनी पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता। इसे सुबह व शाम दोनों समय लिया जा सकता है।
आहार संबंधी सावधानियाँ ô Proteinuria Symptoms
- भोजन में नमक कम मात्रा में लें।
- हल्के और सुपाच्य आहार को प्राथमिकता दें।
- लौकी, टिंडा, तोरी, परवल और मूंग दाल का सेवन बढ़ाएं।
- तले हुए, अत्यधिक मसालेदार तथा भारी भोजन से बचें।
- पानी पर्याप्त मात्रा में पिएँ, लेकिन एक साथ बहुत अधिक न लें।
सही जीवनशैली, नियंत्रित आहार और आयुर्वेदिक उपचारों के सहारे प्रोटीन्यूरिया के लक्षणों में काफी हद तक सुधार लाया जा सकता है। यदि समस्या बनी रहे, तो विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श अनिवार्य है। Proteinuria Symptoms















