बड़ा सवाल। अधूरे हथियारों के साथ कैसे जीती जाएगी कोरोना के खिलाफ जंग?

ventilator Sachkahoon

दान में मिले 15 वेंटिलेटर कर रहे परेशान

  • पार्ट पूरे न होने के चलते नहीं आ रहे काम

  • स्वास्थ्य विभाग ने कंपनी से इंजीनियर बुलाया

भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। कोरोना से बचाव का सबसे बड़ा रामबाण वेंटीलेटर है, लेकिन दान में मिले 15 वेंटीलेटर स्वास्थ्य विभाग को ही मुश्किल में डाल रहे हैं। क्योंकि दान में मिले ये वेंटीलेटर उपकरण पूरे न होने पर चालू नहीं हो पाए और चालू हो भी गए तो इन्हें चलाने वाला स्टाफ पर्याप्त नहीं है।

भिवानी के चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल में महामारी के दौरान सरकार, सांसद, समाजसेवियों द्वारा महामारी के दौरान 24 वेंटीलेटर भेजे गए। जिनमें 15 वेंटीलेटर अकेले गुरुग्राम वेयरहाउस द्वारा दान किए गए। इनके बाद भिवानी में महामारी से लड़ने की नई उम्मीद जगी। लेकिन ये उम्मीद उस समय धराशाही हो गई जब, दान में मिले 15 वेंटीलेटर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दम निकालने लगे। क्योंकि एक सप्ताह से भी ज्यादा समय से ये वेंटीलेटर चालू नहीं हो सके।

सीएमओ डॉ. सपना गहलावत ने बताया कि इन वेंटीलेटर के पार्ट पूरे नहीं हैं। कंपनी के इंजीनियर को बुलाया था, लेकिन पार्ट पूरे न होने पर वो भी चला नहीं पाया। उन्होंने कहा कि ट्रायल रन से पहले ड्राई रन ही नहीं हो पा रहा। सीएमओ का कहना है कि कंपनी के इंजीनियर को दोबारा बुलाया गया है और पार्ट खरीदे जा रहे हैं। उन्होंने जल्द इन्हें चलाने का भरोसा दिया।

हैरानी की बात ये है कि ये 15 वेंटीलेटर जैसे-तैसे चालू भी हो गए तो इनका मरीजों को कोई फायदा नहीं होने वाला। क्योंकि खुद सीएमओ का कहना है कि वेंटीलेटर चलाने वाले डॉक्टर व स्टाफ की बड़ी कमी है। जिसके लिए बार-बार उच्च अधिकारियों को लिखा है। उन्होंने कहा कि भिवानी नागरिक अस्पताल में फिलहाल 9 वेंटीलेटर चालू हैं और डॉक्टर व स्टाफ भी इतना है कि वो 9 वेंटीलेटर ही चला सकते हैं। इससे ज्यादा वेंटीलेटर हो या किसी मरीज के लिए वेंटीलेटर की जरूरत हो तो उसे पीजीआई रोहतक रेफर किया जाता है।

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