एक लाख की कैंसर दवा जेनेरिक में 5 हजार में भी उपलब्ध

जयपुर. कैंसर रोग का नाम आते ही व्यक्ति डर जाता है। इसकी एक वजह इसका महंगा उपचार होना भी है। लेकिन राहत यह है कि कैंसर की दवाइयां भी सस्ती उपलब्ध है। कैंसर रोग चिकित्सकों का दावा है कि जेनेरिक होने के बावजूद ये दवाइयां गुणवत्ता व असर में उतनी ही प्रभावी है, जितनी कि ब्रांडेड दवाइयां। यह कहना है डॉ. हेमंत मल्होत्रा का। मल्होत्रा का कहना है कि कई ब्रांडों के नाम से एक लाख रुपए से भी Óयादा में बिकने वाली महंगी दवाइयां अब जेनेरिक में 5 हजार से भी कम में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इनकी गुणवत्ता में भी कोई संदेह नहीं है और ये अंतरराष्ट्रीय मानकों पर भी खरी हैं।
इंडियन सोसायटी ऑफ हिमेटोलॉजी एवं ब्लड ट्रांसफ्यूजन का 57वां वार्षिक सम्मेलन गुरुवार से 13 नवंबर तक बिड़ला सभागार में होगा। हिमेटोलॉजी की यह कांफ्रेंस जयपुर में पहली बार हो रही है। मल्होत्रा ने बताया कि अब कैंसर के उपचार में कई आधुनिक विधाएं आ चुकी है। इस पांच दिवसीय सम्मेलन से पहले प्रमुख अस्पतालों में वर्कशॉप होगी। पूरे सम्मेलन में करीब 1 हजार डॉक्टर शामिल होंगे। एजेंसी

 

 

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