
पानीपत। डेरा सच्चा सौदा की पावन शिक्षाओं को जीवन में उतारते हुए मानवता की निस्वार्थ सेवा में समर्पित रहने वाली नेत्रदानी माता राजरानी छाबड़ा इन्सां हाल ही में बीमारी के कारण सतगुरु चरणों में सचखंड जा विराजी थीं। उनकी पावन स्मृति में एल्डेको क्लब स्टेट-वन परिसर में एक श्रद्धासभा एवं नामचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें भारी संख्या में साध-संगत, परिजन, डेरा मैनेजमेंट, हरियाणा क्षेत्र के सेवादार संगठनों के प्रतिनिधि तथा अनेक सम्मानित नागरिक उपस्थित हुए। Panipat News

कार्यक्रम का शुभारंभ सच्चे नम्र सेवादार रमेश ढीगंडा इन्सां ने पवित्र नारा “धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा” के उद्घोष के साथ किया। इसके पश्चात कविराज भाइयों ने भक्ति-संगीत की मधुर धारा प्रवाहित करते हुए “चल दिए ओढ़ निभा के सतगुरु के प्यारे”, “बंदे छोड़ जाएगा इस जग को”, और “झूठा ये देश है, दो दिन का बसेरा” जैसे भावपूर्ण भजन प्रस्तुत किए, जिन्हें सुनकर वातावरण में आध्यात्मिकता गहराई से व्याप्त हो गई।

नामचर्चा के दौरान पूज्य हज़ूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन वचनों को स्क्रीन के माध्यम से संगत ने श्रद्धा से श्रवण किया। माता राजरानी इन्सां ने अपने पूरे जीवन को डेरा सच्चा सौदा की शिक्षाओं और मानवता-सेवा के कार्यों को समर्पित किया। उन्होंने जरूरतमंदों की सहायता, सफाई अभियान, रक्तदान, वृक्षारोपण और नशामुक्ति जागरूकता जैसे अनेक नेक कार्यों में सदैव अग्रणी भूमिका निभाई।
31 परिवारों को राशन वितरण | Panipat News
माता जी के पुत्र रजनीश इन्सां ने बताया कि पूज्य गुरु जी की प्रेरणा के अनुसार माता राजरानी इन्सां हमेशा रूहानी मार्ग पर अग्रसर रहीं। उनके देहावसान के बाद परिवार ने उनकी स्मृति में 31 जरूरतमंद परिवारों को राशन वितरित किया, जिससे माता जी की सेवा-भावना को आगे बढ़ाया जा सके।
माता की स्मृति में बनेगा आशियाना | Panipat News
डेरा सच्चा सौदा के जिम्मेवार अनु इन्सां ने कहा कि माता का विछोह अत्यंत पीड़ादायक होता है, किंतु माता राजरानी इन्सां की विनम्रता, सेवा-भावना और मानवता के लिए समर्पण अद्वितीय था। उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाने हेतु परिवार ने एक जरूरतमंद परिवार के लिए मकान निर्माण कराने का संकल्प भी लिया है।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश-300 पौधों का वितरण | Panipat News
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए माता जी की याद में लगभग 300 पौधे संगत के मध्य वितरित किए गए, ताकि लोग अपने घरों के आसपास पौधारोपण कर वातावरण को स्वच्छ, सुंदर और हरा-भरा बनाने में योगदान दे सकें।













