Internet Scam: कहीं आप इंटरनेट स्केमर्स की जद में तो नहीं, डिजिटल दुनिया में हर पांचवा भारतीय शिकार

Online Fraud
डिजिटल दुनिया में हर पांचवा भारतीय शिकार

Online Fraud: इस दुनिया में इंटरनेट का प्रयोग अपना तीसरा दौर पूरा करने जा रहा है, लेकिन जैसे-जैसे इंटरनेट पर सुविधा बढ़ती जा रही है, वैसे ही इंटरनेट पर ऑनलाइन फ्रॉड/ धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इन मामलों पर साइबर क्राइम एक्सपर्ट भी रोक नहीं पा रहे। इसके अलावा देशभर में प्रत्येक जिले में अलग से साइबर क्राइम थानों की भी स्थापना की गई है। इन थानों में उन्हीं पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को नियुक्त किया जाता है जो साइबर एक्सपर्ट हो। वैसे तो डिजिटल दुनिया लोगों को बैंकिंग सहित ऑनलाइन खरीदारी या विभिन्न प्रकार की सरकारी जानकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए सबसे उचित माध्यम है। Online Fraud

लेकिन इसी डिजिटल दुनिया में साइबर एक्सपर्ट इंटरनेट पर ऑनलाइन स्कैम्स चला रहे हैं। इसके झांसे में आमजान से लेकर बड़े स्तर के अधिकारी व नेता भी आते रहे हैं। खास बात यह है कि सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई सरकारी यूपीआई में भी इन स्केमर्स ने आसानी से सेंध लगा ली है। उससे भी बड़ी चिंता की बात है कि इन ऑनलाइन ठगों के पास तो हर किसी के फोन हैक करने की तकनीक उपलब्ध है। लेकिन हमारे देश के साइबर एक्सपर्ट के पास ऐसे लोगों पर नजर बनाए रखने के लिए कोई आधुनिक तकनीक नहीं है। एक सर्वे के अनुसार भारत का हर पांचवा व्यक्ति किसी ने किसी रूप से ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हुआ है।

यह सबसे बड़ा चिंतन का विषय हैं। लेकिन इस बारे में महत्वपूर्ण स्थान साइबर थानों की होती है। ये थाने अपनी जिम्मेदारी से ये कहते हुए भागते जाते हैं कि ऐसे अपराधी को पकड़ना आसान नही है। आज की डिजिटल दुनिया में हर कोई अपने फोन के माध्यम से ही सुविधाजनक ऑनलाइन खरीदारी करने की कोशिश करता है। इस ऑनलाइन खरीदारी ने एक तरफ जहां आम लोगों को सुविधा प्रदान करने का काम किया है। वहीं दूसरी ओर इंटरनेट स्कैम का धंधा यही से शुरू होता है। सवाल यह उठता है कि जो एप्प बैंक से अप्रूव्ड हो उसके माध्यम से ही फ्रॉड हो रहा हो तो उसका जिम्मेदार आखिर किसको माना जाए? इस संबंध में कोई जिम्मेदारी अभी तक तय नहीं की गई है।

सिर्फ एक ही बात कही जाती है कि जब भी आपके साथ किसी भी प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड का मामला हो तो तुरंत इसकी शिकायत ऑनलाइन नंबर के साथ-साथ नजदीकी किसी भी साइबर थाने में करए ताकि आपकी मदद करवाई जा सके। लोग एफआईआर दर्ज तो करवा देते हैं, लेकिन यह सिर्फ संबंधित थानों के दस्तावेज बनकर ही रह जाते हैं। किसी बड़े स्तर के अधिकारी या नेता के साथ किसी भी प्रकार की ऑनलाइन फ्रॉड या धमकी आती है तो उसे साइबर एक्सपर्ट ट्रैक करते हुए तुरंत काबू कर लेते हैं,लेकिन जब यही घटना किसी आमजन के साथ होती है तो इस व्यक्ति से कई प्रकार के सवाल किए जाते हैं? ऐसा नहीं होना चाहिए। दूसरी तरफ आम लोगों को भी किसी भी ऐप को अपने फोन में सेव करने से पहले संबंधित एप के बारे में अच्छी तरह से जानकारी ले लेनी चाहिए। Online Fraud

किसी के द्वारा भेजे गए लिंक या आपकी ईमेल आईडी या व्हाट्सएप सहित किसी भी सोशल मीडिया पर दिए गए ऐसे लिंक पर क्लिक करके कभी भी ऐप डाउनलोड नहीं करने चाहिए, क्योंकि संबंधित ऐप पर आपका पूरा डेटा मांगने के साथ-साथ आपसे लोकेशन की भी परमिशन ले ली जाती है। उसके बाद किसी भी बहाने से प्रलोभन देते हुए ओटीपी पूछा जाता है या फिर एक स्पेशल लिंक बनाकर खाते में पैसे जमा होने की बात कहते हुए उसे लिंक पर क्लिक होने की बात कही जाती है। ऐसा करते ही आपका खाता खाली हो सकता है। कई बार ऐसा भी होता है कि आपसे एक विशेष नंबर डायल करवाते हुए फिर ओटीपी की मांग की जाती है। जैसे ही आप ओटीपी बताते हैं तो आपका फोन का पूरा डेटा संबंधित व्यक्ति के फोन में सेव हो जाता है।

यानी आपका फोन हैक हो चुका होता है। इसके बाद स्कैमर को आपसे ओटीपी पूछने की भी जरूरत नहीं है, क्योंकि उसे आपकी ओर से परमिशन मिल चुकी होती है। ऐसा कभी भी नहीं करना चाहिए। साइबर क्राइम से बचने के लिए गूगल के किसी भी सर्च इंजन पर अपना पासवर्ड सेव न करें। ऐसा करने पर आपका पासवर्ड कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति के पास आसानी से पहुँच जाता है। दूसरा कभी-कभी आप ऑनलाइन खरीदारी करते हैं तो उस वक्त डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का नंबर, सीवीवी नंबर और पिन की जानकारी आपसे पूछी जाती है। साथ ही संबंधित वेबसाइट पर सेव का ऑप्शन आता है तो कभी भी उसे वेबसाइट पर अपने अकाउंट की डिटेल व पासवर्ड सेव करने से बचें। यदि आप ऐसा करते हैं तो ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार नहीं हो सकते। इसके अलावा आपके फोन में जितने भी जरूरी है गैर जरूरी ऐप्स डाउनलोड किए गए हैं, सेटिंग में जाते हुए उन सबकी लोकेशन परमिशन हमेशा के लिए बंद कर देनी चाहिए। Online Fraud

यह तरीका अपनाने के बाद आप काफी हद तक ऑनलाइन फ्रॉड से बच सकते हैं। इसके बावजूद भी यदि आपके साथ किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी या ऑनलाइन फ्रॉड हो तो सबसे पहले अपने बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से ऑनलाइन 1030 पर डायल करते हुए शिकायत दर्ज करवानी चाहिए। ऐसा यदि आप 24 घंटे से पहले करते हैं तो आपके साथ हुई ऑनलाइन ठगी की राशि साइबर एक्सपर्ट थाने की मदद से होल्ड करवाई जा सकती है। यह होल्ड हुई राशि आपके खाते में आपको मिल जाएगी। ऑनलाइन ठगी करने वालों के तरीके हर रोज बदलते रहते हैं। आजकल लोन की जरूरत हर किसी व्यक्ति को रहती है। लोन से संबंधित विज्ञापन सोशल मीडिया पर आते रहते हैं। इस तरह से सोशल मीडिया पर दिए गए विज्ञापन की मदद से कभी भी कोई भी एप डाउनलोड ना करें।

ऐसा ऐप डाउनलोड करते ही आपसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक अकाउंट नंबर व आईएफएससी कोड सहित सभी निजी जानकारी से सेव करवा ली जाती है। ऐसी स्थिति में ऑनलाइन ठग आपके खाते को हैक करते हुए उसमें मोबाइल नंबर बदल देते हैं और फिर आपके खाते को ठगी के काम में प्रयोग करते हैं। यानी पैसे आपके खाते में आते रहेंगे लेकिन निकालेंगे ऑनलाइन ठग। यह तरीका आजकल सबसे अधिक ट्रेंड में है। इसके अलावा डेबिट/ क्रेडिट कार्ड बंद होने या आपके खाते में बैलेंस कम होने की बात कह कर ऑनलाइन कॉल करते हैं। आपके बैंक से संबंधित डेबिट/ क्रेडिट कार्ड से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी ले लेते हैं। Online Fraud

यह भी ऑनलाइन ठगी का एक पुराना तरीका है, जो आज भी चल रहा है। ऐसी स्थिति में आपको कभी भी ऐसी कॉल आती है तो उन्हें कुछ भी जानकारी बताने से बचते हुए संबंधित बैंक में जाकर अपना खाता वेरीफाई करवा लें। यदि आपको कभी ऐसा लगे कि आपके साथ ऑनलाइन फ्रॉड हो चुका है या होने वाला है,तो ऐसी आप संबंधित बैंक के कस्टमर केयर पर जाकर अपने खाते व डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक करवा दें। ऐसी स्थिति में भी ऑनलाइन फ्रॉड होने से बच सकते हैं। डिजिटल दुनिया में कदम रखना अच्छी बात है पर उससे कहीं ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। महज एक सावधानी आपके साथ संभावित ऑनलाइन फ्रॉड के रास्ते बंद कर सकती है।                                                                                                                    डॉ. संदीप सिंहमार, वरिष्ठ लेखक एवं स्वतंत्र लेखक।

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