मान सरकार ने खत्म किया पिछली सरकारों का ‘माफिया राज’! अरबों की सरकारी ज़मीन पर 3 बड़े प्रोजेक्ट शुरू, खुले रोज़गार और तरक्की के रास्ते

Chandigarh News
Chandigarh News: मान सरकार ने खत्म किया पिछली सरकारों का 'माफिया राज'! अरबों की सरकारी ज़मीन पर 3 बड़े प्रोजेक्ट शुरू, खुले रोज़गार और तरक्की के रास्ते

PUDA-GLADA की दशकों से खाली ज़मीनों पर मान सरकार का ‘विकास प्लान’: मंडी से लेकर वर्ल्ड-क्लास सेंटर तक, युवाओं के लिए खुलेंगे रोज़गार के नए दरवाज़े!

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज़)। Mann Government: पंजाब में अब सिर्फ़ बातें नहीं, ज़मीन पर काम हो रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में, बरसों से धूल फाँकती, बेकार पड़ी सरकारी ज़मीनों को आज विकास की नींव बनाया जा रहा है। वह बेशकीमती संपत्ति, जिस पर पिछली सरकारों ने दशकों तक आँखें मूंद रखी थीं और जिसे भू-माफिया ने अपना अड्डा बना लिया था, अब वापस जनता के हवाले हो रही है। यह महज़ ज़मीन का इस्तेमाल नहीं, यह इस बात का सबूत है कि सरकार की नीयत साफ़ है, और उसने पंजाब की रुकी हुई तरक्की का गियर बदल दिया है।

दशकों से जिस अरबों की सरकारी ज़मीन को पिछली सरकारों ने यूँ ही बेकार छोड़ दिया था, उसे अब ‘विकास’ की चाबी बनाया जा रहा है। पुडा (PUDA), ग्लाडा (GLADA) और अन्य विभागों की ये बेशकीमती संपत्तियाँ इतने लंबे समय तक सिर्फ इसलिए निष्क्रिय पड़ी रहीं क्योंकि कथित तौर पर एक वर्ग इन पर अप्रत्यक्ष रूप से कब्ज़ा या गलत इस्तेमाल कर रहा था। यह स्थिति सीधे-सीधे राज्य की प्रगति को रोके रखने का संकेत थी, लेकिन अब सरकार ने इस दशकों पुराने गतिरोध को तोड़ते हुए एक निर्णायक कार्रवाई शुरू कर दी है। Chandigarh News

मान सरकार का साफ़ कहना है कि अब रुकावट की राजनीति नहीं चलेगी और हर संसाधन का इस्तेमाल सीधे जनता के लाभ के लिए किया जाएगा। इस नीति के तहत, खाली पड़ी ज़मीनों को तुरंत बड़े प्रोजेक्ट्स में लगाया जा रहा है। उदाहरण के लिए, बुढलाडा में जो PUDA कॉलोनी की ज़मीन वर्षों से बस पड़ी थी, उसे अब स्थानीय किसानों के लिए एक आधुनिक और बड़ी मंडी बनाने में लगाया गया है। इसी तरह, लुधियाना में PunAgro के स्वामित्व वाली बेकार ज़मीन को अब एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेंटर बनाने की योजना है, जिससे पंजाब में निवेश और व्यापार को बड़ी रफ़्तार मिलेगी।

इस कार्रवाई ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। जहाँ सरकार इसे ईमानदारी और तेज़ विकास का प्रमाण बता रही है, वहीं कुछ विरोधी दल इस पर आपत्तियाँ उठा रहे हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि जो लोग आज इन विकास-उन्मुख फैसलों पर सवाल खड़े कर रहे हैं, वे असल में उस पुरानी व्यवस्था के संरक्षक थे, जिसके तहत ये ज़मीनें वर्षों तक बेकार और विवादों में फँसी रहीं। यह साफ संकेत है कि उन लोगों को प्रगति की यह रफ़्तार बिलकुल पसंद नहीं आ रही, जो अब तक पंजाब को रोककर बैठे थे। सरकार का स्पष्ट रुख है कि अब रुकावट और ठहराव की राजनीति नहीं चलेगी। यह हक़ की लड़ाई है और अब पंजाब के हर संसाधन पर पहला हक़ आम जनता का होगा, न कि किसी खास भ्रष्ट वर्ग का। Chandigarh News

यह भी पढ़ें:– गुरुग्राम पुलिस ने ऑटो में पकड़ा 20 किलो 700 ग्राम गांजा