जुलाना के एक दर्जन गांवों में बरसाती पानी से फसलें खराब

  • किसानों को निकासी का इंतजार ताकि दोबारा से लगा सके धान

जुलाना (सच कहूँ न्यूज)। क्षेत्र के दर्जन भर गांवों में बरसाती पानी से सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्र होने से खराब हो गई। किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं क्योंकि धान और कपास की फसल खराब हो गई हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें खराब हुई फसल का मुआवजा दिया जाए ताकि हो रहे आर्थिक नुकसान से छुटकारा मिल सके। बराड़ खेड़ा में 150 एकड़, गतौली गांव में 300 एकड़, करसोला गांव में 400 एकड़, बुढ़ा खेड़ा में 350एकड़, हथवाला में 300 एकड़, पौली गांंव में 500 एकड़, मालवी गांव में 400 एकड़, अकालगढ़ में 200 एकड़ फसल जलमग्र हो चुकी है।

किसानों का कहना है कि अगर निकासी जल्दी हो जाती है तो उनकी धान की फसल की दोबारा से रोपाई हो सकती है लेकिन कपास की फसल खराब हो चुकी है। खेतों के साथ साथ जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी तीन से चार फीट तक पानी का जलभराव हो चुका है और पानी निकासी का कोई भी प्रबंध नही है। मरीजों को काफी परेशानियों से होकर गुजरना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि अभी तक प्रशासन द्वारा निकासी व्यवस्था का कोई भी समाधान नही किया है। हर वर्ष बरसाती पानी से जुलाना क्षेत्र में हजारों एकड़ फसल खराब हो जाती है।

जिन गांवों में ड्रैन से पानी निकाला जा उनमें 24 घंटे पंप चलाए जा रहे हैं और जिन गांवों ड्रैन नहीं है, वहां पर पाइप लाइन बिछाकर पंप लगाकर पानी निकासी की व्यवस्था की जाएगी। काफी गांवों में पंप लगाए भी जा चुके हैं और निकासी हो रही है।
– कुलदीप वत्स,एक्सईन मकैनिकल विंग सिंचाई विभाग।

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