Bloody Rain: भारत में ऐसी जगह जहां 22 साल पहले हुई थी ‘खूनी बारिश’, आज भी अनसुलझी है इसकी पहेली

Bloody Rain
Bloody Rain: भारत में ऐसी जगह जहां 22 साल पहले हुई थी 'खूनी बारिश', आज भी अनसुलझी है इसकी पहेली

bloody rain: दुनिया में कई बार कुछ ऐसे घटनाएं घटित हो जाती है जिनके बारे में सुनकर भी आप हैरान हो जाते हैं, खास तौर पर जब आप इन अजीबो-गरीब घटनाओं को अपनी आंखों से देखते हैं तो ये आपको और हैरान कर देती है, क्योंकि आपका दिमाग इसे मानने को राज़ी नहीं होता इसी तरह की एक घटना कुछ साल पहले केरल में हुई थी, जो बहुत ही अजीब कहानी बया करती है, तो चलिए आपको इस घटना के बारे में बताते हैं।

कहां और कब हुईं थीं लाल बारिश? Mystery

दरअसल हम जिस लाल बारिश की बात कर रहे हैं, वो 22 साल पहले यानी 25 जुलाई 2001 को केरला में हुई थी। जिसे खूनी बारिश के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल 22 साल पहले अकेला के दो जिलों कोट्टयम और इदुक्की में लाल बारिश हुई थीं। लोकल लोगों ने इस बारिश को खूनी बारिश का करार दिया, कहा जाता है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। हां ये जरूर है कि 1896 में श्रीलंका के कुछ जगहों पर ऐसा जरूर हुआ था, लेकिन इस बारिश की मात्रा बेहद कम थी।

Bloody Rain
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क्या है खूनी बारिश के पीछे का रहस्य | bloody rain

आपको बता दे की साल 2001 में केरल के दो जिलों कोट्टयम और इदुक्की में लाल रंग की बारिश हुई थी। यह बात 25 जुलाई 2001 की है, उसे दिन अचानक से बहुत तेज हवाएं चलने लगी थी। तेज हवाओं के साथ-साथ बादलों में से बिजली भी कड़कने लगी थी और अचानक से बादलों की तेज गड़गड़ाहट के साथ मूसलाधार बारिश होने लगी। लेकिन केरल के लोगों की नजर बारिश के पानी पर पड़ी तो उसका रंग देखकर उनकी आंखें फटी की फटी रह गई थी। दरअसल बारिश के पानी का रंग बिल्कुल खून की तरह लाल था और हैरान करने वाली बात यह थी कि यह बारिश के पानी का लाल रंग कपड़ों पर भी खून की तरह पीले दाग छोड़ रहा था। ‌

जानकारी के मुताबिक केरल के कई इलाकों में काले, हरे और पीले रंग की भी बारिश हुई है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इस तरह की लाल रंग की बारिश केरल में 1896 में भी हुई थी। उसके बाद 2001 में 25 जुलाई से 23 सितंबर तक इसी तरह की बारिश देखने को मिली इसके बाद जून 2012 में भी केरल में ऐसा ही कुछ देखने को मिला।

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लाल बारिश का पैटर्न | bloody rain

इस लाल रंग की बारिश का एक खास तरह का पैटर्न था। यह हमेशा कुछ वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में नहीं हुई बल्कि बहुत ही स्थानीय क्षेत्र में है बारिश हुई। उस समय इस स्थानीय बारिश पैटर्न के पीछे का क्या कारण है यह स्पष्ट नहीं हो पाया था। इससे भी अधिक दिलचस्प बात यह है कि इस बारिश में लाल रंग की बारिश 20 मिनट से अधिक नहीं हुई थी।

क्या था इस खूनी बारिश के पीछे का कारण और असली वजह? bloody rain

2001 में बारिश के पानी के सैंपल सेण्टर फॉर अर्थ साइंस स्टडीज के पास भेजे गए। इस मामले में सीईएसएस का मानना था कि किसी उल्कापिंड के फटने की वजह से यह लाल रंग की बारिश हो रही है, हालांकि बाद में यह थ्योरी गलत साबित हुई और इसके बाद बारिश के पानी के सैंपल ट्रॉपिककल बॉटैनिकल गार्डन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट को भेजे गए। वहां माइक्रोस्कोपिक जांच में सामने आया कि बारिश का रंग लाल होने का कारण एक प्रकार का शैवाल है। इस शैवाल की छोड़ी हुएं कई जीवाणुओं से ही इस बारिश का पानी लाल हुआ है हालांकि केरल के बादलों में यह जीवाणु कैसे पहुंचे हैं आज भी यह बात रहस्य बनी हुई है।

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