एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में चल रहा है आईएएस अनीता यादव का केस
- गृह मंत्री तक भी पहुंचा मामला, अब 5 करोड़ मांगने वाले पर केस दर्ज
गुरुग्राम। (सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा) एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में चल रहे केस में से नाम हटवाने की बात पर महिला आईएएस अधिकारी अनीता यादव से 5 करोड़ रुपये की रकम की मांग की गई है। उन्हें सीधे कहा गया है कि 5 करोड़ रुपये दो और इस केस में जांच से नाम हटवा लो। अगर यह रकम नहीं देतीं हैं तो परिणाम भुगतने की भी धमकी उन्हें दे डाली। मामला गृह मंत्री अनिल विज तक भी पहुंचा। अब गुरुग्राम में अधिकारी अनीता यादव की शिकायत पर 5 करोड़ रुपये की मांग करने वाले व धमकी देने के आरोपी पर केस दर्ज किया गया है।
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जानकारी के अनुसार एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में एक मामले में जांच चल रही है। इस मामले में आईएएस अधिकारी अनीता यादव का भी नाम शामिल है। अनीता यादव को एक व्यक्ति ने कॉल की। आरोप है कि उसने अधिकारी अनीता यादव से एसीबी में चल रहे केस से नाम हटवाने की एवज में 5 करोड़ रुपये की मांग कर डाली। अधिकारी अनीता यादव ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि 3 मार्च 2023 को उनके पास एक अनजान व्यक्ति की कॉल आई। उसने अपना नाम ऋषि बताया और कहा कि उसे किसी राजनेता ने उनसे संपर्क करने के लिए कहा गया है। एसीबी में जिस केस में उनका नाम है, उस केस से नाम हटवाने के लिए 5 करोड़ रुपये देने होंगे। अगले दिन 4 मार्च को फिर से उसने अधिकारी अनीता यादव से संपर्क किया।
इस दौरान धमकी भरे लहजे में कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि अगर 5 करोड़ रुपये देने से इंकार किया तो इसके परिणाम भुगतने होंगे। उसकी पूरी बात को अधिकारी अनीता यादव ने रिकॉर्ड भी कर लिया। इसके बाद पुलिस में उन्होंने शिकायत दी है। शिकायत में उन्होंने पुलिस को रिकॉर्डिंग भी दी है, ताकि कोई संशय ना रहे। आईएएस अधिकारी अनीता यादव ने कहा है कि वे इस मामले से स्तब्ध हैं। शिकायत में भी उन्होंने कहा है कि दो दिन में जिस तरह से वाकया हुआ है, उससे उन्हें सदमा भी लगा है। वे अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित हैं। सेक्टर-50 थाना में के एसएचओ राकेश कुमार के मुताबिक आईएएस अधिकारी अनीता यादव की शिकायत पर रंगदारी का मामला दर्ज करने के साथ आरोपी द्वारा की गई कॉल की जांच शुरू कर दी गई है।
फरीदाबाद नगर निगम में घोटाले का है केस
आईएएस अधिकारी अनीता यादव को लेकर जिस मामले में एसीबी जांच कर रही है, वह फरीदाबाद नगर निगम का है। हाल ही में यह जांच एसीबी को सौंपी गई है। फरीदाबाद के निगम पार्षदों की ओर से आरोप लगाए गए थे कि फरीदाबाद निगम में साल 2017 से 2019 के बीच सड़कों से लेकर अन्य कार्यों में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ था। जांच में पता चला कि मौके पर कोई काम नहीं हुआ और करोड़ों रुपये के बिलों का भुगतान ठेकेदारों को मिलीभगत करके कर दिया गया। वर्ष 2020 में घोटाले को निवर्तमान दीपक, महेंद्र सरपंच, सुरेंद्र अग्रवाल समेत अन्य कई लोगों ने शिकायत देकर इस मामले में जांच की मांग उठाई थी। इसमें कथित रूप से करीब 100 करोड़ रुपये का घोटाला होने की बात कही गई थी। इस केस में एक अन्य आईएएस अधिकारी सोनल गोयल का भी नाम शामिल है। उनकी भी एसीबी जांच कर रही है।
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